| संवाददाता, पुष्पेन्द्र सिंह |
उत्तर प्रदेश के Jaunpur जनपद में कानून व्यवस्था की निगरानी कर रहे एक पुलिस अधिकारी का वीडियो वायरल हो गया है, जिसने जिले की पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केराकत कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सरायबीरू कस्बा चौकी प्रभारी धनुषधारी पांडेय का युवकों को बीच बाजार थप्पड़ मारने और गालियां देने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
📍 घटना की पूरी जानकारी: क्या हुआ था Jaunpur के सरायबीरू में?
सूत्रों के मुताबिक, दो युवक आपस में किसी बात को लेकर गाली-गलौज और हाथापाई कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह झगड़ा बढ़ता इससे पहले ही कस्बा पुलिस चौकी प्रभारी धनुषधारी पांडेय वहां पहुंच गए।
मौके पर पहुंचते ही उन्होंने ना केवल दोनों युवकों को पकड़ा, बल्कि बाजार के बीचों-बीच सरेआम थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और अपशब्दों का प्रयोग किया। यही पूरा घटनाक्रम किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया और देखते ही देखते वीडियो Jaunpur और आसपास के इलाकों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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🎥 वीडियो वायरल: सोशल मीडिया पर फैला गुस्सा
वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी गाली देते हुए एक युवक को थप्पड़ मार रहे हैं। वीडियो के वायरल होते ही Jaunpur के लोगों में आक्रोश फैल गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, X (Twitter), Instagram और WhatsApp पर लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं।
कई यूजर्स ने लिखा:
“क्या यही पुलिसिया न्याय है? कानून हाथ में लेकर जवानों को सरेआम पीटा जाएगा?”
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🚨 थप्पड़बाज दरोगा ने उड़ाई एसपी के निर्देशों की धज्जियां
Jaunpur के पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. कौस्तुभ ने हाल ही में सख्त निर्देश दिए थे कि:
- पुलिसकर्मी आम जनता के साथ मर्यादित व्यवहार करें
- मानवाधिकारों का पालन करें
- सार्वजनिक रूप से दंड देने या अपमानजनक व्यवहार से बचें
लेकिन चौकी प्रभारी धनुषधारी पांडेय का यह रवैया न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि पुलिस विभाग की छवि को भी धूमिल करता है।
⚖️ कानून की दृष्टि से क्या यह सही है?
कानूनी दृष्टिकोण से देखें तो:
- किसी भी आरोपी को सजा देने का अधिकार सिर्फ न्यायालय को है
- पुलिसकर्मी द्वारा सार्वजनिक रूप से मारपीट करना एक दंडनीय अपराध हो सकता है
- यह भारतीय दंड संहिता (IPC) और मानवाधिकार कानून का उल्लंघन है
🗣️ स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर Jaunpur के स्थानीय निवासियों ने कहा:
“हम पुलिस से सुरक्षा की उम्मीद करते हैं, डर की नहीं। अगर पुलिस खुद सरेआम गालियां देगी और थप्पड़ मारेगी, तो आम आदमी कहां जाएगा?”
📸 वीडियो विश्लेषण (WordPress सुझाव):
- वीडियो से लिए गए स्क्रीनशॉट
- भीड़ का दृश्य
- संबंधित पुलिस चौकी की फोटो
- सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स के स्नैपशॉट (ब्लर करके)
📝 प्रशासनिक चुप्पी और सवाल
अब तक Jaunpur पुलिस या जिला प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह प्रशासनिक चुप्पी और भी सवाल खड़े कर रही है:
- क्या ऐसे अफसरों पर कोई कार्रवाई होगी?
- क्या वायरल वीडियो के बाद विभागीय जांच होगी?
- क्या पीड़ित युवक शिकायत दर्ज करेगा?
📌 फोकस कीवर्ड “Jaunpur” से संबंधित विषय-वस्तु (Internal Linking के लिए):
- Jaunpur में पुलिस सुधारों की आवश्यकता
- Jaunpur में पूर्व में हुए पुलिस विवाद
- Jaunpur SP डॉ. कौस्तुभ की कार्यशैली
- Jaunpur के कानून व्यवस्था की वर्तमान स्थिति
(इन टॉपिक्स पर अन्य पोस्ट बनाकर इंटरलिंकिंग करें)
📊 जनता की राय (सर्वे या पोल):
आप क्या सोचते हैं?
🗳️ “क्या थप्पड़ मारने वाले पुलिसकर्मी पर कार्यवाई होनी चाहिए?”
- हाँ, सख्त सजा मिले
- नहीं, पुलिस को अधिकार होना चाहिए
- पहले जांच हो
🔚 निष्कर्ष: Jaunpur में फिर सवालों के घेरे में पुलिस व्यवहार
Jaunpur जैसे संवेदनशील जिले में जहां पुलिस और पब्लिक के बीच संपर्क और विश्वास की कड़ी बहुत अहम है, वहां इस तरह की घटनाएं पूरे विभाग की साख को चोट पहुंचाती हैं।
अगर समय रहते पुलिस प्रशासन इस पर कड़ी कार्यवाई नहीं करता, तो यह घटनाएं आगे चलकर बड़े आंदोलन और अविश्वास का कारण बन सकती हैं। कानून के रक्षक अगर कानून को तोड़ने लगें, तो आम नागरिक कहां जाए?