अयोध्या अस्पताल में हड़कंप: डॉक्टर ने महिला काउंसलर पर किया हमला, जानिए पूरी कहानी!

अयोध्या। जिला अस्पताल में एक अत्यंत ही गंभीर और निंदनीय घटना सामने आई है। अस्पताल के प्रतिष्ठित फिजिशियन डॉक्टर प्रशांत कुमार पर महिला काउंसलर शिखा राय ने गंभीर आरोप लगाए हैं। यह घटना तब घटी जब शिखा राय अपने काउंसलिंग रूम में कार्यरत थीं और डॉक्टर प्रशांत द्विवेदी वहां पहुंचे।

घटना का विवरण

डॉक्टर प्रशांत कुमार, जो कमरा नंबर 16 में अपने कक्ष में कार्यरत थे, वहाँ महिला काउंसलर शिखा राय अपने कार्य में व्यस्त थीं। डॉक्टर के कमरे में प्रवेश करते ही, शिखा राय अपनी कुर्सी से खड़ी नहीं हुईं, जो डॉक्टर को अपमानजनक लगा। इस पर, डॉक्टर प्रशांत ने अपनी नाराजगी जताते हुए कुर्सी पर ठोकर मारी, जिससे शिखा राय जमीन पर गिर पड़ीं।

महिला काउंसलर का बयान

घटना के बाद, महिला काउंसलर शिखा राय ने अपनी व्यथा रोते-रोते साझा की। उन्होंने बताया कि उन्हें डॉक्टर प्रशांत द्विवेदी की पहचान नहीं थी और इसलिए वे खड़ी नहीं हुईं। इसके बावजूद, डॉक्टर ने उनके साथ अभद्रता की और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया।

अन्य कर्मचारियों से भी बदसलूकी

इस घटना के दौरान, कमरे में उपस्थित डॉक्टर बृज कुमार और पूर्व सीएमएस के ड्राइवर भी डॉक्टर प्रशांत के क्रोध का शिकार बने। डॉक्टर प्रशांत ने ड्राइवर के साथ भी बदसलूकी की और उसे पीटने का आरोप भी उन पर लगा।

सीएमएस को दी जानकारी

महिला काउंसलर शिखा राय ने तुरंत इस घटना की जानकारी प्रार्थना पत्र के माध्यम से सीएमएस डॉक्टर उत्तम कुमार को दी। उन्होंने अपनी व्यथा पत्र में लिखते हुए डॉक्टर प्रशांत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

घटना का प्रभाव और प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने अस्पताल में एक भयानक माहौल पैदा कर दिया है। कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है और वे अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। कर्मचारियों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

कानूनी और प्रशासनिक कदम

अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और दोषी पाए जाने पर डॉक्टर प्रशांत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समाज की भूमिका

इस घटना ने समाज में भी एक चर्चा का विषय बना दिया है। लोग अस्पताल में हो रहे इस तरह के घटनाओं पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। समाज की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि उनके समर्थन से ही न्याय की प्रक्रिया तेज हो सकती है।

महिलाओं की सुरक्षा

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हम कितने सचेत हैं। यह आवश्यक है कि हर संस्था अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और किसी भी प्रकार की अभद्रता को बर्दाश्त न करे।

समाप्ति

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि हमे अपने कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। अस्पताल प्रशासन को तुरंत और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोषी को सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। समाज को भी इस मुद्दे पर जागरूक रहना चाहिए और हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि महिलाएं अपने कार्यस्थलों पर सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सकें।

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इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर अपमानजनक होती हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक काला धब्बा साबित होती हैं। हमें इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए और दोषियों को सजा दिलाने के लिए संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए।

Deepak

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