News Time Nation Amethi: जिलाधिकारी संजय चौहान ने ‘अन्नपूर्णा भवन’ निर्माण की समीक्षा, अधिकारियों को दिये स्पष्ट निर्देश

| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |

जिलाधिकारी संजय चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा की गयी। यह पहल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System – PDS) को और अधिक प्रभावी बनाने और राशन कार्ड धारकों को सुविधाजनक भोजन एवं सेवा पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की एक प्रमुख परियोजना है।


प्रदेश में अन्नपूर्णा भवन: व्यापक पहल का स्वरूप

उत्तर प्रदेश सरकार ने PDS को मजबूत और पारदर्शी बनाने हेतु हर जिले में प्रति वर्ष 75–100 अन्नपूर्णा भवन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अब तक 3,500+ भवन पूरे हो चुके हैं और लगभग 2,000 भवन निर्माणाधीन हैं।

इन भवनों में न सिर्फ राशन दुकान (fair price shop) बल्कि एक Common Service Centre (CSC) और प्रतीक्षा कक्ष भी शामिल होगा, जिससे PDS के साथ अन्य सरकारी सेवाएं भी नागरिकों को उपलब्ध होंगी ।

अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण विभिन्न स्रोतों से किया जा रहा है — मनरेगा, सांसद/विधायक निधि, पूर्वांचल या बुंदेलखंड विकास निधि, राज्य वित्त आयोग आदि — और यदि कोई बाहरी निधि उपलब्ध न हो, तो खाद्य एवं रसद विभाग अपने बचत से इसे वित्तपोषित करेगा।


WhatsApp Image 2025 09 01 at 15.57.30

अमेठी में समीक्षा बैठक: नक्शा विस्तार से प्रस्तुत

बैठक में लगभग 131 अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण की रूपरेखा चर्चा में रही:

  • 131 भवनों हेतु भूमि चिन्हांकन
  • 101 भवनों के लिए भूमि चिन्हांकन को प्रस्तावतः उपलब्ध
  • 29 ग्राम पंचायतों से भूमि प्रस्ताव अभी शेष

अन्नपूर्णा भवनों के स्थल चयन हेतु SDM (उपजिलाधिकारी) के नेतृत्व में ज़िला स्तर पर गठित समिति द्वारा भूमि चयन बैठकें आयोजित की गई थीं।

जिलाधिकारी चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए कि:

  • जहां भूमि चिन्हांकित हो चुकी है, वहां की जानकारी तुरंत जिला पूर्ति अधिकारी को उपलब्ध होनी चाहिए।
  • जहाँ भूमि चिन्हित नहीं हुई है, वहां निर्विवाद, उचित भूमि सुनिश्चित करवायी जाए
  • भवन का स्थान ऐसा चुना जाए कि ट्रक आदि आसानी से पहुंच सकें, जिससे खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सके।

इसका उद्देश्य स्पष्ट था: “जहाँ राशन वितरण पहले कोटेदारों के घरों से होता था, वहाँ पहुंचने में समस्या होती थी; अब अन्नपूर्णा भवनों से राहत मिलेगी।”

बैठक में अन्य प्रमुख अधिकारियों जैसे अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व – अर्पित गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर सात्विक श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी वीरभानु सिंह, डीसी मनरेगा – शेर बहादुर, जिला पूर्ति अधिकारी शशिकांत, सभी खंड विकास अधिकारी एवं पूर्ति निरीक्षक उपस्थित रहे।

News Time Nation Amethi

WhatsApp Image 2025 09 01 at 15.57.29 2

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे। …


अमेठी के पूर्व उदाहरणों से सीखें

शेखपुर भंडरा गाँव (गौरीगंज) — तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण मुक्त बंजर भूमि को अन्नपूर्णा भवन निर्माण हेतु चिन्हित किया गया, जिसमें ग्राम प्रधान और राजस्व टीम की साझेदारी रही ।

मखदुमपुर कला (किशनी क्षेत्र) — यहां पूर्णतः निर्मित अन्नपूर्णा भवन में ग्रामीणों को अब ऑनलाइन सरकारी सेवाएं और अन्य सुविधाएँ मिलने लगी हैं, जिससे समय और धन दोनों की बचत हुई ।

वहीं, जगदीशपुर में कई ग्राम पंचायतों में अभी तक भवन निर्माण अधूरा है और संचालन शुरू नहीं हुआ, जिससे लाभार्थियों को वास्तविक मदद नहीं मिल रही । ऐसे घटते हुए उदाहरणों को अमेठी योजना में सुधारात्मक बिंदुओं के रूप में शामिल करना आवश्यक है।


News Time Nation Amethi

WhatsApp Image 2025 09 01 at 15.57.29 1

हमारे यूट्यूब चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

प्रशासनिक और योजना दृष्टिकोण से महत्व

News Time Nation Amethi इस पहल को एक नए अध्याय के रूप में देखता है:

  • अन्नपूर्णा भवन PDS को सुदृढ़ व स्थायी बनाता है।
  • मदद के केंद्रों को प्रभावी, खुले स्थानों पर स्थानांतरण करने से आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है।
  • भूमि चयन में पारदर्शिता और आपूर्ति तंत्र का समन्वय लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में निर्णायक होगा।
  • क्षमता निर्माण जो खेत से सीधे लाभार्थी तक खाद्यान्न पहुंचाए, यह शासन की सामाजिक नीति को मजबूत बनाता है।

आगे की संभावित दिशा-निर्देश

विषयसुझाव
भूमि चयनऋण-रहित, निर्विवाद भूमि चिन्हित हो
लॉजिस्टिक्सट्रक, दूरी, पहुंच सुनिश्चित करें
संचालनउद्घाटन के बाद संचालन त्वरित प्रारंभ हो
फंड स्रोतमल्टी-सोर्स वित्तपोषण से लचकदार निर्माण
निगरानीडीएम/SDM नेतृत्व में नियमित समीक्षा करें

News Time Nation Amethi का विश्लेषण

अमेठी की समीक्षा बैठक प्रशासनिक दक्षता और नीति निष्पादन की जीवंत मिसाल है। यह दिखाता है कि:

  • स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने और मौके पर कार्यान्वयन संभव है।
  • मॉडल भवनों से PDS में सुधार हो सकता है।
  • फील्ड अनुभव और पूर्व उदाहरणों से सीखते हुए अमेठी स्थानीयता और सुविधा के बीच संतुलन बना सकता है।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

Leave a Comment