मेरठ: भारत के रेलवे इतिहास में एक और मील का पत्थर जोड़ते हुए, आज मेरठ से लखनऊ के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की गई। इस ऐतिहासिक यात्रा का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। उन्होंने सुबह 11 बजे सिटी स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को लखनऊ के लिए रवाना किया।
वंदे भारत एक्सप्रेस: एक नज़र
वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है, भारत में निर्मित एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत को दर्शाती है। इस ट्रेन का रूट मेरठ से शुरू होकर हापुड़, मुरादाबाद और बरेली होते हुए लखनऊ तक पहुंचता है। इस रूट का चयन खासतौर पर उन यात्रियों के लिए किया गया है जो दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर तेज और आरामदायक यात्रा की मांग करते हैं।
ट्रेन का अनुभव
वंदे भारत एक्सप्रेस की विशेषता इसकी गति, आराम और आधुनिक सुविधाएं हैं। इस ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है, जिससे यह यात्रा और भी अधिक आरामदायक हो जाती है। ट्रेन के सभी डिब्बे वातानुकूलित हैं, और इसमें यात्रियों के लिए आरामदायक सीटें, ऑन-बोर्ड वाईफाई, और मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा, सुरक्षा के दृष्टिकोण से ट्रेन में अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली भी लगाई गई है।
बच्चों के लिए विशेष यात्रा
वंदे भारत एक्सप्रेस की इस ऐतिहासिक यात्रा में मेरठ के लगभग 200 बच्चे शामिल थे, जिन्होंने मुरादाबाद तक का मुफ्त सफर किया। यह कदम बच्चों को भारतीय रेलवे की इस नई और अत्याधुनिक ट्रेन का अनुभव देने के लिए उठाया गया। बच्चों में इस यात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा गया, और उन्होंने ट्रेन की सुविधाओं का आनंद लिया।
सिटी स्टेशन की तैयारी
वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के चलते मेरठ सिटी स्टेशन को विशेष रूप से सजाया गया था। स्टेशन के विभिन्न हिस्सों को फूलों, लाइटिंग और रंगीन झंडों से सजाया गया। इसके अलावा, स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि इस ऐतिहासिक मौके पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग इस ऐतिहासिक घटना का हिस्सा बनने के लिए जुटे थे, जिनमें से अधिकांश अपने परिवार के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस को देखने के लिए आए थे।
किराया और सुविधाएं
वंदे भारत एक्सप्रेस के मेरठ से लखनऊ तक के सफर का किराया लगभग 1300 रुपये है। इस किराए में यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी शामिल है, जिससे यह यात्रा और भी आरामदायक हो जाती है। ट्रेन में यात्रियों के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, ट्रेन में यात्रियों को ताजगी के लिए पेय पदार्थ भी प्रदान किए जाते हैं।
प्रधानमंत्री का संदेश
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन न केवल यात्रा के समय को कम करेगी बल्कि यात्रियों को अधिक आराम और सुविधा भी प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे में इस प्रकार की आधुनिक ट्रेनें देश की प्रगति और विकास का प्रतीक हैं।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
वंदे भारत एक्सप्रेस की इस पहली यात्रा में शामिल यात्रियों में काफी उत्साह देखा गया। यात्रियों ने ट्रेन की सुविधाओं की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन न केवल आरामदायक है, बल्कि समय की भी बचत करती है। यात्रियों ने प्रधानमंत्री और भारतीय रेलवे के इस कदम की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की और ट्रेनें शुरू की जानी चाहिए।
भारतीय रेलवे का भविष्य
वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता के बाद, भारतीय रेलवे आने वाले समय में इस प्रकार की और भी ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए कई और रूट्स की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे देशभर में अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
लखनऊ में स्वागत
लखनऊ में वंदे भारत एक्सप्रेस का भव्य स्वागत किया गया। स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग शामिल हुए और उन्होंने ट्रेन की पहली यात्रा का हिस्सा बनने वाले यात्रियों का स्वागत किया। लखनऊ स्टेशन को भी इस मौके पर विशेष रूप से सजाया गया था, और यहां भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
पर्यावरण के लिए योगदान
वंदे भारत एक्सप्रेस का डिजाइन इस प्रकार से किया गया है कि यह पर्यावरण के अनुकूल हो। ट्रेन के इंजन और डिब्बों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह कम ऊर्जा की खपत करता है और ध्वनि प्रदूषण को भी कम करता है। भारतीय रेलवे का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भविष्य में और भी अधिक पर्यावरण के अनुकूल ट्रेनों का निर्माण किया जा सकेगा।
मेक इन इंडिया का उदाहरण
वंदे भारत एक्सप्रेस को पूरी तरह से भारत में ही निर्मित किया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस ट्रेन के निर्माण में भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने अपने कौशल का उपयोग किया है, जिससे यह ट्रेन भारत की प्रगति का प्रतीक बन गई है। भारतीय रेलवे के इस कदम से देश के इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी नई संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं।
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वंदे भारत एक्सप्रेस की मेरठ से लखनऊ तक की यह पहली यात्रा केवल एक ट्रेन यात्रा नहीं है, बल्कि यह भारत की प्रगति और विकास का प्रतीक है। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो देश को एक नई दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार की ट्रेनों से न केवल यात्रा के समय में कमी आएगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। आने वाले समय में, भारतीय रेलवे इस दिशा में और भी महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बना रहा है, जिससे देश की परिवहन व्यवस्था में और भी सुधार हो सके। वंदे भारत एक्सप्रेस की यह यात्रा भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो आने वाले समय में और भी नई ऊंचाइयों को छूएगी।