हजारों फर्जी आधार कार्ड बनाने वाला गिरोह बेनकाब, STF ने मास्टरमाइंड प्रमोद निषाद को किया गिरफ्तार

रिपोर्ट :- खुशबू मिश्रा

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। STF ने इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड प्रमोद कुमार निषाद को गिरफ्तार किया है, जिसने अब तक 18 से 19 हजार फर्जी आधार कार्ड बनाने या अपडेट करने की बात कबूली है।

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उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के बढ़ते मामलों के बीच स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। STF ने हजारों की संख्या में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इसके मास्टरमाइंड प्रमोद कुमार निषाद को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्यवाई न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए अहम मानी जा रही है, बल्कि देश की पहचान प्रणाली की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

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गिरफ्तार आरोपी 28 वर्षीय प्रमोद कुमार निषाद उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का निवासी है। STF के अनुसार, प्रमोद पिछले कई वर्षों से फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने और अपडेट करने का अवैध काम कर रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी अब तक 18 से 19 हजार आधार कार्ड अपडेट या नए बना चुका है। यह आंकड़ा इस गिरोह की सक्रियता और इसके बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।

STF की कार्यवाई के दौरान आरोपी के पास से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इनमें 2 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 2 एटीएम कार्ड, 1 आधार कार्ड, 1 चेक बुक शामिल हैं। इसके अलावा आधार से जुड़े फर्जीवाड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले बायोमैट्रिक स्कैनर, रेटिना स्कैनर और वेबकैम भी बरामद किए गए हैं।

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STF को आरोपी के पास से 87 मोबाइल फोन से लिए गए स्क्रीनशॉट, विभिन्न दस्तावेजों की छायाप्रतियां, एक कार और 2680 रुपये नकद भी मिले हैं। इन सभी सामग्रियों से यह साफ होता है कि आरोपी सुनियोजित तरीके से आधार से जुड़ा फर्जीवाड़ा कर रहा था और इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, प्रमोद निषाद आधार अपडेट सेंटर के नाम पर लोगों को गुमराह करता था। वह बायोमैट्रिक और रेटिना स्कैन के जरिए अवैध रूप से डेटा बदलता या नया आधार तैयार करता था। इन फर्जी आधार कार्डों का इस्तेमाल कई तरह के अवैध कार्यों में किए जाने की आशंका जताई जा रही है, जिसमें बैंक खाते खुलवाना, सिम कार्ड लेना और सरकारी योजनाओं का गलत लाभ उठाना शामिल हो सकता है।

STF अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह से और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं और फर्जी आधार कार्ड किन-किन राज्यों में सप्लाई किए गए। अधिकारियों को शक है कि इस नेटवर्क का दायरा सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका इस्तेमाल अन्य राज्यों में भी किया गया होगा।

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आधार कार्ड देश की सबसे महत्वपूर्ण पहचान प्रणालियों में से एक है। ऐसे में इस तरह का फर्जीवाड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। STF अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में गहन जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर अन्य एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी।

इस कार्यवाई के बाद आम जनता से भी अपील की गई है कि वे केवल अधिकृत केंद्रों से ही आधार से जुड़ा कोई भी कार्य कराएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें। STF का कहना है कि भविष्य में भी इस तरह के फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा।

Khursheed Khan Raju

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