संवाददाता , दया शंकर पाण्डेय
जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य विभाग में उस समय सनसनी फैल गई जब एंटीकरप्शन की टीम ने CMO कार्यालय में तैनात स्टेनो राहुल और चपरासी आलोक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्यवाई प्रयागराज से आई टीम ने अंजाम दी। सोमवार को कार्यालय में अचानक हुई इस कार्यवाई से पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। News Time Nation Pratapgarh को मिली जानकारी के अनुसार यह गिरफ्तारी एक पूर्व निर्धारित योजना के तहत की गई, जहां पहले से ही शिकायतकर्ता की सूचना के आधार पर जाल बिछाया गया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्यवाही
सीएमओ कार्यालय, जो कि जनपद प्रतापगढ़ का सबसे अहम स्वास्थ्य प्रशासनिक केंद्र है, वहां कार्यरत स्टेनो राहुल पर आरोप था कि वह अपने अधीनस्थ सहयोगी आलोक (चपरासी) के साथ मिलकर कार्यों के निस्तारण के एवज में खुलेआम रिश्वत मांग रहा था।
शिकायत मिलने के बाद प्रयागराज स्थित एंटीकरप्शन ब्यूरो की टीम ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और पूरी योजना के साथ प्रतापगढ़ पहुंची। CMO कार्यालय में जैसे ही राहुल और आलोक ने शिकायतकर्ता से पैसे लिए, टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया। कार्यालय के कर्मचारियों और आगंतुकों की मौजूदगी में यह कार्यवाई हुई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
कार्यवाई की पूरी रूपरेखा
News Time Nation Pratapgarh संवाददाता के अनुसार, इस कार्रवाई के पीछे कई दिनों की निगरानी और खुफिया जानकारी थी। टीम ने न केवल रिश्वत के लेन-देन की पुष्टि की, बल्कि घटनास्थल पर पुख्ता सबूत भी जुटाए। इसके बाद दोनों आरोपियों — स्टेनो राहुल और चपरासी आलोक — को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों को प्रयागराज स्थित भ्रष्टाचार निवारण इकाई के मुख्यालय ले जाया गया, जहां आगे की पूछताछ की जाएगी।
CMO कार्यालय में सन्नाटा, कर्मचारी सहमे
इस घटना के बाद CMO कार्यालय प्रतापगढ़ में सन्नाटा पसर गया। कर्मचारी भयभीत हैं और पूरे कार्यालय में चर्चा का विषय यही घटना बनी हुई है।
News Time Nation Pratapgarh की पड़ताल में यह सामने आया है कि स्टेनो राहुल पिछले कई वर्षों से इस पद पर कार्यरत था और उस पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, मगर किसी ने खुलकर शिकायत नहीं की थी। चपरासी आलोक को उसका मुख्य सहयोगी बताया जा रहा है, जो पैसों के लेन-देन में सीधा जुड़ा हुआ था।
आम जनता और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद News Time Nation Pratapgarh टीम ने आम जनता और अधिकारियों से भी प्रतिक्रिया ली। कई लोगों ने कहा कि यह एक सराहनीय कदम है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
हालांकि, सीएमओ कार्यालय की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है। मगर प्रशासनिक हलकों में यह कार्यवाई एक “बड़ा संदेश” मानी जा रही है।
भ्रष्टाचार मुक्त स्वास्थ्य सेवाएं – एक चुनौती
प्रतापगढ़ जैसे जिले में जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहले से ही कमी है, वहां यदि भ्रष्टाचार भी गहराई से जड़ें जमा ले, तो आम जनता की स्थिति और भी दयनीय हो जाती है।
News Time Nation Pratapgarh विशेष रिपोर्ट में यह भी उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की कई सेवाएं पहले से ही धीमी गति से चल रही थीं, और आम जन को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब यह साफ होता जा रहा है कि इसके पीछे भ्रष्टाचार एक बड़ा कारण था।
Anticorruption Bureau की सक्रियता
पिछले कुछ महीनों में Anti-Corruption Bureau की सक्रियता बढ़ी है। News Time Nation Pratapgarh के पास मौजूद आँकड़ों के अनुसार, पूरे उत्तर प्रदेश में 2025 में अब तक करीब 300 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश शिकायतें स्वास्थ्य और राजस्व विभाग से जुड़ी हैं।
प्रतापगढ़ की यह ताजा कार्यवाही न केवल लोक प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि जनता को यह संदेश भी देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।
जन सहभागिता से ही होगा बदलाव
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि यदि आम नागरिक हिम्मत से भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करें, तो कार्यवाई संभव है।
News Time Nation Pratapgarh अपने पाठकों से अपील करता है कि यदि वे किसी भी सरकारी कार्यालय में रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं के गवाह हों, तो संबंधित विभागों को इसकी सूचना जरूर दें।
साथ ही मीडिया का भी यह दायित्व है कि वह इस प्रकार की घटनाओं को उजागर कर समाज को जागरूक करे।
आगे क्या?
गिरफ्तार स्टेनो राहुल और चपरासी आलोक को प्रयागराज में न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना होगा। यदि आरोप साबित होते हैं, तो दोनों को निलंबन, सेवा से बर्खास्तगी और सजा का सामना करना पड़ेगा।
News Time Nation Pratapgarh इस केस की आगे की कार्यवाही पर भी नजर बनाए रखेगा और समय-समय पर अपडेट देगा।
निष्कर्ष
इस घटना ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार चाहे जितना भी मजबूत क्यों न हो, जब जागरूक नागरिक, सक्रिय मीडिया और ईमानदार एजेंसियां मिलती हैं, तो उसे रोका जा सकता है।
News Time Nation Pratapgarh इस कार्यवाही की सराहना करता है और उम्मीद करता है कि यह कदम भविष्य में सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता की ओर एक मजबूत पहल साबित होगा।