
संवाददाता , योगेश यादव
सुलतानपुर, 30 अगस्त 2025: एक बार फिर राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ ने समाज सेवा की अनूठी मिसाल पेश की। गुरुवार देर रात, संघ द्वारा संचालित निःशुल्क रसोई सेवा के तहत सुलतानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, जिला चिकित्सालय और रेलवे स्टेशन परिसर में जरूरतमंदों, मरीजों, तीमारदारों और यात्रियों को गरमागरम भोजन वितरित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की मदद करना और उन तक जरूरी संसाधन पहुंचाना था।
चिकित्सा महाविद्यालय और रेलवे स्टेशन पर भोजन वितरण
समान्यतः शहर में विशेष अवसरों पर ही इस तरह के सेवा कार्य होते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ ने न केवल इस सेवा को निरंतर बनाए रखा है, बल्कि जरूरतमंदों तक समय पर मदद भी पहुँचाई। संघ के सदस्य एवं इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल विभिन्न लोग ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए समाज में परोपकार की भावना को आगे बढ़ाया।
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय और जिला चिकित्सालय में कार्यरत ईएमओ डॉ. रविंद्र यादव ने इस नेक कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह कार्य समाजसेवा का सबसे बड़ा उदाहरण है, जो न केवल समाज की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि एक दूसरे के प्रति हमारी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करता है। यह परोपकार का अद्भुत कार्य है।”
कार्यक्रम का संचालन
इस पुनीत कार्य का संचालन संघ अध्यक्ष मेराज अहमद खान के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम के दौरान मेडिकल कॉलेज में डॉ. रविंद्र यादव और रेलवे स्टेशन पर सीनियर टिकट निरीक्षक राकेश कुमार ने स्वयं भोजन की थालियां जरूरतमंदों को वितरित कीं। दोनों ही स्थानों पर समाजसेवी संगठनों की भूमिका अत्यधिक सराहनीय रही, क्योंकि उनकी मदद से इस कार्य को व्यवस्थित रूप से अंजाम दिया गया।
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ ने इस बार विशेष ध्यान रखा कि अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचे और कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। मेन्यू में अरहर की दाल, ताजगी से बनी सब्जी, रोटियां और चावल शामिल थे, ताकि सभी को पौष्टिक भोजन मिल सके। इस बार 305 थालियां मेडिकल कॉलेज परिसर में और 114 थालियां रेलवे स्टेशन पर वितरित की गईं, जिससे कुल 419 थालियां जरूरतमंदों को दी गईं।
समाजसेवी कार्यकर्ताओं का योगदान
इस कार्यक्रम में समाजसेवी कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। कार्यक्रम के दौरान जो लोग सक्रिय रूप से जुड़े रहे, उनमें विनोद यादव, सरदार गुरप्रीत सिंह, राशिद खान, जियाउल कमर सिद्दीकी, सद्दाम खान, राशिद वर्दी टेलर, गौरव सिंह, मुजफ्फर कलीम, आदिल खान, अबरार अहमद, यूसुफ पठान, बैजनाथ प्रजापती, भोलू मातप्रसाद जायसवाल जैसे कई प्रमुख नाम शामिल थे। इन सभी कार्यकर्ताओं ने न केवल अपनी सेवाओं से इस आयोजन को सफल बनाने में मदद की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी आवश्यकता वाले व्यक्ति को बिना किसी अड़चन के भोजन मिले।
इन कार्यकर्ताओं का योगदान सिर्फ फिजिकल सेवाओं तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वे कार्यक्रम के आयोजन से लेकर उसकी योजना बनाने तक हर कदम पर शामिल रहे। इससे यह साबित होता है कि जब एक समुदाय मिलकर काम करता है तो बड़े से बड़े कार्य भी संभव हो सकते हैं।
जरूरतमंदों की मदद: एक सामाजिक जिम्मेदारी
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ का उद्देश्य हमेशा से ही जरूरतमंदों की मदद करना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना रहा है। इस तरह के कार्यक्रम केवल तब ही सफल हो सकते हैं जब समाज में सकारात्मक सोच और परोपकार की भावना हो। यह न केवल एक मानवतावादी प्रयास है, बल्कि यह समाज में जागरूकता बढ़ाने का भी एक जरिया है।
संघ के मार्गदर्शक निजाम खान ने भी इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल भोजन वितरित करना नहीं है, बल्कि हम इस प्रयास के माध्यम से लोगों को यह समझाना चाहते हैं कि समाज की मदद करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यह कार्य एक दूसरे के प्रति हमारी संवेदनशीलता को दर्शाता है।”
महामारी के समय की मदद
यहां तक कि महामारी के दौरान भी राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ ने अपनी सेवाएं जारी रखी थीं। लॉकडाउन के समय में जब शहरों में कामकाजी लोग और मजदूर परेशान थे, तब संघ ने भोजन वितरण के साथ-साथ अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति भी की थी। ऐसे समय में जब सरकार की कोशिशें सीमित थीं, समाजसेवी संगठनों ने अपनी भूमिका को पूरी तरह से निभाया और एक मिसाल प्रस्तुत की।
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संघ का सामाजिक कार्यों में योगदान
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ समाज के हर वर्ग के लिए काम करता है। चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य या रोटी की जरूरत हो, संघ हमेशा सामने रहता है। यह संगठन हमेशा यह प्रयास करता है कि किसी भी जरूरतमंद तक संसाधन पहुंचाए जाएं, ताकि समाज में समानता और न्याय का वातावरण बन सके।
संघ का मानना है कि समाज में तब ही असली परिवर्तन संभव है, जब हम एकजुट होकर एक दूसरे की मदद करें। इस दृष्टिकोण से उन्होंने ना केवल भोजन वितरण जैसे कार्य किए, बल्कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और पर्यावरण की रक्षा जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी योगदान दिया।
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भविष्य में और ज्यादा प्रयास
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ का यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहेगा। आने वाले समय में संघ और बड़े कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिनके माध्यम से और ज्यादा लोगों तक सहायता पहुंचाई जा सके। संघ का मानना है कि समाज में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और हर किसी को बुनियादी सुविधाएं मिलें, यही उनका मुख्य उद्देश्य है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ द्वारा संचालित निःशुल्क रसोई सेवा ने समाज में एक नई मिसाल पेश की है। जरूरतमंदों की मदद करना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारे समाज की सच्ची पहचान भी है। इस कार्य से यह सिद्ध होता है कि जब हम मिलकर काम करते हैं तो समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
सुलतानपुर में आयोजित इस कार्यक्रम ने हमें यह सिखाया कि परोपकार केवल शब्दों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे व्यावहारिक रूप से समाज में लागू करना चाहिए।