यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की उस अपील को नाटो ने खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की थी। मांग खारिज होने के बाद शनिवार को राष्ट्रपति जेलेंस्की नाटो पर खूब बरसे। ज़ेलेंस्की ने कहा कि पश्चिम का सैन्य गठबंधन यूक्रेन में होने वाली मौतों और विनाश के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो की कमजोरी और एकता की कमी मास्को के हाथों को पूरी तरह से खोल देगी। रूस हवाई हमले तेज कर देगा।
आपको बता दें कि शुक्रवार को नाटो ने रूसी मिसाइलों और युद्धक विमानों से यूक्रेन को बचाने में मदद करने के लिए यूक्रेन के आग्रह को खारिज कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नाटो का पक्ष लिया और यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन के आह्वान को खारिज कर दिया। एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि नो-फ्लाई ज़ोन का मतलब नाटो के विमानों को यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों को मार गिराने के लिए भेजना होगा। इससे यूरोप में एक पूर्ण युद्ध हो सकता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने नाटो के इस फैसले की निंदा की है। ज़ेलेंस्की ने अपने हालिया संबोधन के दौरान कहा, “आज गठबंधन के नेतृत्व ने यूक्रेन के कस्बों और गांवों में और बमबारी को हरी झंडी दे दी। नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने से इनकार कर दिया।”
यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में नाटो का उड़ान संचालन नहीं होगा
वहीं, नाटो के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में यूक्रेन के ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ का मुद्दा उठाया गया। इस दौरान नेताओं ने माना कि नाटो के विमान और सैनिकों को यूक्रेन में प्रवेश नहीं करना चाहिए। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ”उल्लेखित ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ पर नाटो के सदस्य देशों ने सहमति जताई है कि हमें यूक्रेन में नाटो की सेना का प्रवेश या यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में नाटो के उड़ान का संचालन नहीं करना चाहिए।”
स्टोल्टेनबर्ग ने बताया, ”हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम न तो यूक्रेन की जमीन या इसके हवाई क्षेत्र में जाने वाले हैं और बेशक ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ को लागू करने का एकमात्र तरीका नाटो के लड़ाकू विमानों को यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में भेजना और रूसी विमानों को मार गिराने के बाद यहां फिर से ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ लागू करना है।” उन्होंने कहा, ”हमारा ऐसा मानना है कि ऐसा करने से हम यूरोप में जारी भीषण युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। जिससे लोगों को काफी कष्ट पहुंच रहा है, पीड़ा हो रही है।”