रिपोर्ट :- खुशबू मिश्रा
लखनऊ में इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों के लगातार निरस्त होने से यात्रियों में जहां अफरा-तफरी मची है, वहीं बढ़े हुए हवाई किरायों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सरकार द्वारा तय किराया सीमा के बावजूद टिकट दोगुनी-तिगुनी कीमत पर बिक रहे हैं, जिससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है।
लखनऊ एयरपोर्ट पर इन दिनों यात्रियों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। इंडिगो एयरलाइन की कई उड़ानें लगातार निरस्त होने से जहां यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएँ बदलनी पड़ रही हैं, वहीं महंगे टिकट किरायों ने उनकी मुश्किलों में और इजाफा कर दिया है। एयरलाइन संचालन में आई इस अनिश्चितता ने यात्रियों को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है – न उड़ानें समय पर मिल रही हैं और न ही निर्धारित कीमत पर टिकट उपलब्ध हो पा रहे हैं।

सरकार ने हाल ही में हवाई किरायों को लेकर नई अधिकतम सीमा तय की थी। इस सीमा के अनुसार, 1,500 किलोमीटर तक के सफर का अधिकतम किराया 15,000 रुपये और इससे अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये निर्धारित है। इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों को राहत देना और अचानक बढ़े किरायों पर नियंत्रण रखना था। लेकिन वास्तविक स्थिति इससे बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। लखनऊ से दिल्ली की उड़ान का किराया सोमवार को 9,500 रुपये तक पहुँच गया, जबकि यह रूट छोटी दूरी के श्रेणी में आता है और किराया काफी कम होना चाहिए था।

दिल्ली ही नहीं, मुंबई और बेंगलुरु जैसे व्यस्त रूटों पर भी टिकट कीमतें आसमान छू रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन रूटों पर किराया 7,500 रुपये की सीमा से काफी अधिक होने के बावजूद एयरलाइन टिकट उसी कीमत पर बेच रही है। इससे यह साफ होता है कि निर्धारित नियमों के बावजूद किराया नियंत्रण प्रणाली प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पा रही। यात्रियों का कहना है कि नई नीति से उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि उड़ानें रद्द होने के कारण टिकट बदलने या नए बुक करने में अतिरिक्त खर्च झेलना पड़ रहा है।
इस तरह की स्थिति का सबसे बड़ा असर उन यात्रियों पर पड़ रहा है जिन्हें जरूरी कामों के लिए तत्काल यात्रा करनी होती है। कई यात्रियों ने शिकायत की कि उड़ान निरस्त होने पर एयरलाइन उन्हें वैकल्पिक उड़ान या त्वरित रिफंड देने में भी देरी कर रही है। वहीं, अंतिम समय में टिकट की आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दुगनी–तिगुनी कीमत देकर टिकट खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।

यात्रियों ने यह भी बताया कि एयरलाइन काउंटरों पर भीड़ बढ़ गई है और कई लोग स्थिति स्पष्ट न होने के कारण घंटों परेशान हो रहे हैं। कई यात्रियों का कहना है कि इंडिगो एयरलाइन द्वारा देरी और निरस्तीकरण की जानकारी समय से नहीं दी जा रही, जिससे वे एयरपोर्ट पर फँस जाते हैं।
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, उड़ानों के निरस्त होने के पीछे तकनीकी कारण, क्रू की कमी, संचालन संबंधी समस्याएँ या शेड्यूल में अचानक बदलाव जैसे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन जिस तरह किरायों में अचानक वृद्धि हुई है, उसने इसे और गंभीर बना दिया है। यदि किराया नियंत्रण प्रणाली मजबूत रूप से लागू नहीं की गई, तो यह मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। यात्रियों की ओर से सरकार और DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) से यह मांग की जा रही है कि वे इस मामले की कड़ी निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि एयरलाइनें निर्धारित नियमों का पालन करें। साथ ही उड़ान निरस्तीकरण की स्थिति में यात्रियों को उचित मुआवजा और त्वरित सहायता मिले।

कुल मिलाकर, लखनऊ एयरपोर्ट पर मौजूदा संकट ने यात्रियों की परेशानी कई गुना बढ़ा दी है। एक तरफ अधूरी उड़ान सेवाएँ और दूसरी तरफ बढ़ा हुआ किराया, दोनों ने मिलकर हवाई यात्रा को यात्रियों के लिए चुनौती बना दिया है। आने वाले समय में यह देखा जाना जरूरी होगा कि क्या सरकार और एयरलाइनें मिलकर इस संकट का समाधान निकाल पाती हैं या नहीं।