जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारतीय सेना ने एक महत्वपूर्ण एंटी-टेरर ऑपरेशन शुरू किया था, जिसके परिणामस्वरूप चार आतंकियों के मारे जाने और एक आर्मी कैप्टन के शहीद होने की खबर है। डोडा जिले के पटनीटॉप के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान यह घटना घटी।
ऑपरेशन असर: आतंकियों के खिलाफ सेना का निर्णायक कदम
भारतीय सेना ने आतंकियों की गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद डोडा जिले में ऑपरेशन असर शुरू किया। सेना ने बताया कि आतंकवादियों के ठिकाने से अमेरिकी एम4 राइफल और तीन बैग बरामद किए गए, जिनमें विस्फोटक सामग्री भी पाई गई। सेना के अनुसार, ये आतंकी अकर क्षेत्र में एक नदी के पास छिपे हुए थे। जब सेना ने इस क्षेत्र में धावा बोला, तो आतंकियों ने गोलियों की बौछार शुरू कर दी।
कैप्टन दीपक की शहादत
इस मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक घायल हो गए थे, जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया। कैप्टन दीपक की शहादत ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की जा रही है।
आतंकियों का सफाया: सेना का बड़ा कदम
डोडा मुठभेड़ के बाद से सेना का आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। पिछले पांच दिनों में यह चौथी मुठभेड़ है। इससे पहले 11 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के जंगलों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हुई थी। उसी दिन उधमपुर के बसंतगढ़ के जंगलों में भी सेना और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई थी। वहीं 10 अगस्त को अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों की फायरिंग से हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए थे। इन मुठभेड़ों में कुल मिलाकर 3 जवान और 2 नागरिक घायल हुए थे।
सेना का बयान
भारतीय सेना ने बताया कि आतंकवादी हथियार छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें घेर लिया गया। सेना के अनुसार, आतंकवादियों का सफाया करना और उनकी गतिविधियों को रोकना प्राथमिकता है। सेना ने कहा कि इस तरह की मुठभेड़ें भविष्य में भी होती रहेंगी, ताकि देश को आतंकवाद मुक्त किया जा सके।
स्थानीय जनता का समर्थन
डोडा जिले के स्थानीय लोगों ने सेना के इस साहसिक कदम की सराहना की है। स्थानीय जनता ने बताया कि सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की और उनकी जान-माल की रक्षा की। लोगों ने कहा कि सेना के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों का सामना किया और उनकी रक्षा की।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार का सख्त रुख
भारतीय सरकार ने भी आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार पूरी तरह से सेना के साथ है। उन्होंने कैप्टन दीपक की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
सुरक्षा बलों की बढ़ती जिम्मेदारियां
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की जिम्मेदारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए सेना और सुरक्षा बल दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और तत्परता की वजह से ही आतंकवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सका है।
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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ कितनी मजबूत और दृढ़ है। कैप्टन दीपक की शहादत ने देश को गमगीन कर दिया है, लेकिन उनकी वीरता और साहस को सलाम किया जा रहा है। आतंकवादियों के खिलाफ सेना की यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि देश को आतंकवाद मुक्त बनाया जा सके। स्थानीय जनता और सरकार का समर्थन सुरक्षा बलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी के बल पर वे अपने मिशन में सफल हो रहे हैं।