Corona :14 दिन में 1 लाख से 3 लाख हुए केस, तीसरी लहर पर एक्सपर्ट दे रहे ये चेतावनी

Corona: 14 दिन पहले देश में कोरोना के 1 लाख से ज्यादा मरीज मिले थे. गुरुवार को यह नंबर 3 लाख के पार पहुंच गया है. जानिए तीसरी लहर को लेकर एक्सपर्ट क्या अंदेशा जता रहे हैं.

Corona : (covid cases in india)
Corona : (covid cases in india)

Corona: कोरोना के नए मामले पिछले (Covid cases in India) कुछ दिनों में कम सामने आए तो लगने लगा कि महामारी की लहर अब शांत होने लगी है.

लेकिन पिछले 24 घंटे के  आंकड़े बताते हैं कि कोविड की लहर सूनामी में बदलने की आशंका है. आज कोरोना के 3 लाख से ज्यादा नए मरीज मिले हैं. 8 महीने बाद एक दिन में इतने संक्रमित मरीज मिले हैं. 14 दिन पहले एक दिन में एक लाख मरीज आए थे. अब आज एक दिन में 3 लाख मरीज आना बड़ी बात है.

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,17,532 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 491 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई और 2,23,990 लोगों ने कोरोना को हराया. फिलहाल देश में कोरोना के 19,24,051 एक्टिव मरीज हैं. वहीं संक्रमण दर 16.41 फीसदी हो गया है. अब तक देश में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कुल 9,287 मामले दर्ज किए गए हैं.

नए साल में जहां देश कोरोना के खात्मा की आशा कर रहा है, वहीं जनवरी में ही मामले बढ़ने शुरू हो चुके हैं. 6 जनवरी को कोरोना के 1 लाख 17 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिले थे. फिर 12 जनवरी को 2 लाख 47 हजार से ज्यादा कोविड मरीज मिले. इसके बादद अब आज यानी 20 जनवरी को पिछले 24 घंटे में 3 लाख 17 हजार से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले हैं.

Corona : (covid cases in india)

Corona: सिर्फ नए मरीज ही नहीं, एक्टिव केसों की संख्या भी भारत में तेजी से बढ़ी है.

एक जनवरी 2022 को भारत में 1 लाख 22 हजार के करीब कोरोना के एक्टिव केस थे,इनकी संख्या अब 20 जनवरी को 19 लाख से ज्यादा हो चुके हैं.

कोरोना के केस कम आने शुरू हुए थे तो लोग राहत की सांस लेने लगे थे, लेकिन एक्सपर्ट ने तब भी इसको लेकर चेताया था. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने 19 जनवरी को ही कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने आशंका  जताई थी कि मार्च से पहले राहत नहीं मिलेगी.

आजतक को दिए इंटरव्यू में डॉ समीरन पांडा ने कहा था कि भारत में 11 मार्च के बाद कोरोना के मामले स्थानीय स्तर पर पहुंच सकते हैं लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों को पूरी करने की जरूरत होगी. स्थानीय स्तर का मतलब होता है कि संक्रमण अपेक्षाकृत कम प्रसार वाली आबादी या क्षेत्र में लगातार मौजूद रहता है. यह महामारी सेअलग स्थिति होती है. डॉ समीरन पांडा के अनुसार, यदि कोरोना का कोई नया वैरिएंट इसके बाद सामने ना आए तो 11 मार्च के बाद से कोरोना सिर्फ स्थानीय स्तर पर रह सकता है. उन्होंने कहा था कि गणितीय अनुमानों से पता चला है कि ओमिक्रॉन वायरस संकट भारत में 11 दिसंबर से शुरू होकर तीन महीने तक बनेगी रहेगी. उन्होंने कहा, ’11 मार्च के बाद हमें कुछ राहत मिलेगी.’

Khursheed Khan Raju

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