Amethi news: संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ अमेठी जिले में बाल श्रम रोकथाम को लेकर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, होटलों, ढाबों और बाजारों में व्यापक चेकिंग की गई। अभियान के दौरान दुकानदारों और व्यापारियों को सख्त हिदायत दी गई कि यदि भविष्य में किसी भी प्रकार से बच्चों से जबरन या स्वेच्छा से श्रम कराया गया तो संबंधित विभाग द्वारा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभियान की अगुवाई
Amethi news रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान का नेतृत्व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर गौरव श्रीवास्तव और उनकी टीम ने किया। उनके साथ एएचटीयू प्रभारी और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की टीम भी मौजूद रही। संयुक्त प्रयास के चलते जिले के कई हिस्सों में जागरूकता फैलाई गई और संदिग्ध जगहों पर छापेमारी की गई।
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बाल श्रम पर कानून और प्रशासन की सख्ती
Amethi news अपडेट में बताया गया कि बाल श्रम (Child Labour) भारत में कानूनी अपराध है। यदि कोई व्यक्ति 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम करवाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। इस दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों को स्पष्ट रूप से चेताया कि वे बच्चों से काम न करवाएं। अगर कोई दुकानदार या होटल संचालक भविष्य में इस अपराध में पकड़ा गया तो उसे जेल और जुर्माने दोनों का सामना करना पड़ेगा।
रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और होटलों में चेकिंग
Amethi news की ताज़ा जानकारी के अनुसार टीम ने अमेठी के प्रमुख रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर चेकिंग की। साथ ही होटलों और ढाबों में काम करने वाले बच्चों की स्थिति की जांच की गई। दुकानों पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई और जिन स्थानों पर बच्चों के काम करने की संभावना थी, वहाँ टीम ने गंभीरता से निरीक्षण किया।
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महिलाओं और बच्चों को किया गया जागरूक
इस अभियान का एक अहम हिस्सा महिलाओं और बच्चों को जागरूक करना भी रहा। Amethi news के मुताबिक, चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने बताया कि यदि किसी को कहीं भी बाल श्रम कराया जाता दिखे तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क करें। यह नंबर पूरी तरह निःशुल्क है और 24×7 उपलब्ध रहता है।
टीम ने उपस्थित महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी। महिलाओं को समझाया गया कि बच्चों को श्रम में झोंकने के बजाय उन्हें शिक्षा और सुरक्षित वातावरण देने की जिम्मेदारी हर परिवार की है।
दुकानदारों को मिली हिदायत
अभियान के दौरान बाजार और दुकानों में विशेष रूप से निगरानी की गई। दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई कि वे किसी भी परिस्थिति में नाबालिग बच्चों को काम पर न रखें। Amethi news में बताया गया कि कई दुकानदारों ने टीम को आश्वासन दिया कि वे आगे से बच्चों से काम नहीं कराएंगे और समाज को जागरूक करने में सहयोग देंगे।
Amethi news: स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय नागरिकों ने इस अभियान का स्वागत किया और इसे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी कदम बताया। कई लोगों ने कहा कि अक्सर गरीब परिवार आर्थिक तंगी के चलते बच्चों को काम पर भेज देते हैं, लेकिन ऐसे अभियानों से उन्हें जागरूक किया जा सकता है कि बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित माहौल देना ही उनका पहला अधिकार है।
प्रशासन की भविष्य की कार्ययोजना
Amethi news रिपोर्ट बताती है कि यह अभियान एक दिन का नहीं होगा बल्कि इसे नियमित रूप से चलाया जाएगा। आने वाले समय में प्रशासन स्कूलों, पंचायतों और शहरी निकायों के साथ मिलकर लोगों को और अधिक जागरूक करेगा। साथ ही जिन दुकानों और होटलों में बाल श्रम पाया जाएगा, वहाँ सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक मजबूत कदम
यह पहल इस बात का सबूत है कि सिर्फ अपराध और राजनीति तक ही सीमित नहीं है बल्कि सामाजिक बदलाव की खबरों से भी जुड़ा हुआ है। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, AHTU और RPF की यह संयुक्त कार्रवाई बच्चों के भविष्य को संवारने और उन्हें सुरक्षित वातावरण देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस अभियान ने साबित कर दिया है कि जब प्रशासन, समाज और जागरूक नागरिक एक साथ आते हैं तो किसी भी बुराई को समाप्त किया जा सकता है। बाल श्रम के खिलाफ यह जंग तभी सफल होगी जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और बच्चों को काम पर लगाने के बजाय उन्हें पढ़ाई और खेलों में प्रोत्साहित करे।
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