सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उपशाखा बल्दीराय के लेखपालों ने अपनी वर्षों से लंबित मांगों को लेकर तहसील दिवस के बाद एक दिवसीय धरना–प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। लेखपालों का आरोप है कि नौ वर्षों से उनकी प्रमुख मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

सुल्तानपुर जिले की बल्दीराय तहसील में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उपशाखा से जुड़े लेखपालों ने सोमवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में दर्जनों लेखपाल एकत्र हुए और एक दिवसीय धरना–प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा।
लेखपालों का कहना है कि पिछले नौ वर्षों से न वेतनमान उन्नयन हुआ, न पदनाम परिवर्तन किया गया और न ही सेवा संबंधी विसंगतियों का समाधान हुआ। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर सहमति बनने के बाद भी अब तक किसी मांग पर कार्रवाई नहीं की गई है।
🔹 ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें
- पुरानी पेंशन बहाली
- राजस्व निरीक्षक व नायब तहसीलदार के अतिरिक्त पदों का सृजन
- स्टेशनरी भत्ता ₹100 से बढ़ाकर ₹1000 प्रतिमाह
- यात्रा भत्ता को वाहन/मोटरसाइकिल भत्ता में परिवर्तित करना
- विशेष भत्ता बढ़ाकर ₹2500 प्रतिमाह करना
- अंतर्जनपदीय स्थानांतरण 2018 शासनादेश के तहत सूची जारी करना
- राजस्व निरीक्षक पदोन्नति हेतु चयन वर्ष 2025–26 की लंबित डीपीसी पूरी करना

लेखपालों ने बताया कि लगभग 3000 लेखपाल अभी भी 500 से 1000 किमी दूर तैनाती पर कार्य कर रहे हैं, जिससे मानसिक और आर्थिक दबाव बढ़ रहा है। जिला अध्यक्ष राधेश्याम शुक्ला और तहसील अध्यक्ष संतराम यादव ने कहा कि 2018 के ऑनलाइन आवेदन जमा होने के बावजूद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है। वहीं राजस्व निरीक्षक पद के लिए 2025–26 की डीपीसी भी लटकी हुई है। लेखपालों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया, तो वे बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए बाध्य होंगे। ओमकार मौर्य, वंदन कुमार, रवींद्र प्रताप सिंह, कमलेश सरोज, प्रदीप वर्मा, मोहम्मद सैफ, ओमप्रकाश यादव, रामजीत तिवारी, ओमप्रकाश निषाद, अरुण तिवारी, अमित यादव, राघवराम यादव, राजेंद्र सहित अन्य कई लेखपाल उपस्थित रहे।