स्थान :Jalaun, उत्तर प्रदेश
रिपोर्टर: [ अली जावेद ]
घटना का विवरण
Jalaun। रामपुरा थाना क्षेत्र के मढ़ेपुरा गांव में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब एक पिता ने अपनी तीन बेटियों को लेकर जूहिका पुल पर पहुंचा और विवाद के कारण दो बेटियों को यमुना नदी में फेंक दिया। बड़ी बेटी किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया और लोगों के बीच भय और आश्चर्य का माहौल बना।
घटना के अनुसार, रज्जन नामक युवक सुबह बाइक से अपनी तीन बेटियों – सुनैना (6 वर्ष), अला (4 वर्ष) और छोटी (2 वर्ष) को लेकर जूहिका पुल पर गया। यहां उसने पहले अपनी दो छोटी बेटियों अला और छोटी को नदी में फेंक दिया। जब बड़ी बेटी सुनैना को फेंकने की कोशिश की तो उसने तुरंत हाथ छुड़ाकर भाग निकली। इसके बाद रज्जन ने स्वयं भी यमुना नदी में छलांग लगा दी।
मौके पर अफरा-तफरी
Jalaun :घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ग्रामीणों ने शोर मचाकर पुलिस और गोताखोरों को घटना की जानकारी दी। मौके पर पुलिस की टीम और गोताखोरों ने मिलकर यमुना नदी में बच्चियों और आरोपी की तलाश शुरू की।
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Jalaun पुलिस की प्रतिक्रिया
रामपुरा थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थानीय गोताखोरों की मदद से तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि नदी में तेज बहाव के कारण बचाव अभियान मुश्किल भरा है, लेकिन हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
थाना प्रभारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है दोनों बच्चियों की सुरक्षित खोज और आरोपी को गिरफ्तार करना। ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।”
ग्रामीणों का बयान
घटना की जानकारी मिलने के बाद मढ़ेपुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि रज्जन और उसकी पत्नी के बीच पहले से विवाद चल रहा था। विवाद के कारण ही उसने यह भयावह कदम उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटना ने पूरे गांव में दहशत फैलाई है और लोग अभी भी सदमे में हैं।
एक ग्रामीण ने कहा, “हमने कभी सोचा भी नहीं था कि किसी का अपना परिवार ही खतरे में पड़ सकता है। बड़े डर और चिंता के बीच हम सभी पुलिस की मदद से बच्चियों की खोज में जुटे हैं।”
प्रशासन की कार्रवाई
Jalaun: जिले के अधिकारी भी इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस और गोताखोरों को निर्देश दिए कि बचाव और तलाश अभियान तेज गति से चलाया जाए।
जिला अधिकारी ने बताया, “हम हर संभव संसाधन लगा रहे हैं ताकि बच्चियों को सुरक्षित निकाला जा सके। स्थिति गंभीर है लेकिन हमारी टीम पूरी तरह से सजग है।”
स्वास्थ्य और मानसिक प्रभाव
Jalaun में इस प्रकार की घटनाओं का न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक प्रभाव भी गंभीर होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी घटनाओं से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों में लंबे समय तक मानसिक असुरक्षा और भय का असर पड़ सकता है।
में इस प्रकार की घटनाओं का न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक प्रभाव भी गंभीर होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी घटनाओं से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों में लंबे समय तक मानसिक असुरक्षा और भय का असर पड़ सकता है।
साइकोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि वर्मा ने कहा, “जब बच्चे किसी हिंसक घटना का सामना करते हैं, तो उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसे समय में तत्काल मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना बेहद जरूरी है।”
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नदी में तलाश अभियान
यमुना नदी में तेज बहाव के कारण गोताखोरों की टीम को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और राहतकर्मियों ने दो बोट्स और स्थानीय मछुआरों की मदद ली है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि न केवल बच्चियों की तलाश की जा रही है, बल्कि आरोपी की भी खोज जारी है। नदी के किनारे निगरानी रखी गई है और आसपास के गांवों में चेतावनी जारी की गई है।
प्रशासन और जनता से अपील
Jalaun: प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या सूचना को तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जिला अधिकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हर नागरिक इस मामले में पुलिस की मदद करे ताकि बच्चों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके। हर व्यक्ति की सतर्कता इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।”
Jalaun में इस प्रकार की दर्दनाक घटना ने पूरे जिले में चिंता और सदमे का माहौल पैदा कर दिया है। पिता द्वारा अपनी बेटियों को नदी में फेंकने की यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि घरेलू विवादों और तनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
Jalaun पुलिस और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि दोनों बच्चियों को सुरक्षित निकाला जा सके और आरोपी को गिरफ्तार किया जा सके।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पूरे जिले में सतर्कता बढ़ा दी है। घटनास्थल पर बचाव अभियान लगातार जारी है।