अमेठी में जनसुनवाई: जिलाधिकारी संजय चौहान ने शासन की मंशा अनुरूप समस्याओं का किया समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण

| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |

अमेठी। जिलाधिकारी संजय चौहान ने हाल ही में कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान आम जन की विभिन्न शिकायतें सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों को समयबद्ध एवं गुणवत्ता‑पूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यह जनसुनवाई शासन की मंशा की स्पष्ट अभिव्यक्ति थी कि हर नागरिक की समस्या को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाना चाहिए और किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।


जनसुनवाई का आयोजन: व्यापक और त्वरित समाधान का मंच

जिले के लोगों की शिकायतें:
जिलाधिकारी संजय चौहान ने जनसुनवाई के दौरान आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस अवसर पर नागरिकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को विभागीय अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्हें तत्काल हल करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन के चरणों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आधिकारिक दिशा-निर्देश:
सुनवाई में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायतों का निस्तारण पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता से हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिकायतकर्ता परेशान न बने और शासन की प्राथमिकताओं की तर्ज पर कार्य हो।

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शिकायतों का स्वरूप और विभागीय प्रतिक्रिया

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार जनसुनवाई में दर्ज शिकायतों का विवरण इस प्रकार है:

  • 10 शिकायतें थीं, जिनमें से 6 का निस्तारण मौके पर किया गया। जिलाधिकारी ने चेतावनी भी दी कि लापरवाही पर कठोर कार्रवाई होगी।
  • 13 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें
    • राजस्व विभाग: 7,
    • पुलिस: 2,
    • आवास: 1,
    • पूर्ति: 1,
    • चकबंदी: 2।
      जिलाधिकारी ने कहा कि संयुक्त टीम राजस्व और पुलिस, मौके पर जाकर निष्पक्ष जांच करे और शिकायतकर्ता को परेशानी न हो।
  • 15 शिकायतें अन्य स्रोतों के अनुसार दर्ज हुईं। राजस्व विभाग को विशेष निर्देश दिए गए; साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि शिकायतों में सबसे अधिक भार राजस्व विभाग पर था, उसके बाद पुलिस, विकास, बिजली और पेंशन से संबंधित मुद्दे भी थे। जिलाधिकारी ने त्वरित, निष्पक्ष और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

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संपूर्ण समाधान दिवस: व्यापक समन्वय का प्रयास

इस जनसुनवाई का हिस्सा “संपूर्ण समाधान दिवस” भी रहा, जो जिले के चार तहसीलों — अमेठी, तिलोई, गौरीगंज और मुसाफिरखाना — में आयोजित किया गया। यह मौके पर शिकायतों को सुनकर तत्काल समाधान सुनिश्चित करने का एक व्यापक मंच था।

तथ्यात्मक विवरण:

  • तहसील अमेठी: 32 शिकायतें, 1 का तत्काल निस्तारण
  • तहसील तिलोई: 55 शिकायतें, 6 का तत्काल समाधान
  • गौरीगंज: 52 शिकायतें, 6 का निस्तारण
  • मुसाफिरखाना: 31 शिकायतें, समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु संयुक्त टीम भेजी गई

इसी क्रम में 19 अप्रैल 2025 को नवागत जिलाधिकारी संजय चौहान ने कलेक्ट्रेट, गौरीगंज में पहली जनसुनवाई की, जिसमें 20 शिकायतें दर्ज हुईं और अधिकारियों को “कोई शिकायत लंबित न रखी जाए” निर्देश दिया गया। पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने पुलिस से जुड़ी शिकायतें सुनीं और थानाध्यक्षों को कार्यवाई हेतु कप्ते निर्देश दिए।

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उत्तर प्रदेश राष्ट्रपति मॉनिटरिंग: अमेठी का स्थान

इस जनसुनवाई और समाधान प्रयासों के बीच, May 2025 की शिकायत निवारण रैंकिंग में अमेठी तीसरे स्थान पर रहा, जहां इसकी शिकायत निस्तारण दर 94.29% रही। यह दक्षता मुख्यमंत्री डैशबोर्ड और IGRS (Integrated Grievance Redressal System) के परिणामों में परिलक्षित हुई।

यह रैंकिंग यह बताती है कि अमेठी में सक्रियता, समयबद्ध निस्तारण और जनसंवाद को प्राथमिकता दी गई, जिससे समाधान दर शेष जिलों से उच्च बनी रही।


विश्लेषण: सफल मॉडल, लेकिन चुनौतियाँ बनी हुईं

ताकतेंविवरण
त्वरित कार्रवाईशिकायतों का समय पर निस्तारण जनविश्वास बढ़ाता है।
समन्वयात्मक प्रशासनविभिन्न विभागों (राजस्व, पुलिस आदि) का साझा प्रयास स्पष्ट सुधार के लिए उपयोगी।
प्राथमिकता आधारित कार्यशासन की मंशा अनुरूप नागरिकों की समस्याएँ प्राथमिकता पर हल हो रही हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेहीजनसुनवाई और संपूर्ण समाधान दिवस ने प्रशासन को जवाबदेही से जोड़ा।

हालाँकि, निम्नलिखित चुनौतियाँ भी दिखाई देती हैं:

  • समाधान की स्थिरता: तात्कालिक कार्यवाई अच्छी है, पर भविष्य में निरंतरता सुनिश्चित करनी होगी।
  • लक्षित शिकायतों का ट्रैकिंग: संवाद तो हो रहा है, पर शिकायतों की प्रगति का ट्रैक रिकॉर्ड या रिपोर्टिंग संरचना अधिक व्यवस्थित होनी चाहिए।
  • लोगों में भागीदारी और भरोसा: यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शिकायतकर्ता समाधान प्रक्रिया में भरोसा बनाए रखें और सक्रिय बने रहें।

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निष्कर्ष: अमेठी में प्रशासनिक जवाबदेही का उदाहरण

अमेठी में जिलाधिकारी संजय चौहान की अगुवाई में की गई जनसुनवाई और संपूर्ण समाधान दिवस इस बात का उदाहरण हैं कि प्रशासन कैसे जनभागीदारी और तत्कालिकता के आधार पर समस्याओं का हल कर सकता है। news time nation Amethi के अंतर्गत यह कहानी आपके पोर्टल पर प्रभावी सामग्री बन सकती है, जो न सिर्फ विश्वसनीयता बल्कि स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही को भी उजागर करती है।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

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