
Ayodhya। देश भर के किसानों की आवाज़ बनने वाली भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की जिला इकाई अयोध्या ने आज तहसील सदर स्थित तिकोनिया पार्क में अपनी मासिक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में किसानों की समस्याओं को लेकर गहन मंथन हुआ और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया।
बैठक की अध्यक्षता डॉ. रामजन्म वर्मा ने की, जबकि संचालन जिला संगठन मंत्री रामसूरत ने किया। महिला विंग की ओर से जिला अध्यक्षा सुमन पांडे भी विशेष रूप से मौजूद रहीं। इस पंचायत ने न केवल किसानों की बुनियादी समस्याओं को उठाया, बल्कि संगठन के आंतरिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ भी की गईं।
हमारे यूट्यूब चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। …
Ayodhya में किसान पंचायत: 10 सूत्रीय ज्ञापन के साथ प्रशासन को चेतावनी
इस मासिक पंचायत का मुख्य उद्देश्य किसानों की लंबित समस्याओं को प्रमुखता से उठाना था। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने 10 सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह को सौंपा, जिसमें मुख्य रूप से शामिल थे:
- फसलों का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया जाए
- सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हो
- सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों को समय पर मिले
- आवारा पशुओं से फसल बचाव हेतु ठोस योजना बने
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती रोकी जाए
- लंबित मुआवज़ा जल्द मिले
- भू-अधिकार पट्टा वितरण में पारदर्शिता लाई जाए
- सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार पर रोक लगे
- खाद व बीज की कालाबाज़ारी पर सख्त कार्यवाई हो
- किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़े लोन की प्रक्रिया सरल की जाए
यह ज्ञापन सौंपते हुए संगठन ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर एक माह के भीतर ठोस कार्यवाई नहीं होती, तो वे जिला स्तरीय आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे। …
Ayodhya नगर निगम के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
महानगर महासचिव बाबूराम ग्राम कुशवाहा ने नगर निगम अयोध्या के झलकारी बाई वार्ड नंबर 3 में जलभराव की गंभीर समस्या को उठाया। उन्होंने कहा कि:
“रास्तों पर महीनों से जलभराव है, जिससे आवागमन बाधित है और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर चेताया गया है कि यदि एक सप्ताह में निस्तारण नहीं हुआ, तो संगठन 150 कार्यकर्ताओं के साथ घेराव करेगा।”
यह बयान साफ दर्शाता है कि अब संगठन स्थानीय शहरी समस्याओं पर भी सक्रियता से काम कर रहा है।
Ayodhya में संगठनात्मक मजबूती की दिशा में नए नियुक्तियाँ
मासिक पंचायत के दौरान संगठन ने आंतरिक मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ कीं:
✅ पूनम यादव (देवपुर)
महिला सचिव, अयोध्या
महिला विंग को सशक्त बनाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
✅ राम प्रसाद वर्मा
जिला कार्यकारिणी सदस्य
उनकी कार्यशैली को देखते हुए महानगर अध्यक्ष पद से पदोन्नत किया गया।
✅ बाबूराम
महानगर अध्यक्ष, अयोध्या
अब तक महासचिव पद पर कार्यरत रहे, अब संगठन की कमान सौंप दी गई है।
✅ हजारीलाल चौरसिया
जिला संयोजक, अयोध्या
संगठनात्मक रणनीति और जनसंपर्क अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इन नियुक्तियों से स्पष्ट है कि संगठन अब Ayodhya जिले में जमीनी स्तर पर विस्तार और कार्यकर्ता प्रशिक्षण पर जोर दे रहा है।
Ayodhya में किसानों के मुद्दों पर एकजुटता की लहर
पंचायत में आए किसानों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को खुलकर रखा। कई किसानों ने बताया कि:
- गन्ना मूल्य का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला
- स्थानीय लेखपाल और कानूनगो से भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं
- ग्रामीण सड़कों की हालत बदतर है, ट्रैक्टर तक नहीं जा पाते
इन समस्याओं को सुनने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि अब प्रत्येक तहसील स्तर पर संघर्ष मोर्चा तैयार किया जाएगा।
Ayodhya: अब केवल आंदोलन नहीं, समाधान की मांग
जहाँ एक ओर संगठन आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट है कि किसान अब आंदोलन नहीं, समाधान चाहते हैं। बार-बार धरने, ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन के बाद भी यदि प्रशासन नहीं सुनता, तो आंदोलन अब राजनीतिक दबाव में बदलेगा।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की यह नीति साफ दर्शा रही है कि संगठन अब “संवाद + दबाव = समाधान” की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी: Ayodhya में नया संकेत
सुमन पांडे, जो कि महिला जिला अध्यक्षा हैं, ने कहा कि अब महिला किसान भी संगठन के निर्णयों में भागीदार बनेंगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही:
- महिला प्रशिक्षण शिविर
- महिला मोर्चा जनसंवाद
- महिला नेतृत्व कार्यशाला
जैसे कार्यक्रम Ayodhya जिले के प्रत्येक ब्लॉक में आयोजित किए जाएंगे।
संगठन की आगामी योजनाएँ
बैठक में यह तय किया गया कि अगली तीन महीनों में Ayodhya जिले के सभी तहसीलों में पंचायत का आयोजन होगा। इसके अंतर्गत:
- किसानों की व्यक्तिगत समस्याओं को सूचीबद्ध किया जाएगा
- उन्हें स्थानीय, जिला और राज्य स्तर तक पहुंचाया जाएगा
- यदि समाधान नहीं हुआ तो धरना, घेराव और सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा
निष्कर्ष: Ayodhya में किसान पंचायत बना जन-जन की आवाज़
इस मासिक पंचायत ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) अब सिर्फ विरोध का मंच नहीं रह गया है, बल्कि विकल्प और समाधान की दिशा में ठोस प्रयास कर रहा है।
Ayodhya जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले ज़िले में यदि किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो रहे हैं, तो यह पूरे पूर्वांचल की राजनीति में एक नए समीकरण का संकेत देता है।