अमेठी संवाददाता :- मोहम्मद तौफ़ीक़
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शहरुन खान और सोनू पासी का विवाह इन दिनों चर्चा में है। विवाह के बाद शहरुन खान ने अपनी नई पहचान मोनी पासी के रूप में जीवन आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। यह निर्णय आपसी सहमति और सामाजिक स्वीकार्यता के साथ लिया गया, जिसने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है।
अमेठी का सामाजिक वातावरण इन दिनों एक अनोखी और संवेदनशील कहानी के कारण चर्चाओं में है। शहरुन खान और सोनू पासी का विवाह न केवल दो व्यक्तियों के मिलन का प्रतीक है, बल्कि व्यक्तिगत निर्णय, स्वीकृति और सामाजिक सौहार्द की मिसाल भी पेश करता है। शहरुन खान द्वारा विवाह के बाद अपनी पहचान बदलकर मोनी पासी के रूप में नए अध्याय की शुरुआत करना लोगों के बीच उत्सुकता और चर्चा का प्रमुख कारण बना हुआ है।

विवाह और नई पहचान का निर्णय
परिवार के सदस्यों और परिचितों के अनुसार, यह पूरा निर्णय आपसी सहमति से लिया गया। मोनी पासी के अनुसार, उनकी प्राथमिकता अपने वैवाहिक जीवन में शांति, सम्मान और प्रेम को सुनिश्चित करना है। यह परिवर्तन उनके व्यक्तिगत चुनाव और जीवन में स्थिरता की चाह का प्रतीक माना जा रहा है। सामाजिक तौर पर भी इस निर्णय को सकारात्मक दृष्टि से देखा जा रहा है, क्योंकि इसमें किसी प्रकार की मजबूरी या दबाव का उल्लेख सामने नहीं आया। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन से जुड़े बड़े निर्णय लेने का अधिकार है, बशर्ते वह सहमति और सम्मान के साथ लिया जाए।

आश्रम में आशीर्वाद लेकर नई शुरुआत
विवाह सम्पन्न होने के बाद नवदंपति ने सगरा बाबूगंज स्थित स्वामी परमहंस आश्रम पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया। आश्रम में प्रवेश करते ही दोनों ने मंदिरों में माथा टेककर अपने नए जीवन की शुभ शुरुआत की कामना की। आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी जी महाराज ने दंपति को आशीर्वाद देते हुए उनके वैवाहिक जीवन के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त कीं। आश्रम में उपस्थित भक्तों और अन्य आगंतुकों ने भी नवविवाहित जोड़े का स्वागत किया, जिससे वातावरण में सकारात्मकता और शुभकामनाओं की भावना दिखाई दी।
अमेठी के सामाजिक और धार्मिक परिवेश से जुड़े लोग इस घटना को एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि व्यक्तिगत निर्णय, आस्था, विश्वास और पहचान के मुद्दों में परस्पर सम्मान अत्यंत आवश्यक है। लोगों का कहना है कि समाज में सौहार्द बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत चुनाव को सम्मान दिया जाए, चाहे वह विवाह से जुड़ा हो या पहचान से।

मोनी पासी ने स्वयं कहा कि वह अपने विवाह को प्रेम, सम्मान और शांति के साथ आगे बढ़ाना चाहती हैं। उनका यह वक्तव्य बताता है कि उनकी प्राथमिकता संबंधों में स्थिरता और सामंजस्य बनाए रखना है। नई पहचान और नए रिश्ते के साथ उनका यह कदम जीवन में एक नया अध्याय खोलने जैसा है। शहरुन खान उर्फ मोनी पासी और सोनू पासी का विवाह तथा आश्रम में उनका आगमन अमेठी में चर्चाओं का मुख्य विषय बना हुआ है। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि जब व्यक्तिगत निर्णय सहमति और सम्मान के साथ लिए जाते हैं, तो वे समाज में सकारात्मक संदेश देते हैं |