
नई दिल्ली। संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर मार्च कर रहे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लेकर रोक दिया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई अन्य विपक्षी नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। विपक्ष के ये नेता चुनाव आयोग पर चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी और वोटों की चोरी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
विपक्ष की ओर से यह मार्च देश में लोकतंत्र की रक्षा और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों के बीच किया गया। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने बिहार में वोटरों की जांच के विवादित तरीके को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने आज संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने का ऐलान किया था।
लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मार्च को रोक दिया और बैरिकेडिंग लगाकर नेताओं को आगे बढ़ने से रोका। इस दौरान पुलिस और विपक्षी नेताओं के बीच कुछ देर तक नोकझोंक भी हुई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैरिकेडिंग पार करके आगे बढ़े, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने कहा कि ये कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी थी। वहीं विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन रोकना गहरा अन्याय है।
इस घटना से देश की राजनीतिक सियासत में नया तनाव पैदा हो गया है। विपक्ष ने सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में आगे और भी बड़े प्रदर्शन होने की संभावना है।
सुरक्षा और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के बीच, देश में चुनाव की निष्पक्षता और लोकतंत्र की रक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है।
अखिलेश यादव, राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया
विपक्षी नेताओं का संसद से चुनाव आयोग तक मार्च रोका
विपक्षी मार्च का ऐलान –
अखिलेश यादव, राहुल गांधी, और कई विपक्षी नेता संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाल रहे थे।
दिल्ली में संसद से लेकर निर्वाचन आयोग तक लगभग 3 किलोमीटर का पैदल मार्च प्रस्तावित था।
मुद्दा और आरोप –
विपक्ष का आरोप कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा और वोट चोरी हो रही है।
बिहार में वोटर लिस्ट जांच के विवाद को विपक्ष ने प्रमुख मुद्दा बनाया।
पुलिस की रोक और बैरिकेडिंग –
पुलिस ने संसद मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर नेताओं को रोका।
संसद मार्ग से आगे बढ़ने की कोशिश पर पुलिस और नेताओं में बहस हुई।
हिरासत में लिए गए नेता –
अखिलेश यादव, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता हिरासत में लिए गए।
अखिलेश यादव बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश करते दिखे, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने रोक लिया।
विपक्ष का आरोप –
लोकतांत्रिक अधिकार छीनने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा, “हम संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए निकले हैं, डरने वाले नहीं।”
पुलिस का पक्ष –
कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा कारणों से कार्रवाई की बात कही।
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि बिना अनुमति मार्च नहीं निकाला जा सकता।
राजनीतिक असर –
इस घटना ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है, आगे और विरोध प्रदर्शनों के संकेत।
सपा और कांग्रेस ने पूरे देश में प्रदर्शन का ऐलान किया।
विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी – मुख्य बिंदु
घटना का स्थान और समय – नई दिल्ली में संसद भवन से चुनाव आयोग तक निकाले जा रहे विपक्षी नेताओं के मार्च के दौरान पुलिस ने रोककर हिरासत में लिया।
संसद परिसर से निकलते ही विजय चौक के पास पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मार्च रोका।गिरफ्तार नेता – समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
अखिलेश यादव को बैरिकेड पार करने पर पुलिस ने तत्काल घेरकर रोका और गाड़ी में बैठाकर ले गई।मार्च का उद्देश्य – विपक्ष चुनाव आयोग से चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और वोट चोरी के आरोपों पर बातचीत करना चाहता था।
विपक्ष का कहना था कि हाल के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी और वोटर लिस्ट में अनियमितता हुई है।पुलिस की कार्रवाई – सुरक्षा कारणों और धारा-144 लागू होने का हवाला देकर पुलिस ने मार्च को रोक दिया।
पुलिस ने कहा कि संसद से चुनाव आयोग तक का रास्ता संवेदनशील क्षेत्र है, बिना अनुमति मार्च नहीं हो सकता।विपक्ष का आरोप – नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार छीना जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि “लोकतंत्र में शांतिपूर्ण मार्च रोकना, जनता की आवाज दबाने के बराबर है।”सियासी प्रतिक्रिया – इस घटना ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनाव और बढ़ा दिया है।
कई विपक्षी दलों ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन की चेतावनी दी।