समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां करीब 30 साल से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान से चंद दिनों पहले गली-गली और गांव-गांव जाकर आंसू बहाने लगते हैं। जो लोग उनको देख रहे हैं वे अचंभित हैं। आजम खां रोते हुए जेब से रूमाल निकालते हैं चश्मा उतार कर रुमाल से आंखें पोछते हैं। नये लोगों को यह देखकर हैरत होती है, जबकि पुराने लोग उनकी इन हरकतों से बखूबी वाकिफ हैं। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रामपुर में हो रहे मध्यावधि चुनाव में आजम खां के प्रचार करने पर तंज कसा है।
राजनीति छोड़ दें और खुदा को याद करने में लग जाएं
मौलाना ने आगे कहा कि आजम खां को यह हरकते शोभा नहीं देती। वो उत्तर प्रदेश में सपा के कद्दावर लीडर हैं।अब जनता की सोच और फिक्र में काफी बदलाव आ गया है इसलिए आजम खां की बातों का और उनके रोने गाने का जनता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, उनको मेरी सलाह है कि अब वह राजनीति छोड़ दें और खुदा को याद करने में लग जाये, उनके साथ जो कुछ हो रहा है यह सब उनके आमाल (कर्मो) का नतीजा है।