समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (प्रयागराज हाईकोर्ट) से बड़ी कानूनी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने रामपुर MP-MLA कोर्ट द्वारा सुनाई गई 10‑साल की सजा को चुनौती देने वाले उनके क्रिमिनल अपील पर जमानत मंजूर कर दी है। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली को भी जमानत प्राप्त हुई है।
मामला क्या है: पृष्ठभूमि और आपराधिक आरोप
यह मामला 2016 में रामपुर के डूंगरपुर बस्ती में अब्रार नामक व्यक्ति के साथ कथित मारपीट, घर की तोड़फोड़ और जान से मारने की धमकी से संबंधित है। केस 2019 में रामपुर के गंज थाना में दर्ज हुआ। MP-MLA कोर्ट ने आजम खान और बरकत अली को दोषी माना और उन पर 10‑10 साल की सजा सुनाई।
इस मामले में Justice Sameer Jain की सिंगल बेंच ने 12 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
10 सितंबर 2025 को जमानत की मंजूरी सुनाई गई।
हाईकोर्ट का फैसला: जमानत की विवश परिस्थितियाँ
Allahabad High Court ने इस केस में निम्नलिखित आधारों पर जमानत मंजूर की:
- आजम खान और बरकत अली द्वारा दाखिल की गई क्रिमिनल अपील सुनवाई के अनुसार,
- 10‑साल की सजा पर फिलहाल राहत, जबकि पूरा न्यायिक क्रम अभी चल रहा है।
- फोर्स्ड एविक्शन (बलपूर्वक बेदखल) से जुड़ा यह मामला उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जहाँ जमानत दी गई।
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कानूनी लड़ाई का आगे का रास्ता
अब मिड-टर्म में आजम खान और बरकत अली हाईकोर्ट द्वारा जमानत प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन यह स्थाई बरी सूची नहीं है। उनकी अगली कानूनी लड़ाई निम्नलिखित बिंदुओं पर निर्भर करेगी:
- MP-MLA कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्ण अपील की सुनवाई।
- दोष सिद्धि की समीक्षा और साक्ष्य-आधारित बहस।
- सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त चुनौती की गुंजाइश।
- अन्य जुड़े मामलों जैसे फर्जी दस्तावेज़, मशीन चोरी आदि—उनका भी असर हो सकता है।
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News Time Nation Prayagraj की अंतर्दृष्टि
1. राजनीति और कानून का संगम
आजम खान इस समय भारतीय राजनीति की सबसे चर्चित शख्सियतों में से एक हैं। उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या और सजा की कठोरता दोनों ही संकेत करते हैं कि यह मामला राजनीतिक और न्यायिक दृष्टिकोण दोनों में अहम रहा है।
2. जमानत की क्या विशेषता है?
यह सिर्फ एक राहत नहीं, बल्कि उच्च न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास का संकेत है। हालांकि, यह राहत अस्थिर हो सकती है यदि अभियोजन पक्ष अपील कर अन्य मार्ग अपनाए।
3. लोक तक पहुंचने वाला चैनल
News Time Nation Prayagraj इस लड़ाई को सिर्फ शीर्षक नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण संवाद का माध्यम बना रहा है। उच्च न्यायालयों के फैसलों की जनता तक पारदर्शी रूप से पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।