| संवाददाता, अली जावेद |
कोंच, जालौन: शुक्रवार की रात को जालौन जिले के कोंच स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में उपस्थिति पंजिका में कई कर्मचारियों के हस्ताक्षर न होने और अन्य लापरवाहियों का खुलासा हुआ। जालौन जिले के तहसीलदार द्वारा किए गए इस निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
शुक्रवार रात को हुआ आकस्मिक निरीक्षण
शुक्रवार की रात को तहसीलदार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। यह आकस्मिक निरीक्षण कोंच क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। निरीक्षण के दौरान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की उपस्थिति पंजिका में कई कर्मचारियों के हस्ताक्षर न पाए गए और कुछ कर्मचारी मौके पर भी नहीं मिले। यह लापरवाही स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
स्टाफ की अनुपस्थिति और कर्मचारियों की लापरवाही
निरीक्षण के दौरान, डॉ. रीता गौतम, स्टाफ नर्स बंदना, अनसुइया रागनी और अनुराधा के हस्ताक्षर उपस्थिति पंजिका में नहीं मिले और न ही वह मौके पर उपस्थित पाई गईं। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में कर्मचारियों का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।
इससे पहले, कर्मचारियों ने इस बात की जानकारी दी कि डॉ. राम करन गौर का भी निरीक्षण के समय अनुपस्थित होना एक और चिंता का विषय था। हालांकि, उन्हें सूचना देने के बाद वह उपस्थित हुए, लेकिन यह घटना अपने आप में एक संकेत है कि यहां कामकाजी माहौल में सुधार की जरूरत है।
फार्मासिस्ट महेंद्र सिंह के स्थान पर विजय कुमार की ड्यूटी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में यह भी सामने आया कि फार्मासिस्ट महेंद्र सिंह के स्थान पर विजय कुमार फार्मासिस्ट के तौर पर ड्यूटी कर रहे थे। यह स्थिति कर्मचारियों के अनुपस्थिति के कारण उत्पन्न हुई, जिसके चलते अन्य कर्मचारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी उठानी पड़ी। इस स्थिति में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि मरीजों को बिना किसी रुकावट के सेवा मिल सके।
आपातकालीन कक्ष बंद पाया गया
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का आपातकालीन कक्ष निरीक्षण के दौरान बंद पाया गया। आपातकालीन कक्ष एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहाँ मरीजों को तत्काल उपचार मिलना चाहिए। आपातकालीन कक्ष का बंद होना इस बात को दर्शाता है कि स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता में कमी है और इसका सीधा असर मरीजों की सेहत पर पड़ सकता है।
साफ-सफाई में कमी
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्र में साफ-सफाई की स्थिति भी संतोषजनक नहीं पाई गई। सफाई की कमी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करती है, बल्कि यह रोगों के फैलने का एक कारण भी बन सकती है। तहसीलदार ने साफ-सफाई में सुधार के निर्देश दिए और यह सुनिश्चित करने की बात कही कि स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छता बनाए रखी जाए।
सीएमओ को कार्यवाई हेतु पत्र
तहसीलदार द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद सीएमओ (Chief Medical Officer) को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति पर कार्यवाई करने की मांग की गई है। यह पत्र स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में सुधार लाने और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लिखा गया है। इसके साथ ही, साफ-सफाई, आपातकालीन कक्ष की उपलब्धता और ड्यूटी शेड्यूल पर भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई है।
जालौन जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत
इस आकस्मिक निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि जालौन जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुधार की सख्त आवश्यकता है। स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की अनुपस्थिति, आपातकालीन कक्ष का बंद रहना और साफ-सफाई की कमी जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना चाहिए, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
निष्कर्ष:
जालौन जिले के कोंच में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आकस्मिक निरीक्षण में सामने आई कमियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है। यदि इन समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो इसका असर सीधे तौर पर जिले के लोगों की सेहत पर पड़ेगा। फिलहाल, तहसीलदार द्वारा सीएमओ को भेजे गए पत्र का इंतजार है, ताकि आवश्यक कार्यवाई की जा सके।