टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में मिली बड़ी जीत से उत्साहित टीम इंडिया इंग्लैड के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में बुधवार को तीसरा टेस्ट खेलने उतरेगी। यह दोनों टीमों के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मैच है, क्योंकि यहां मिली हार उसके फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों पर पानी फेर देगी। यही वजह है कि दोनों ही टीमें इस मैच में अपनी बेस्ट इलेवन उतारने पर फोकस करेंगी। दोबारा तोड़कर बनाए गए मोटेरा स्टेडियम वह मैदान है, जो भारतीय क्रिकेट से जुड़ी कई उपलब्धियों का गवाह रहा है। अब इंग्लैंड के खिलाफ टीम के ऑफ स्पिनर आर अश्विन भी इसमें नया इतिहास लिखने के बेहद करीब हैं।
सीरीज में अब तक गेंद और बल्ले से सबको अपना दीवाना बनाने वाले रविचंद्रन अश्विन इस मैच में 400 टेस्ट विकेट लेने के क्लब में शामिल होने की कोशिश करेंगे, जिसके लिए उन्हें छह विकेट की जरूरत है। उनकी वर्तमान फॉर्म को देखते हुए लगता है कि उन्हें ऐसा करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इस मैदान पर महान सुनील गावस्कर ने 10,000 टेस्ट रन पूरे किए थे तो कपिल देव ने यहीं पर 83 रन देकर नौ विकेट लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और बाद में रिचर्ड हैडली का सर्वाधिक टेस्ट विकेट का तत्कालीन रिकॉर्ड भी इसी मैदान पर तोड़ा।
इसके अलावा बुधवार को ईशांत शर्मा इसी मैदान पर अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए उतरेंगे और कपिल के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बनेंगे। सचिन तेंदुलकर ने जहां टेस्ट मैचों में अपना पहला दोहरा शतक पूरा किया था। सरदार पटेल स्टेडियम का नवीनीकरण किया गया और अब यह विशाल नजर आता है लेकिन यहां काफी समय बाद टेस्ट मैच हो रहा है और इसलिए विराट कोहली की टीम भी बहुत अधिक फायदे की उम्मीद नहीं करेगी।
भारत चाहेगा कि पिच से स्पिनरों को मदद मिले ताकि वह 2-1 की बढ़त बना सके लेकिन पिच का व्यवहार कैसा होगा यह अभी देखना बाकी है। सीनियर बल्लेबाज रोहित शर्मा ने पिच को लेकर टीम की राय स्पष्ट कर दी थी। वह ऐसी पिच चाहते हैं जिसे अश्विन और अक्षर पटेल जैसे स्पिनरों को मदद मिले। ठीक उसी तरह से जैसे जो रूट हैंडिग्ले या ओल्ड ट्रैफर्ड में घसियाली पिच को प्राथमिकता देते हैं। भारत ने दूसरे मैच में इन्हीं दो स्पिनरों के दम पर जीत हासिल की थी। दोनों ने मिलकर 20 में से 15 विकेट अपने नाम किए थे।