Measles Outbreak: बच्चों में खसरा के मामले अचानक क्यों बढ़ रहे हैं? जानें क्या कहना है डॉक्ट्स का

 मीज़ल्स को हिन्दी में खसरा कहा जाता है, इसके अलावा इसे रुबेला के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें बुखार के साथ बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं। इसका समय से सही इलाज न हो, तो बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है, यहां तक कि मौत भी हो सकती है। यह बीमारी बच्चे में ब्रेन डैमेज, बहरापन और अंधेपन का कारण भी बन सकती है।

सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नियोनेटोलॉजी डिपार्टमेंट और कंसल्टेंट विद पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट एंड हेड, डॉ. राहुल वर्मा ने बताया, “मीज़ल्स 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा ख़तरनाक होता है। इसकी शुरुआत तेज़ बुखार, खांसी, नाक का बहना, आंखों का लाल होना और उससे पानी बहना (कंजेक्टिवाइटिस) से होती है। खसरा में होने वाले चकत्ते चेहरे से शुरू होते हैं और फिर पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। इससे जुड़ी जटिलताओं में दस्त, कान का इन्फेक्शन और निमोनिया शामिल है।”

खसरा के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज - Khasra (Measles) ke  lakshan, karan, ilaj, dawa, upchar in hindi

क्या तेज़ी से फैलता है खसरा?

मीज़ल्स एक बेहद ही संक्रामक वायरल इन्फेक्शन है, जिसमें तेज़ बुखार और रैशेज़ के साथ खांसी, नाक बहना शुरू हो जाती है और आंखें लाल हो जाती हैं। क्योंकि यह बीमारी तेज़ी से फैलती है, इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने बच्चों को वैक्सीन ज़रूर लगवाएं।

खसरा से बचना मुश्किन नहीं

मुंबई के मसीना अस्पातल में सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नोनाटोलॉजिस्ट, डॉ. अमीन काबा ने बताया, इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है अगर आपने वैक्सीन लगवाई हैं। भारत सरकार खसरा के लिए दो वैक्सीन लगवाने की सलाह देती है। पहली डोज़ 9 महीने की उम्र में और दूसरी 16 महीने का हो जाने पर। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) 5 साल की उम्र में भी एक बूस्टर डोज़ लेने की सलाह देती है।

मीसल्स यानी खसरा के मामले अचानक क्यों बढ़ रहे हैं?

डॉ.काबा ने कहा, कोरोना महामारी की वजह से कई बच्चों को समय पर दूसरी ज़रूरी वैक्सीन नहीं लग पाई। जिससे ऐसे बच्चों की तादाद बढ़ गई है, जो वैक्सीनेटेड नहीं हैं। इसी वजह से जैसे ही कोई संक्रमण आता है, वह तेज़ी से फैलना शुरू हो जाता है। अब सरकार इन बच्चों से तेज़ी इम्यूनाइज़ करने की कोशिश में लगी है, जो अगले महीने तक पूरा हो जाना चाहिए ताकि इस प्रकोप को रोका जा सके।

Khursheed Khan Raju

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