सुल्तानपुर संवाददाता :- अंकुश यादव
सुल्तानपुर का चर्चित चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। मामले में आरोपी अजय नारायण सिंह द्वारा हत्या की धारा हटाने की मांग को लेकर दाखिल की गई अर्जी पर अदालत ने बड़ा निर्णय सुनाया है। लंबे समय से चल रहे इस केस में जहाँ कई महत्वपूर्ण गवाही और मोड़ सामने आ चुके हैं, वहीं आरोपी के इस प्रयास को अदालत ने ट्रायल को बाधित करने की कोशिश मानते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया है। अब कोर्ट 19 नवंबर को आरोपी का बयान दर्ज करेगी, जिससे मुकदमे की दिशा एक बार फिर स्पष्ट होने वाली है।

23 सितंबर 2023 को कोतवाली नगर के शास्त्री नगर की निवासी निशा तिवारी ने अपने पति घनश्याम तिवारी की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में पुलिस ने
- जगदीश नारायण सिंह
- विजय नारायण सिंह
- अजय नारायण सिंह
- दीपक सिंह
को आरोपी बनाया था। विचारण के दौरान दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि अजय नारायण सिंह और दीपक सिंह के खिलाफ मुकदमा जारी है। अभियोजन साक्ष्य पूरे होने के बाद मामला बयान मुल्जिम पर पहुँचा ही था कि दोनों आरोपी गैरहाजिर हो गए। अदालत ने सख्त रुख अपनाया और आखिरकार गैर-जमानती वारंट पर अजय नारायण सिंह को हाजिर किया गया, जबकि दीपक सिंह अभी भी गैरहाजिर है। चिकित्सक गवाह ने अपने बयान में कहा था कि मृतक की मृत्यु लगी चोटों से नहीं हुई, इसी आधार पर आरोपी पक्ष ने हत्या की धारा हटाने की अर्जी दाखिल की। लेकिन अदालत ने इसे ट्रायल बाधित करने का प्रयास बताते हुए अर्जी ठुकरा दी।

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें
- शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार दूबे और वादिनी पक्ष के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने अर्जी को बेवजह बताया और इसे खारिज करने की मांग की।
- बचाव पक्ष ने दलील दी कि चिकित्सक के बयान के आधार पर हत्या की धारा हटाई जानी चाहिए।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियोजन की आपत्तियों को स्वीकार किया और बचाव पक्ष को बड़ा झटका देते हुए अर्जी खारिज कर दी। अब अदालत 19 नवंबर को आरोपी का बयान दर्ज करेगी, जिसके बाद मुकदमे की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।