| संवाददाता, धर्मेंद्र द्विवेदी |
बस्ती, 30 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के टेगरीहा राजा गांव में सरयू नदी में एक घड़ियाल के दिखाई देने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। यह घटना नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि यह खतरनाक जीव नदी के आसपास और अधिक घातक स्थिति उत्पन्न कर सकता था।
घड़ियाल एक आक्रामक और खतरनाक प्रजाति का प्राणी है, और इसकी मौजूदगी से आसपास के क्षेत्र में डर और भय का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने इस घड़ियाल को पकड़ने के लिए आपस में मिलकर कड़ी मेहनत की और अंततः वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर इस घड़ियाल को सुरक्षित तरीके से नदी में वापस छोड़ा।
घड़ियाल की दिखने से स्थानीय ग्रामीणों में डर का माहौल
सरयू नदी में घड़ियाल के दिखने से कुदरहा ब्लॉक के टेगरीहा राजा गांव के पास के ग्रामीणों के बीच एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई। घड़ियाल की प्रजाति को लेकर स्थानीय लोगों में पहले से ही चिंता थी, क्योंकि इन जीवों का व्यवहार बेहद आक्रामक होता है, और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए वे हमला कर सकते हैं।
घड़ियाल आमतौर पर पानी के अंदर रहने वाले जलीय प्राणी होते हैं, लेकिन जब ये नदी के किनारे आ जाते हैं तो यह स्थानीय लोगों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। इस कारण से आसपास के ग्रामीणों ने नदी के किनारे आने-जाने से परहेज करना शुरू कर दिया, और यह चिंता बढ़ गई कि अगर और घड़ियाल नदी में होंगे, तो यह खतरा और बढ़ सकता है।
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ग्रामीणों ने मिलकर घड़ियाल को पकड़ा, वन विभाग को सूचना दी
घड़ियाल की मौजूदगी की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आपस में मिलकर उसे पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत की, लेकिन फिर भी घड़ियाल के पकड़े जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। यह घटना ग्रामीणों के लिए एक बड़ा जोखिम था, क्योंकि घड़ियाल के साथ किसी भी प्रकार के संपर्क में आने से गंभीर चोटें लग सकती थीं।
जब ग्रामीणों ने महसूस किया कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो उन्होंने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घड़ियाल को सुरक्षित रूप से पकड़कर उसे नदी में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की।
वन विभाग की टीम ने घड़ियाल को नदी में छोड़ने का किया निर्णय
वन विभाग की टीम के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि घड़ियाल को खतरनाक तरीके से पकड़ने की बजाय इसे सुरक्षित रूप से नदी में छोड़ दिया जाना चाहिए। वन विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की कि इस प्रकार के खतरनाक जीव जंतु दिखने पर उन्हें तुरंत विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
वन विभाग ने बताया कि घड़ियाल आमतौर पर नदी के पानी में रहते हैं और उन्हें परेशान नहीं किया जाता है। अगर कभी घड़ियाल नदी के किनारे आते हैं तो यह उसकी प्राकृतिक प्रवृत्ति होती है। इसके बावजूद, जब भी इन जीवों की उपस्थिति महसूस हो, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए ताकि खतरे को बढ़ने से रोका जा सके।
घड़ियाल की प्रजाति और सुरक्षा के उपाय
घड़ियाल एक जलीय प्राणी है, जो मुख्य रूप से साल्टी और ताजे पानी में रहता है। यह आमतौर पर भारत, नेपाल, बांगलादेश, और म्यांमार के नदी क्षेत्रों में पाया जाता है। हालाँकि यह एक संरक्षित प्रजाति है, फिर भी यह खतरनाक हो सकता है यदि इसे उकसाया या परेशान किया जाए।
घड़ियाल की लंबाई लगभग 13-15 फीट तक हो सकती है, और यह आकार में काफी बड़ा होता है। इसके तेज दांत और आक्रामक स्वभाव के कारण यह मनुष्यों और अन्य जीवों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।
सरयू नदी के किनारे पर रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। वन विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि घड़ियाल की इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो, और गांववासियों को भी इन जीवों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
ग्रामीणों से अपील: वन विभाग ने दी जानकारी
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की कि अगर वे किसी अन्य समय पर घड़ियाल जैसे खतरनाक जीवों को देखते हैं, तो तुरंत स्थानीय वन अधिकारियों को सूचित करें। विभाग ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि घड़ियाल या अन्य खतरनाक जंतु से संपर्क करता है तो उसे तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि इन जीवों के काटने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के घटनाओं की रोकथाम के लिए वे निरंतर निगरानी रखेंगे और समय-समय पर ग्रामीणों को जागरूक करेंगे ताकि ऐसी घटनाओं का पुनरावृत्ति न हो।
कुदरहा ब्लॉक में यह घटना एक चेतावनी बनकर सामने आई
यह घटना केवल कुदरहा ब्लॉक के टेगरीहा राजा गांव के लिए नहीं, बल्कि पूरे बस्ती जिले के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है। इस प्रकार के जीव जंतु, जो कि आमतौर पर नदी में रहते हैं, अगर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आ जाते हैं तो इससे मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
आने वाले दिनों में बस्ती जिले के अन्य गांवों में भी इस प्रकार की घटनाओं की संभावना हो सकती है, और इससे निपटने के लिए समय रहते उचित कदम उठाना जरूरी है। इसके लिए वन विभाग और प्रशासन को एक साझा रणनीति बनानी चाहिए, जिससे इन घटनाओं पर काबू पाया जा सके और ग्रामीणों को सुरक्षित रखा जा सके।
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निष्कर्ष
“News time nation Basti” द्वारा इस घटनाक्रम की रिपोर्टिंग से यह साफ हो गया है कि बस्ती जिले में घड़ियाल के दिखाई देने से स्थानीय समुदाय में डर और चिंता का माहौल उत्पन्न हो गया था। हालांकि, वन विभाग की तत्परता और स्थानीय ग्रामीणों की सहयोग से घड़ियाल को बिना किसी नुकसान के नदी में वापस छोड़ा जा सका।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि प्राकृतिक जीवन और मानव समुदाय के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में यदि इस प्रकार की घटनाएं होती हैं, तो स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को जल्दी से कार्यवाई करने की जरूरत होगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।