Basti: गौर थाना पर तैनात आरक्षी मनोज यादव का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

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| संवाददाता, धर्मेंद्र द्विवेदी |

🕯️ उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग को एक और गहरा झटका

उत्तर प्रदेश के BASTI जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। गौर थाना पर तैनात आरक्षी मनोज यादव की बीमारी के चलते अकाल मृत्यु हो गई। यह घटना न सिर्फ पुलिस विभाग के लिए, बल्कि उनके परिवार और जिले के लोगों के लिए भी एक गहरी क्षति है।


🛏️ अपने रूम में अचेत अवस्था में मिले थे आरक्षी मनोज यादव

जानकारी के मुताबिक, आरक्षी मनोज यादव बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। शनिवार की सुबह जब उनका बेटा उन्हें देखने उनके कमरे में पहुंचा, तो उन्होंने उन्हें अचेत अवस्था में पाया। तुरंत उन्हें बस्ती के सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया

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🧑‍⚕️ डॉक्टरों ने बताया प्राकृतिक मृत्यु

सदर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मनोज यादव की मृत्यु संभवतः लंबी बीमारी या हार्ट अटैक की वजह से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक जांच में किसी तरह की बाहरी चोट या संदेहजनक कारण सामने नहीं आए हैं।


👮 कौन थे आरक्षी मनोज यादव?

  • नाम: मनोज यादव
  • सेवा वर्ष: 1990 में आरक्षी पद पर भर्ती
  • पोस्टिंग: गौर थाना, जनपद बस्ती
  • मूल निवास: गोरखपुर जिले के सहजनवा थाना क्षेत्र का केशवापुर गांव
  • परिवार: पत्नी, दो बेटे

मनोज यादव एक अनुभवी और कर्तव्यनिष्ठ सिपाही थे। उन्होंने अपनी सेवा के 30 से अधिक वर्षों में कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया।


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👨‍👦 बेटे ने निभाई जिम्मेदारी, खुद ले गया अस्पताल

मानवता और पारिवारिक भावना की मिसाल तब देखने को मिली, जब उनके बेटे ने अचेत पिता को खुद कंधे पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। यह दृश्य अस्पताल परिसर में मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया।


🚓 पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

आरक्षी मनोज यादव को पुलिस लाइन, बस्ती में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनकी पार्थिव देह को सलामी दी गई और साथियों ने पुष्प अर्पित किए। पुलिस बैंड की धुन के बीच, हर आंख नम थी और हर चेहरा भावुक।


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🙏 SP और ASP ने दिया कंधा

इस अवसर पर बस्ती जनपद के पुलिस अधीक्षक (SP) और अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने मृतक आरक्षी को कंधा दिया और अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

SP बस्ती का बयान:
“मनोज यादव जैसे समर्पित सिपाही की कमी को कोई नहीं भर सकता। वे न सिर्फ विभाग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी आदर्श थे।”


📷 अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब

बस्ती जिले में जब आरक्षी मनोज यादव की अंतिम यात्रा निकाली गई, तो स्थानीय जनता, पुलिसकर्मी, राजनेता, और समाजसेवी बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूरा माहौल ग़मगीन था। उनके सेवा-भाव और सादगी ने लोगों का दिल जीत रखा था।


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📜 1990 में शुरू की थी सेवा

1990 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए मनोज यादव ने लगभग 35 वर्षों तक उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य किया। उन्होंने बस्ती, गोरखपुर, संतकबीरनगर जैसे जिलों में अपनी सेवाएं दी थीं। जहां भी तैनात रहे, वहाँ उन्हें ईमानदार, अनुशासित और जनता के प्रति संवेदनशील अधिकारी के रूप में पहचाना गया।


💬 सहयोगियों की यादें

उनके सहकर्मियों का कहना है:

“मनोज यादव हमेशा ड्यूटी के लिए तत्पर रहते थे। वह कभी छुट्टी नहीं मांगते थे और थाने में सभी को परिवार की तरह मानते थे।”

“उनकी मौत सिर्फ एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी के अनुभव और समझ का अंत है।”


🏡 पारिवारिक पृष्ठभूमि

मनोज यादव के घर में पत्नी और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा इंटरमीडिएट में पढ़ रहा है जबकि छोटा बेटा अभी स्कूल में है। परिवार बेहद साधारण और अनुशासित जीवन जीता है। उनकी पत्नी ने कहा:

“हमने सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी उन्हें खो देंगे। उन्होंने हमेशा दूसरों की मदद की, खुद कभी किसी से कुछ नहीं मांगा।”


📌 बस्ती में लगातार सामने आ रही संवेदनशील घटनाएं

बीते कुछ समय से Basti जिले में पुलिस विभाग से जुड़ी मानवीय और संवेदनशील घटनाएं सामने आ रही हैं। पहले संदिग्ध ड्रोन की खबरें, अब एक वरिष्ठ सिपाही का आकस्मिक निधन — यह सभी घटनाएं जिले के सामाजिक-सुरक्षा तानेबाने पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं।


🏛️ क्या प्रशासन करेगा सहयोग?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग और प्रशासन मृतक आरक्षी के परिवार को किस तरह की सहायता प्रदान करेगा? मनोज यादव के परिवार को:

  • आर्थिक सहायता
  • सरकारी पेंशन और सेवा लाभ
  • परिजनों को नौकरी में प्राथमिकता

जैसी मदद दिए जाने की मांग उठ रही है। जनप्रतिनिधियों और पुलिस यूनियनों ने भी इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है।


🌐 फोकस कीवर्ड: BASTI – संवेदना और सेवा की भूमि

Basti न केवल एक प्रशासनिक जिला है, बल्कि यह सेवा, त्याग और कर्तव्यपरायणता की धरती भी है। आरक्षी मनोज यादव जैसे अधिकारियों की उपस्थिति ने इसे और अधिक गौरवान्वित किया है। उनका निधन हमें यह याद दिलाता है कि हर वर्दी के पीछे एक इंसान, एक परिवार और कई सपने छुपे होते हैं।


📣 निष्कर्ष

आरक्षी मनोज यादव की मृत्यु से Basti पुलिस विभाग को गहरा आघात पहुंचा है। लेकिन उनकी सेवा, उनकी ईमानदारी और समर्पण हमेशा याद रखे जाएंगे। अब समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वे उनके परिवार के साथ खड़े हों।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

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