News Time Nation | वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल
संवाददाता, मो. तौफ़ीक
घटना का पूरा विवरण
Amethi जिले के जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के श्रीरामगंज चौराहा पर उस समय अफरातफरी मच गई जब एक बिजली की दुकान में अचानक कोबरा सांप दिखाई दिया। यह दुकान उसमान नामक व्यक्ति की है। दुकान में सांप दिखने के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
दुकान मालिक उसमान ने तुरंत ही वन विभाग और डायल 112 पर सूचना दी। मौके पर वन विभाग से फ़ारेस्टर ओम प्रकाश पहुंचे। लेकिन यहां लोगों को उस समय हैरानी हुई जब फ़ारेस्टर ने खुद सांप पकड़ने की कोशिश नहीं की।
सांप पकड़ने वाला कोई विशेषज्ञ नहीं बल्कि दुकानदार का भाई
मौके पर जुटी भीड़ यह उम्मीद कर रही थी कि वन विभाग के कर्मचारी सक्रिय होकर सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि सांप को पकड़ने का काम किसी सर्प मित्र या वन विभाग के कर्मी ने नहीं बल्कि खुद दुकान मालिक के भाई ने किया।
उसमान के भाई ने हिम्मत दिखाते हुए स्नेक स्टिक की मदद से कोबरा को काबू में कर लिया और फिर उसे फ़ारेस्टर ओम प्रकाश को सौंप दिया। इसके बाद फ़ारेस्टर ने उस सांप को जंगल में छोड़ दिया।
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वन विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना के बाद से ही वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
- आखिर फ़ारेस्टर ने खुद सांप पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की?
- क्या वन विभाग के पास प्रशिक्षित स्टाफ और उचित उपकरणों की कमी है?
- स्थानीय लोगों की जान जोखिम में डालकर वन विभाग केवल औपचारिकता निभा रहा है?
इन सवालों को लेकर क्षेत्र के लोगों में चर्चा का माहौल है।
अमेठी में सांपों की बढ़ती घटनाएं
Amethi जिले में बारिश के मौसम में अक्सर सांप निकलने की घटनाएं सामने आती हैं।
- खेतों, दुकानों और घरों में सांप घुस जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं।
- वन विभाग को लगातार कॉल आते हैं लेकिन कई बार समय पर मदद नहीं पहुंचती।
- कई बार स्थानीय लोग ही हिम्मत दिखाकर सांप को पकड़ लेते हैं।
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विशेषज्ञों की राय
वन्य जीव संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि –
- सांप पकड़ने का काम बिना ट्रेनिंग और सुरक्षा उपकरणों के करना बेहद खतरनाक है।
- वन विभाग को हर ब्लॉक और कस्बे में प्रशिक्षित सर्प मित्रों की टीम तैनात करनी चाहिए।
- आम जनता को भी जागरूक किया जाए कि सांप को मारने के बजाय सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ें।
जनता की मांग
इस घटना के बाद Amethi की जनता की मुख्य मांगें हैं:
- हर थाने के अंतर्गत कम से कम एक प्रशिक्षित सर्प मित्र तैनात किया जाए।
- वन विभाग के कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण (snake catcher stick, safety gloves, box) दिए जाएं।
- सांप निकलने की घटनाओं पर तुरंत और प्रभावी कार्यवाही हो।
- आम लोगों को रिस्क में न डाला जाए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के समय मौजूद स्थानीय लोगों का कहना था कि –
- “जब फ़ारेस्टर मौके पर आए तो सभी को उम्मीद थी कि अब सांप सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया जाएगा। लेकिन जब उन्होंने केवल खड़े होकर तमाशा देखा तो हम सब हैरान रह गए।”
- कुछ लोगों ने कहा कि यह वन विभाग की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण है।
- कई लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जिससे मामला चर्चा में आ गया।
सोशल मीडिया पर चर्चा
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं।
- कुछ लोगों ने कहा कि अगर जनता को ही अपने दम पर सांप पकड़ना है तो फिर वन विभाग की जरूरत ही क्या है।
- कुछ ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “फ़ारेस्टर केवल सांप को जंगल छोड़ने के लिए पहुंचे थे, पकड़ने के लिए नहीं।”
- वहीं कुछ लोगों ने उसमान के भाई की हिम्मत की सराहना की और कहा कि वह असली ‘सर्प मित्र’ साबित हुए।
कानून और वन्य जीव संरक्षण
भारत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सांपों को मारना अपराध है।
- कोबरा सांप एक संरक्षित प्रजाति है।
- ऐसे मामलों में वन विभाग की जिम्मेदारी होती है कि वह सुरक्षित तरीके से सांप को पकड़े और उसे जंगल में छोड़े।
- लेकिन अगर वन विभाग खुद इस जिम्मेदारी से बचता है तो यह सीधी-सीधी लापरवाही है।
अमेठी में वन विभाग की चुनौतियाँ
अमेठी जिले में वन विभाग की कार्यशैली को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
- कई बार शिकायतों पर विभाग समय से नहीं पहुँचता।
- उपकरणों और प्रशिक्षित स्टाफ की भारी कमी है।
- आम जनता को जागरूक करने के लिए भी कोई ठोस अभियान नहीं चलाया जाता।
लोगों की अपेक्षाएँ
अमेठी की जनता चाहती है कि –
- वन विभाग को जवाबदेह बनाया जाए।
- हर तहसील और ब्लॉक स्तर पर एक रेस्क्यू टीम गठित हो।
- घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित हो।
- सांप पकड़ने वाले प्रशिक्षित लोगों को पहचान पत्र और मान्यता दी जाए।
- स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।
समापन टिप्पणी
अमेठी के श्रीरामगंज चौराहे पर हुई यह घटना केवल एक सांप निकलने की घटना नहीं है बल्कि यह सवाल खड़ा करती है कि –
- क्या वन विभाग वास्तव में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है?
- क्या जनता को हर बार अपनी जान जोखिम में डालकर समस्याओं का समाधान खुद करना होगा?
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि Amethi जिले में वन विभाग को अपनी कार्यप्रणाली बदलनी होगी और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
अमेठी के श्रीरामगंज चौराहे पर हुई यह घटना यह दर्शाती है कि वन विभाग की कार्यशैली में गंभीर सुधार की आवश्यकता है। अगर उसमान के भाई ने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
Amethi जैसे बड़े जिले में वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ जनता की जान-माल की सुरक्षा भी वन विभाग की जिम्मेदारी है। लोगों की उम्मीद है कि इस घटना के बाद संबंधित अधिकारी स्थिति का संज्ञान लेंगे और आगे से ऐसी लापरवाही नहीं होगी।