देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. लोकसभा के दो चुनावों में लगातार करारी हार के बाद पार्टी के हौसले पहले से ही पस्त हैं. और अब ममता बनर्जी की टीएमसी कांग्रेस को तोड़ने में लगी है. लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के अपने कुछ नेताओं ने ही पार्टी की नाक में दम कर रखा है. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की बगावत के बाद अब ऐसा लग रहा है कि जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आज़ाद इन दिनों जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. खास बात ये है कि इन रैलियों में वो कांग्रेस के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं. राजनीति गलियारों में ऐसी खबरें हैं कि गुलाम नबी आज़ाद खुद अपनी पार्टी लॉन्च कर सकते हैं.
गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस के उन 23 असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल पार्टी में बड़े बदलाव की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा था कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में 300 सीटों के साथ सत्ता में आती नजर नहीं आ रही है. आजाद ने ये भी कहा है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार ही फिर से बहाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी एकमात्र मांग राज्य की बहाली और विधानसभा चुनाव कराने की है. उनके इस बयान को यू टर्न के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल इससे पहले आज़ाद ने सदन में अनुच्छेद 370 को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था.
लगातार इस्तीफा दे रहे हैं आज़ाद के करीबी नेता
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में राजनीतिक तस्वीर तेज़ी से बदल रही है. गुलाम नबी आजाद के करीब 20 करीबी नेताओं ने पिछले दो हफ्तों में पार्टी के अलग-अलग पदों से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे में नेताओं ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने सहित कांग्रेस में व्यापक बदलाव की मांग है. इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के ‘शत्रुतापूर्ण रवैये’ के चलते ये कदम उठाना पड़ा.
J&K कांग्रेस के कई नेता नाराज़
जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस के उपाध्यक्ष जीएन मोंगा ने कहा, ‘हमने पार्टी आलाकमान से अनुरोध किया है कि पार्टी के भीतर कुछ समस्याएं हैं. लिहाज़ा उन्हें दूर किया जाए. जहां तक आजाद साहब का सवाल है, वो लंबे समय से हमारे नेता हैं.’ मोंगा ने चिट्ठी में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख को हटाने के लिए भी कहा है.
बगावत पर उतरे गुलाम नबी आज़ाद!
गुलाम नबी आजाद की जनसभाओं में भारी भीड़ ने राजनीतिक पंडितों को हैरान दिया है. साथ ही रैली में उनके बयानों ने कांग्रेस को झकझोर दिया है. आजाद करीब चार दशकों से राज्यसभा सांसद हैं. आखिरी बार उन्होंने 2014 में जम्मू की उधमपुर सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि भाजपा के खिलाफ वो चुनाव हार गए थे. सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में अगर आजाद अपनी पार्टी बनाते हैं तो ज्यादातर नेता उनके साथ जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई दूसरी पार्टी के नेता भी आजाद से संपर्क में हैं.