आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) है, जो तेजी से नजदीक आ रही है। जब भी बात टैक्स छूट की सीमा (Tax Exemption Limit) की आती है तो बहुत से लोग इस बात को लेकर कनफ्यूज हो जाते हैं कि उन्हें आईटीआर भरना जरूरी है भी या नहीं। बहुत से लोग ये कहते हैं कि उनकी सैलरी तो 5 लाख से कम है और सरकार ने कहा है कि 5 लाख से कम वालों पर जीरो टैक्स लगता है, तो आईटीआर भरना है (Is it mandatory to file itr if salary below rs. 5 lakh) या नहीं। वहीं कुछ मानते हैं कि उनकी सैलरी 2.5 लाख से कम है इसलिए उन्हें आईटीआर भरने की जरूरत (Is it mandatory to file itr if salary below rs. 2.5 lakh) नहीं। आइए जानते हैं किसे आईटीआर भरना चाहिए और किसे नहीं। साथ ही समझते हैं इससे क्या फायदे (Benefits of filing ITR) होते हैं।
अगर आपकी ग्रॉस टोटल इनकम यानी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है। ये सीमा वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3 लाख है और 80 साल से अधिक के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है। यानी अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप कम सैलरी के बावजूद आईटीआर भरते हैं तो इससे आपको कई फायदे होते हैं।
कुछ ऐसी भी परिस्थितियां होती हैं, जब कुल कमाई 2.5 लाख से कम होने पर भी आपको आईटीआर भरना होता है। अगर आपने किसी चालू खाते में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की रकम जमा की है या फिर विदेशी यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च किए हैं। अगर आपने किसी साल में 1 लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान किया है, तो भी आपको आईटीआर भरना जरूरी है।
मौजूदा व्यवस्था के हिसाब से 2.5 लाख तक की कमाई पर तो आपको आयकर से छूट मिलती ही है, लेकिन अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको बाकी के 2.5 लाख पर भी रिबेट यानी छूट मिल जाती है। ऐसी स्थिति में आपकी टैक्स देनदारी तो शून्य हो जाती है, लेकिन ध्यान रहे कि आपकी कुल कमाई 2.5 लाख से काफी अधिक है, इसलिए आपको आईटीआर भरना जरूरी है। अगर आईटीआर नहीं भरेंगे तो छूट तो नहीं ही मिलेगी, उल्टा आप पर पेनाल्टी भी लगेगी।
भले ही आपका टैक्स कटे या ना, भले ही आपकी सैलरी 2.5 लाख से कम ही क्यों ना हो, अगर आप आईटीआर भरते हैं तो आपको इसके कई फायदे होंगे। आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में।
- आईटीआर भरकर आपको सबसे बड़ा फायदा तो यही होता है कि आप पर पेनाल्टी नहीं लगती।
- इनकम टैक्स रिटर्न भरने से आप अपने कैपिटल गेन के नुकसान को भी कवर कर सकते हैं।
- अगर आप नियमित रूप से आईटीआर भरते हैं, भले ही आपकी सैलरी कितनी भी हो, तो आपको लोन लेने में काफी आसानी होती है।
- आईटीआर भर कर आप टैक्स रिफंड भी क्लेम कर सकते हैं।
- आईटीआर रिटर्न की कॉपी आपके किसी भी तरह के लोन के लिए या क्रेडिट कार्ड के आवेदन के लिए एक प्रोसेसिंग डॉक्युमेंट का काम करता है।
- वीजा के आवेदन के वक्त बहुत सारे देश आईटीआर की कॉपी मांगते हैं, तो ये वहां भी आपके काम आएगा।
- सबसे बड़ी बात, आईटीआर की कॉपी आपकी आय के सबूत की तरह काम करती है।