Amethi: रामगंज क्षेत्र के नरहरपुर गांव में खड़ंजा विवाद पर खूनी संघर्ष, चार घायल

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| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |

अमेठी के नरहरपुर गांव में भूमि विवाद ने लिया हिंसक रूप

Amethi जिले के रामगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नरहरपुर गांव में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब खड़ंजा (ईंट बिछाने) के विवाद को लेकर दो पक्षों में लाठी-डंडे और पथराव के साथ जोरदार मारपीट हो गई। घटना में कुल चार लोग घायल हो गए हैं और घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।


🔍 विवाद की जड़: खड़ंजा बिछाने को लेकर बढ़ा तनाव

मामला एक रास्ते पर खड़ंजा (ईंट बिछाने) को लेकर उपजा। जानकारी के अनुसार, धर्मेंद्र कुमार पाल, सचिन पाल और राकेश पाल द्वारा जबरन खड़ंजा लगाया जा रहा था। इस पर गांव के ही राजाराम पाल, गंगाराम पाल और कल्पा देवी ने विरोध जताया। विरोध होते ही बात बढ़ गई और देखते ही देखते दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई जो कुछ ही देर में हिंसक झड़प में बदल गई।


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🧱 ईंट बिछाने को लेकर सुलग रहा था विवाद

ग्रामीणों के अनुसार यह विवाद पिछले कुछ समय से स्थानीय स्तर पर दबा हुआ था, परंतु शनिवार को जब एक पक्ष ने जबरन खड़ंजा बिछाने का प्रयास किया, तो मामला हिंसा तक पहुंच गया। लोग यह भी बता रहे हैं कि रास्ते को लेकर किसी प्रकार का आधिकारिक निर्देश या पंचायत का निर्णय नहीं था, जिससे मामला और भी पेचीदा हो गया।


👊 लाठी-डंडे और पथराव, चार लोग घायल

घटना के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया। कुछ लोगों ने पत्थर भी चलाए, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। मारपीट में कल्पा देवी को हाथ और सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि राजाराम पाल और गंगाराम पाल को भी चोट पहुंची है। दूसरे पक्ष के राम केवल पाल भी मारपीट में घायल हुए हैं।

📌 कुल घायल:

  • कल्पा देवी – सिर और हाथ में चोट
  • राजाराम पाल – चोटिल
  • गंगाराम पाल – हल्की चोटें
  • राम केवल पाल – दूसरे पक्ष से घायल

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📹 घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

घटना का एक वीडियो, जिसमें दोनों पक्षों को मारपीट और पथराव करते हुए देखा जा सकता है, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिलाएं भी झगड़े के बीच मौजूद थीं और लोग उन्हें रोकने के बजाय लाठी उठा रहे थे।

यह वीडियो प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि गांवों में छोटी-छोटी बातों पर भी कैसे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है


👮 पुलिस की भूमिका और कार्यवाई

घटना की सूचना मिलते ही रामगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।

थाना प्रभारी, रामगंज का बयान:
“दोनों पक्षों से तहरीर प्राप्त हुई है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।”


⚖️ दर्ज धाराएं और संभावित कार्यवाई

पुलिस ने जो FIR दर्ज की है, उसमें प्रारंभिक रूप से मारपीट, गाली-गलौज, गंभीर चोट पहुंचाने और शांति भंग की धाराएं शामिल की गई हैं। यदि वीडियो में स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं तो अतिरिक्त धाराएं जैसे जानलेवा हमला (307), सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान आदि भी जोड़ी जा सकती हैं।


🧑‍🤝‍🧑 गांव में तनावपूर्ण शांति

घटना के बाद नरहरपुर गांव में तनाव का माहौल है। हालांकि, पुलिस की तैनाती के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन लोगों के बीच डर और असुरक्षा की भावना बनी हुई है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते हस्तक्षेप न किया गया होता, तो घटना और बड़ी हो सकती थी


💬 स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

“इस रास्ते को लेकर कई बार विवाद हो चुका है, लेकिन प्रशासन ने कभी स्थायी समाधान नहीं किया।” – ग्रामीण रामजीत पाल

“जब महिलाओं को मारा गया, तब सबने आंखें फेर लीं। गांव में अब डर का माहौल है।” – चश्मदीद महिला


📜 Amethi में स्थानीय विवाद बढ़ रहे हैं गंभीर रूप में

Amethi जिले में हाल के महीनों में भूमि, रास्ता और सार्वजनिक उपयोग की जमीन को लेकर कई विवाद सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश विवाद प्रशासनिक स्तर पर हल नहीं हो पाए और अंततः हिंसा में बदल गए।

यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायतों को समय रहते हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और छोटी बातें बड़े हादसे में न बदलें


⚠️ सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से बढ़ी जवाबदेही

घटना के वायरल वीडियो ने प्रशासन को भी कटघरे में ला खड़ा किया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि:

  • गांव में पुलिस की गश्त क्यों नहीं थी?
  • पंचायत स्तर पर विवाद क्यों नहीं सुलझाया गया?
  • क्या अब सोशल मीडिया का वीडियो ही कार्यवाई का आधार बनेगा?

📍 क्या पंचायतें हो रही हैं निष्क्रिय?

गांवों में आमतौर पर पंचायतों के माध्यम से विवादों को सुलझाने की परंपरा रही है, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीतिक हस्तक्षेप, पक्षपात और निष्क्रियता के कारण पंचायतें समस्या सुलझाने में विफल हो रही हैं। नरहरपुर की घटना भी यही दर्शाती है।


📌 निष्कर्ष: Amethi को चाहिए प्रशासनिक सजगता

Amethi जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए स्थानीय प्रशासन को अधिक सतर्क, उत्तरदायी और पारदर्शी होने की आवश्यकता है। नरहरपुर गांव की यह घटना यह बताने के लिए काफी है कि छोटे-छोटे विवाद भी तबाही का कारण बन सकते हैं, यदि उन्हें समय रहते नियंत्रित न किया जाए।

Khursheed Khan Raju

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