Bareilly News: बरेली में हाल ही में एक विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें पंडित केके शंखधार पर दूसरे समुदाय की एक युवती ने धर्म परिवर्तन और जबर्दस्ती शादी कराने का आरोप लगाया है। युवती ने आईएमसी (इंडियन मुस्लिम काउंसिल) के पदाधिकारियों के साथ एसएसपी आवास पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। एसएसपी ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
आरोपों की पृष्ठभूमि
पीलीभीत निवासी युवती ने अपने बयान में कहा कि वह उत्तराखंड में एक कंपनी में काम करती थी, जहां उसकी मुलाकात एक युवक से हुई जिसने अपना नाम निहाल खान बताया। युवती का आरोप है कि निहाल ने उसे प्रेमजाल में फंसाकर कई बार संबंध बनाए और 10 जुलाई को उसे बरेली लाया। निहाल ने उसे रिश्तेदारी में ले जाने की बात कहकर अगस्त्य मुनि आश्रम ले गया, जहां पंडित केके शंखधार और उनके साथी मौजूद थे।
जबरन धर्म परिवर्तन और शादी का आरोप
युवती ने आरोप लगाया कि आश्रम में उसे कमरे में बंद कर पिटाई की गई और जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी करा दी गई। उसने बताया कि पंडित केके शंखधार ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो उसके परिवार को मार दिया जाएगा।
पंडित केके शंखधार का बयान
महंत पंडित केके शंखधार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पास सभी साक्ष्य और वीडियो मौजूद हैं जो यह साबित करते हैं कि शादी उनकी मर्जी से कराई गई थी और दोनों पक्ष बालिग थे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जांच में वे सभी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
आईएमसी का समर्थन
आईएमसी के पदाधिकारियों ने युवती की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन और जबरन शादी के मामले समाज में बेहद संवेदनशील होते हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पुलिस का रुख
बरेली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। एसएसपी ने कहा कि सभी पक्षों से बातचीत कर और साक्ष्य जुटाकर निष्पक्ष जांच की जाएगी। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि किसी के साथ अन्याय न हो और कानून का पालन हो।
सामाजिक दृष्टिकोण
धर्म परिवर्तन और जबरन शादी के मामले समाज में न केवल विवाद उत्पन्न करते हैं बल्कि इनसे समाज की संरचना पर भी गहरा असर पड़ता है। ऐसे मामलों में समाज के सभी वर्गों को मिलकर सजग रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी के साथ भी अन्याय न हो।
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यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें धार्मिक, सामाजिक और कानूनी ढांचे को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दूसरों का शोषण न कर सके। बरेली की यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज में न्याय और सच्चाई की स्थापना के लिए हर व्यक्ति को सतर्क और सजग रहना होगा। पुलिस की निष्पक्ष जांच और समाज के सहयोग से ही ऐसे मामलों का सही समाधान संभव है।