Chandrayaan-3 Landing: आर्यभट्ट से चंद्रयान 3 तक, इसरो के बेमिसाल सफर की कहानी

अंतरिक्ष अनुसंधान तथा उपग्रह तकनीक के क्षेत्र में भारत का प्रवेश 19 अप्रैल 1975 को आर्यभट्ट नामक उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के साथ हुआ था। यद्यपि इस दिशा में पहला कदम 1962 में ही उठा लिया गया था और भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति बनाई गई थी। 1963 में त्रिवेंद्रम (केरल) के निकट थुम्बा में साउंडिंग रॉकेट प्रेक्षणसुविधा केंद्र की स्थापना की गई थी। सन 1969 में बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अर्थात इसरो के गठन के बाद इस दिशा में क्रांति आ गई। हमारा सफर आर्यभट्ट से शुरू हुआ था। अब हम चंद्रयान-3 तक पहुंच गए हैं।

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