आचार्य चाणक्य की कूटनीति, अर्थ नीति और सुखी जीवन जीने की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उनके समय में थीं. चाणक्य की नीतियों (Chanakya Niti) ने ही चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था और उसके दुश्मनों को बहुत बुरी पराजय दी थी. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुखी जीवन के लिए बेहद जरूरी है कि व्यक्ति के मित्र (Friend), पत्नी (Wife) और भाई (Brother) अच्छे हों. इतना ही नहीं उन्होंने इनकी पहचान करने का तरीका भी बताया है.
वक्त कराता है इनकी सही पहचान
चाणक्य नीति के मुताबिक अच्छी पत्नी, मित्र और भाई की सही पहचान कुछ खास समय में होती है. ये समय वैसे तो बहुत मुश्किल होते हैं लेकिन यही हमें इन तीनों की सही पहचान कराते हैं. यदि ऐसे मुश्किल समय में ये लोग कसौटी पर खरे उतर जाएं तो मान लीजिए कि वे पूरी जिंदगी आपका साथ निभाएंगे. जिन लोगों को ऐसे अच्छे और सच्चे मित्र, पत्नी और भाई मिल जाएं वह बहुत सौभाग्यशाली होते हैं.
ऐसे होती है पहचान
– व्यक्ति का पूरा पैसा खत्म हो जाए और उसके बाद भी उसकी पत्नी, भाई और दोस्त साथ न छोड़े तो मान लीजिए कि वे हमेशा साथ रहेंगे. ऐसी पत्नी ही सच्ची जीवनसाथी होती है और ऐसा मित्र ही सच्चा मित्र होता है. जिन लोगों को अपनी जिंदगी में ऐसी पत्नी और मित्र मिल जाएं वे हर मुश्किल से उबर जाते हैं.
– इसी तरह दुश्मन से घिर जाने पर भी यदि मित्र और भाई साथ न छोड़ें तो वह सच्चे दोस्त और भाई हैं. ऐसे संकट के समय में ही इनकी पहचान होती है.
– इसी तरह धन-संपत्ति खत्म होने के बाद भी जो सेवक आपके साथ रहे, वही सच्चा सेवक है.