साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लाल हो गया चंद्रमा!
8 सितंबर 2025, सोमवार रात को आकाश में एक अद्भुत खगोलीय नज़ारा देखने को मिला, जब साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण पूरी दुनिया के सामने आया।
यह चंद्र ग्रहण न केवल वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी लोगों में इसकी काफी चर्चा रही।
ग्रहण के दौरान चंद्रमा ने गहरा लाल रंग धारण कर लिया, जिसे आम तौर पर “ब्लड मून” कहा जाता है। यह दृश्य भारत समेत एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के कई हिस्सों में साफ़ देखा गया।
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। जब यह पूरी तरह होता है, तब चंद्रमा काले या लाल रंग में बदल जाता है।
इस बार का चंद्र ग्रहण क्यों था खास?
- यह पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) था।
- यह 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण था।
- भारत के अधिकतर हिस्सों में इसे आंखों से स्पष्ट रूप से देखा जा सका।
- ग्रहण के दौरान चंद्रमा ने गहरा रक्तिम रंग ले लिया, जो एक दुर्लभ दृश्य होता है।
News Time Nation India को प्राप्त खगोल विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में 2026 में दिखाई देगा।
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कहां-कहां दिखा चंद्र ग्रहण?
इस चंद्र ग्रहण को दुनिया के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, और कुछ हद तक चीन, थाईलैंड और म्यांमार में यह विशेष रूप से प्रभावशाली रहा।
भारत में दृश्यता
- उत्तर भारत – स्पष्ट रूप से दिखाई दिया
- मध्य भारत – हल्के बादल लेकिन ग्रहण दिखा
- पूर्वोत्तर – कुछ हिस्सों में आंशिक दृश्य
- दक्षिण भारत – साफ आसमान और सुंदर दृश्य
- पश्चिम भारत – बादलों के कारण कुछ क्षेत्रों में अस्पष्ट
कब-कब क्या-क्या हुआ? (समय विवरण)
चरण | समय (IST) |
---|---|
चंद्र ग्रहण आरंभ | शाम 7:12 बजे |
पूर्ण ग्रहण प्रारंभ | रात 8:39 बजे |
अधिकतम ग्रहण | रात 9:24 बजे |
पूर्ण ग्रहण समाप्त | रात 10:11 बजे |
चंद्र ग्रहण समाप्त | रात 11:43 बजे |
लाल क्यों दिखा चंद्रमा?
इस बार का चंद्रमा गहरा लाल दिखाई दिया, जिसे आम बोलचाल में ब्लड मून (Blood Moon) कहते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि:
- सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चंद्रमा तक पहुँचती हैं।
- वायुमंडल लाल रंग की किरणों को अधिक फैलाता है, जिससे चंद्रमा पर लाल रंग की परछाईं पड़ती है।
वैज्ञानिक नजरिया
News Time Nation India से बात करते हुए खगोल वैज्ञानिक डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया:
“यह चंद्र ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे हमें पृथ्वी की छाया के आयामों को मापने और चंद्रमा की सतह पर प्रभावों को समझने में मदद मिलती है।”
उन्होंने कहा कि भारत में खगोल विज्ञान को लेकर बढ़ती रुचि इस बार के चंद्र ग्रहण में साफ दिखाई दी, जब लाखों लोगों ने खुले आसमान के नीचे ग्रहण का निरीक्षण किया।
धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं
भारत जैसे धार्मिक देश में ग्रहण को केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी देखा जाता है।
मान्यताएं:
- ग्रहण के दौरान भोजन नहीं किया जाता।
- मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।
- ग्रहण के समय स्नान, जप और ध्यान को शुभ माना जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
सूतक काल:
- ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पूर्व सूतक काल आरंभ हो जाता है।
- इस दौरान धार्मिक कार्य नहीं किए जाते।
- मंदिरों में पूजा-पाठ स्थगित कर दिया जाता है।
आम जनता की प्रतिक्रिया
News Time Nation India ने देशभर में ग्रहण को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं जानीं। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
अरविंद मिश्रा, बनारस:
“मैंने पहली बार इतना खूबसूरत ब्लड मून देखा, वाकई अद्भुत था।”
नूपुर शर्मा, दिल्ली:
“मेरे बच्चों ने इसे टेलीस्कोप से देखा, वे बहुत उत्साहित थे। विज्ञान के प्रति उनका झुकाव बढ़ा।”
पं. रामप्रसाद, उज्जैन:
“धार्मिक दृष्टिकोण से हम ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करते हैं। यह आत्मशुद्धि का समय होता है।”
सोशल मीडिया पर ट्रेंड
ग्रहण की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
ट्विटर पर #LunarEclipse, #BloodMoon, #ChandraGrahana जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे।
News Time Nation India ने इंस्टाग्राम पर एक लाइव सेशन भी किया, जिसमें 50,000+ दर्शकों ने लाइव ग्रहण देखा।
अगला चंद्र ग्रहण कब?
खगोलविदों के अनुसार अगला चंद्र ग्रहण:
- तारीख: 3 मार्च 2026
- प्रकार: आंशिक चंद्र ग्रहण
- भारत में दृश्यता: आंशिक रूप से संभव
क्या ग्रहण का स्वास्थ्य पर असर होता है?
वैज्ञानिक रूप से ग्रहण का कोई सिद्ध शारीरिक प्रभाव नहीं होता, लेकिन कुछ लोग इसे लेकर मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं, खासकर अगर उन्होंने पूर्वाग्रहों के आधार पर कोई धारणा बना रखी हो।
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News Time Nation India की विशेष टिप्पणी
News Time Nation India हमेशा से खगोल विज्ञान, ज्योतिष और धर्म से जुड़ी घटनाओं को संतुलित रिपोर्टिंग के साथ प्रस्तुत करता रहा है।
चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं एक ओर जहां वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करती हैं, वहीं दूसरी ओर हमारी संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ी होती हैं।
निष्कर्ष: चंद्र ग्रहण – विज्ञान, आस्था और अद्भुत दृश्य का संगम
इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के लिए यादगार बन गया।
लोगों ने इसे न सिर्फ आंखों से देखा, बल्कि सोशल मीडिया, टेलीस्कोप, और मोबाइल ऐप्स के जरिए भी इस घटना को अनुभव किया।
यह दिखाता है कि आज का भारत विज्ञान और परंपरा दोनों में संतुलन बना रहा है।