High Alert In Ayodhya छह दिसंबर को लेकर रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था हाई एलर्ट मोड पर कर दी गई है। छह दिसंबर वर्ष 1992 को रामजन्मभूमि पर स्थित विवादित ढांचा ध्वस्त हुआ था। रामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम फैसला आने के बाद वर्तमान में उक्त स्थान पर भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है। ऐसे में छह दिसंबर को लेकर सुरक्षा एजेंसियां काफी सतर्क हैं।
चेकिंग के बाद मिल रहा रामनगरी में प्रवेश
एसएसपी मुनिराज जी ने जिले के सभी थानों को एलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है। रामनगरी में पांच दिसंबर की रात से अतिरिक्त निगरानी बरती जा रही है। होटल, ढाबे, गेस्ट हाउस एवं धर्मशालाओं की निरंतर चेकिंग की जा रही है। शहर में प्रवेश के स्थलों पर सुबह से ही वाहन चेकिंग जारी है। सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने भ्रमण कर निगरानी का जायजा लिया। सआदतगंज में कैंट पुलिस एवं नयाघाट पर अयोध्या पुलिस ने चेकिंग प्वाइंट बनाया है।
अशांति फैलाने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
सीओ अयोध्या एसपी गौतम के नेतृत्व में छह दिसंबर की पूर्व संध्या पर पैदल गश्त की गई। राममंदिर जाने वाले मार्ग सहित अन्य संवेदनशील स्थलों के आसपास पुलिस कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। सीओ अयोध्या ने बताया कि छह दिसंबर को लेकर अतिरिक्त निगरानी की जा रही है। किसी गैर परंपरागत आयोजन की अनुमति नहीं है। अशांति फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ध्वंस से उबर कर निर्माण में लगी रामनगरी
छह दिसंबर 1992 की तारीख भले ही हाहाकारी रही हो, पर 30 वर्ष के सफर में परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। आज रामनगरी ध्वंस की स्मृति से उबर निर्माण का कीर्तिमान गढ़ रही है। नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम फैसला आने के बाद से न केवल भव्य राममंदिर बन रहा है, बल्कि दिव्य अयोध्या भी निर्मित हो रही है। पूर्व की बरसी के मुकाबले इस बार छह दिसंबर की पूर्व बेला शौर्य और शर्म के बीच की तल्खी से मुक्त है। पीढ़ियों से विवादित मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल भी बदलाव के संवाहक हैं। मुहल्ला कोटिया स्थित अपने आवास के सामने आराम फरमा रहे इकबाल कहते हैं, मैंने तो फैसला आने के साथ ही विवाद खत्म कर दिया।