Lucknow: शराब बंदी के समय भी खुलेआम हो रही मॉडल शॉप पर बिक्री, प्रशासन चौकस?

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राजधानी Lucknow के विभूतिखंड (विभूति खंड) इलाके में स्थित एक मॉडल शॉप पर शराब बंदी के बावजूद रात ढलते ही हो रही बिक्री की वीडियो सामने आने से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।


घटना का सार

  • स्थान: टॉवर नंबर B2/8, विभूतिखंड, Lucknow
  • घटना: शराब बंदी के समय—जब दुकानों को बंद रहना था—फिर भी स्कॉच, वाइन और बीयर ऊंचे दाम पर बेची जा रही थी।
  • दृश्य: वीडियो में ग्राहकों की बड़ी भीड़ और दुकानदारों द्वारा सीधी बिक्री का दृश्य स्पष्ट रूप से दिखता है।
  • प्रश्न: क्या पुलिस और आबकारी विभाग को इस बारे में जानकारी नहीं है, या मौजूद होकर भी अनदेखा कर रहे हैं?

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कानूनी पृष्ठभूमि और नियम

  • शराब विक्रय की समय सीमा UP सरकार द्वारा निर्धारित है—जैसे नई नीति के अनुसार सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक, या लॉकडाउन में शाम 9 बजे तक ।
  • मॉडल शॉपों को केवल बिक्री की अनुमति है, शराब की ऑन-साइट सर्विंग या प्रात्यक्ष consumption की अनुमति नहीं है, जबकि कॉम्पोजिट शॉप्स तो इसे अच्छी तरह वर्जित हैं ।
  • नियमों का उल्लंघन—खुलकर शराब बेचना, देर रात ग्राहकों को सुविधा देना— प्रशासन और आबकारी विभाग की योग्यता पर सवाल खड़ा करता है।

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Lucknow में पहले से सक्रिय आबकारी कार्यवाई

  • Composite shops, जो केवल takeaway के लिए लाइसेंस पाती हैं, उनकी जांच और कार्यवाई सरकार द्वारा की जा रही है। अधिकारियों ने सख्त चेतावनी जारी कर दी है कि नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द किया जा सकता है ।
  • इसके अलावा हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया था कि ऐसे मौके पर नॉटीस और वॉर्निंग जारी की जा रही हैं, खासकर उन दुकानों पर जो लगे-बगल में बार जैसा माहौल बनाती हैं ।

इस मामले की समस्या किसकी?

पक्षविवरण
शराब माफिया / दुकानदारबंदी के समय भी उतनी ही बेचना – सामाजिक और कानूनी अव्यवस्था को बढ़ावा देना
पुलिस / निरीक्षकनियम लागू करने में या तो अक्षम या लापरवाह
ग्राहकनियमों की अनदेखी कर स्थिति का हिस्सा बनने वाले
प्रशासनलगातार शिकायत के बावजूद कार्यवाई न करना या सतही कार्यवाई

सुझाव: सुधार के लिए जरूरी कदम

  1. रात्रि समय पेट्रोलिंग बढ़ाना—मॉडल और कॉम्पोजिट शॉप्स पर अचानक निरीक्षण।
  2. सीसीटीवी मॉनिटरिंग—शराब बिक्री समय और भीड़ की निगरानी।
  3. शिकायत तंत्र मजबूत करना—ग्रामीणों और पड़ोसियों को इ-शिकायत पोर्टल या हेल्पलाइन की जानकारी देना।
  4. सख्त जुर्माना और लाइसेंस रद्दीकरण—उल्लंघन पर नमूना कार्यवाई करके संदेश भेजना।
  5. ऑन-साइट सर्विंग पर खास फोकस—यह केवल मॉडल शॉप को ही सीमित अधिकार है।

निष्कर्ष: Lucknow में नियमों की अनदेखी खतरनाक संकेत

Lucknow जैसी संवेदनशील राजधानी में यदि शराब बंदी के बावजूद खुली बिक्री हो रही है, तो यह सिर्फ एक मामला नहीं—यह प्रशासनिक ढिलाई और नियमों के प्रति उदासीनता का चिन्ह है। लोकतंत्र में कानून का शासन तभी मजबूत होता है जब नियम बिना भेदभाव के लागू हों—चाहे वह Ganja हो या Scotch.

Khursheed Khan Raju

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