रक्तदान करना एक ऐसा भाव है, जिससे आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं। हर साल हज़ारों लोग खून न मिलने से अपनी जान गंवा देते हैं। यही वजह है कि हर साल विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित और जागरुक किया जा सके। हालांकि, दशकों के शोध और जन जागरूकता अभियानों के बावजूद, इसे लेकर आज भी कई तरह के मिथक सुनने में आते हैं। लोग आज भी रक्तदान से डरते हैं, उनका मानना है कि इससे उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
1. मिथक: रक्तदान से इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है।
फैक्ट: आप जैसे ही रक्तदान करते हैं, आपका शरीर खोया हुआ खून बनाने में लग जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली की योद्धा सफेद रक्त कोशिकाओं को सामान्य स्तर पर आने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं। हालांकि, आम स्वस्थ रक्तदाता में कभी भी रक्तदान के बाद कोई दिक्कत नहीं होती है।