BASTI: सब स्टेशन मुंडेरवा की सीटीपीटी में लगी आग, उपकरण नदारद, कर्मचारियों ने ऐसे पाया काबू

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| संवाददाता, धर्मेंद्र द्विवेदी |

🔹 प्रस्तावना

उत्तर प्रदेश के BASTI जिले में शुक्रवार की शाम एक बड़ा हादसा टल गया, जब मुंडेरवा स्थित विद्युत सब स्टेशन की सीटीपीटी (CTPT) यूनिट में अचानक आग लग गई। इस घटना के बाद क्षेत्र में लगभग दो घंटे तक बिजली की आपूर्ति ठप रही। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इस हादसे ने बिजली विभाग की तैयारियों और सुरक्षा उपायों की पोल खोल दी है।

हैरानी की बात यह रही कि इतनी बड़ी और संवेदनशील जगह पर न तो कोई फायर एग्ज़िट प्लान था, न बालू भरी बाल्टियां, और न ही कोई कार्यरत अग्निशमन यंत्र। कर्मचारियों ने निजी प्रयासों से, अन्यत्र से उधार का फायर एक्सटिंग्विशर मंगाकर किसी तरह आग पर काबू पाया।

BASTI जिले के इस सब स्टेशन पर आग से हुई असुविधा ने स्थानीय जनता को भी प्रभावित किया। यह घटना महज एक लापरवाही नहीं, बल्कि सरकारी उदासीनता की मिसाल बन गई है। सवाल यह उठता है कि जब सरकार हर निजी और सरकारी संस्थान में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य कर चुकी है, तो विद्युत विभाग जैसे संवेदनशील स्थानों पर इसकी अनदेखी क्यों की जा रही है?


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🔹 हादसे की पूरी घटना: क्या हुआ BASTI के मुंडेरवा में?

घटना शुक्रवार की देर शाम लगभग 6 बजे की है। BASTI जिले के मुंडेरवा विद्युत सब स्टेशन के सीटीपीटी यूनिट से अचानक धुंआ और चिंगारियां निकलने लगीं। देखते ही देखते वहां आग की लपटें उठने लगीं और पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई।

स्थानीय कर्मचारियों ने तुरंत सप्लाई को बंद कर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन हाई-वोल्टेज उपकरणों के पास आग का फैलना बेहद जोखिम भरा था। इस दौरान न कोई फायर अलार्म सक्रिय हुआ और न ही कोई इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम मौके पर पहुँची।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पूरे सब स्टेशन में आग बुझाने के लिए कोई यंत्र या बालू की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण आग पर काबू पाने के लिए कर्मचारियों को किसी अन्य सरकारी दफ्तर से उधार में अग्निशमन यंत्र लाना पड़ा। लगभग एक घंटे की मेहनत और सूझबूझ से कर्मचारियों ने आग को बढ़ने से रोका और उसे पूरी तरह बुझा दिया।

हालांकि इस घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इससे कुछ देर के लिए पूरे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। खासकर रात के समय बिजली की सप्लाई बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।


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🔹 BASTI विद्युत विभाग की लापरवाही: सुरक्षा इंतज़ाम शून्य

BASTI जिले के मुंडेरवा सब स्टेशन की यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि विद्युत विभाग सुरक्षा मानकों को लेकर बेहद लापरवाह है। आश्चर्यजनक रूप से इस तरह के संवेदनशील स्थानों पर:

  • न फायर फाइटिंग सिस्टम है,
  • न रेत की बाल्टियाँ,
  • न कर्मचारी प्रशिक्षण,
  • और न ही कोई नियमित सुरक्षा ऑडिट।

जब इस विषय में एसडीओ प्रेमशंकर शर्मा से सवाल किया गया, तो उन्होंने आग के कारणों पर बात करना शुरू कर दिया, लेकिन जब पत्रकारों ने अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपकरणों के अभाव का मुद्दा उठाया, तो वह चुप्पी साधते नजर आए।

भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन की ओर से सार्वजनिक भवनों, स्कूलों, कार्यालयों, फैक्ट्रियों, होटलों आदि में फायर सेफ्टी उपकरणों की उपलब्धता अनिवार्य की गई है। लेकिन सरकारी महकमे खुद इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, CTPT यूनिट जैसी हाई वोल्टेज सप्लाई यूनिटों में अक्सर हीटिंग या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना बनी रहती है। इसलिए वहां फायर डिटेक्शन और कूलिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से होने चाहिए।


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🔹 स्थानीय प्रतिक्रिया: जनता में नाराज़गी और सवाल

BASTI के मुंडेरवा और आस-पास के क्षेत्र में इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा और चिंता देखने को मिली। स्थानीय निवासी रामनाथ पांडेय का कहना है, “अगर ये आग थोड़ी देर और फैलती, तो ट्रांसफार्मर फट सकता था और पूरी बस्ती अंधेरे में डूब जाती।”

सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। लोगों ने विद्युत विभाग से पूछा—

  • क्या सब स्टेशनों का कोई सुरक्षा ऑडिट होता है?
  • अग्निशमन उपकरण क्यों नहीं थे?
  • अगर कर्मचारी समय रहते काबू न पाते, तो क्या होता?

एक अन्य निवासी सुनीता तिवारी ने कहा, “बिजली विभाग खुद जब सुरक्षा के मामले में इतना गैर-जिम्मेदार है, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जाए?”


🔹 तकनीकी विशेषज्ञों की राय: ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं

विद्युत तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी घटनाएं सामान्य नहीं होतीं लेकिन अगर लापरवाही बरती जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती हैं। खासकर CTPT (Current Transformer Potential Transformer) यूनिट्स, जो पावर रेसियो को ट्रांसफॉर्म करती हैं, उनमें अत्यधिक हीटिंग या फॉल्ट आने की संभावना बनी रहती है।

BASTI में हुई घटना में संभावना है कि टेक्निकल फॉल्ट या लूज कनेक्शन के कारण चिंगारी पैदा हुई हो, जिसने यूनिट को जला दिया। यदि समय रहते सप्लाई बंद न की जाती, तो ब्रेकडाउन ट्रांसफॉर्मर, आसपास के पैनल्स और यहां तक कि इंसानों की जान को भी खतरा हो सकता था।

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि:

  • सब स्टेशनों में ऑटो फायर सप्रेशन सिस्टम लगाया जाए।
  • हर कर्मचारी को फायर ड्रिल और आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाए।
  • तीन माह में एक बार सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य किया जाए।
  • अग्निशमन यंत्रों की लाइसेंसिंग और मेंटेनेंस की निगरानी हो।

🔹 निष्कर्ष: एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन सवाल बाकी हैं

BASTI जिले के मुंडेरवा सब स्टेशन पर आग की इस घटना ने बिजली विभाग की कमजोर तैयारियों की हकीकत सबके सामने रख दी है। अगर कर्मचारियों की तत्परता और साहस न होता, तो शायद आज हम किसी बड़ी आपदा की खबर लिख रहे होते।

लेकिन इस सवाल का जवाब अब तक अधूरा है कि सरकारी बिजली सब स्टेशन में सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नहीं हैं? क्या यह लापरवाही आगे किसी और बड़े हादसे की वजह नहीं बन सकती?

सरकार और विभाग को चाहिए कि वे इस घटना को चेतावनी मानें और जल्द से जल्द—

  • सभी सब स्टेशनों की सुरक्षा जांच कराएं,
  • फायर इक्विपमेंट्स इंस्टॉल कराएं,
  • और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

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