रामनगरी अयोध्या में तिरंगा यात्रा का आयोजन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार कश्मीर से कन्याकुमारी तक तिरंगा लहराना था। यह यात्रा भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय राय के नेतृत्व में निकाली गई। संजय राय ने बताया कि यह यात्रा देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
तिरंगा यात्रा की शुरुआत अयोध्या के प्रमुख डाकघर से हुई, जहाँ से रिकाबगंज तक यह यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक डाक हरिकृष्ण यादव के नेतृत्व में डाक कर्मियों ने भी भाग लिया। यात्रा के दौरान लोगों ने अपने घर-घर में तिरंगा लहराने का संकल्प लिया।
भाजपा नेताओं की भागीदारी
तिरंगा यात्रा में महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, भाजपा महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, और भाजपा नेता शक्ति सिंह अमल गुप्ता समेत कई प्रमुख नेता शामिल हुए। इन नेताओं ने यात्रा में भाग लेकर राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपनी आस्था और सम्मान प्रकट किया।
राष्ट्रीय एकता का संदेश
रामनगरी अयोध्या
तिरंगा यात्रा का उद्देश्य सिर्फ ध्वज फहराना नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश देना था। संजय राय ने कहा, “यह यात्रा हमारे देश के हर नागरिक को याद दिलाती है कि हम सभी एक हैं और हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी पहचान है।”
जनता का उत्साह
इस यात्रा के दौरान जनता का उत्साह देखने लायक था। हर कोई अपने हाथों में तिरंगा लेकर चल रहा था और देशभक्ति के नारे लगा रहा था। अयोध्या की सड़कों पर तिरंगे की धूम थी। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
महिलाओं की भागीदारी
तिरंगा यात्रा में महिलाओं की भागीदारी भी सराहनीय थी। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजी हुई थीं और उन्होंने भी तिरंगे को फहराने में अहम भूमिका निभाई। यह देखकर गर्व हुआ कि हमारी महिलाएं भी देशभक्ति के इस पर्व में पीछे नहीं हैं।
युवाओं का जोश
यात्रा में युवाओं का जोश और उत्साह सबसे ज्यादा देखने को मिला। उन्होंने अपने मोटरसाइकिलों और कारों पर तिरंगा लगाया और पूरे जोश के साथ यात्रा में शामिल हुए। यह देखकर स्पष्ट था कि हमारे युवा देश की एकता और अखंडता के प्रति कितने संवेदनशील और जागरूक हैं।
धार्मिक समरसता
अयोध्या, जो राम की नगरी के नाम से मशहूर है, वहां पर तिरंगा यात्रा के माध्यम से धार्मिक समरसता का भी संदेश दिया गया। सभी धर्मों के लोग इस यात्रा में शामिल हुए और तिरंगे के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया। यह हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है – विविधता में एकता।
समारोह का समापन
तिरंगा यात्रा का समापन अयोध्या के प्रमुख स्थल पर हुआ, जहां पर सभी ने मिलकर राष्ट्रीय गान गाया और तिरंगे को सलामी दी। इस अवसर पर संजय राय ने कहा, “यह यात्रा हमारे देश के हर कोने में राष्ट्रीयता और एकता का संदेश पहुंचाने का एक प्रयास है।”
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अयोध्या की तिरंगा यात्रा ने यह साबित कर दिया कि हमारे देश के लोग अपने राष्ट्रीय ध्वज और देश के प्रति कितने समर्पित हैं। इस यात्रा ने राष्ट्रीय एकता, अखंडता और देशभक्ति का संदेश पूरे देश में फैलाया है। तिरंगा यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह हमारे देश की विविधता और एकता का प्रतीक थी। ऐसे आयोजनों से हमें यह सिखने को मिलता है कि चाहे हमारी भाषाएं, धर्म या संस्कृति कुछ भी हों, हम सभी भारतीय हैं और हमारा तिरंगा हमें एक सूत्र में बांधता है।
अयोध्या की तिरंगा यात्रा ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया कि हमारे देश के लोग अपने देश और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति कितने समर्पित हैं। यह यात्रा एक नई सुबह की शुरुआत है, जो हमारे देश को और मजबूत बनाएगी और हमारी राष्ट्रीय एकता को और अधिक सुदृढ़ करेगी।