
| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |
उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। News Time Nation Amethi को प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीपरपुर थाना क्षेत्र के एक परिवार ने बार-बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो वे सपरिवार आत्मदाह की चेतावनी देने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए।
✍️ आत्मदाह की चेतावनी से हड़कंप – News Time Nation Amethi की ग्राउंड रिपोर्ट
अमेठी जनपद के सवनगी गांव (बालीपुर डुहिया मजरा) निवासी नन्हेंलाल गुप्ता ने अपनी समस्या के समाधान के लिए कई बार प्रशासन के दरवाज़े खटखटाए, लेकिन जब कहीं से राहत नहीं मिली तो उन्होंने यह चरम कदम उठाने का निर्णय लिया।
News Time Nation Amethi को प्राप्त जानकारी के अनुसार, नन्हेंलाल और उनके परिवार ने अमेठी के कलेक्ट्रेट में पहुंचकर जनसुनवाई अधिकारी को एक पत्र सौंपा जिसमें आत्मदाह की चेतावनी दी गई। इस चेतावनी ने जिला प्रशासन में हलचल मचा दी है।
🚫 रास्ता बंद, घर में कैद पूरा परिवार
नन्हेंलाल गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके पड़ोसी रामनाथ गुप्ता ने जानबूझकर उनके घर के एकमात्र रास्ते में मिट्टी डालकर उसे अवरुद्ध कर दिया है। परिणामस्वरूप नन्हेंलाल का पूरा परिवार अपने घर में कैद हो गया है।
- कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है।
- परिवार के सदस्य और मवेशी तक घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
- रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी बाहर आना असंभव हो गया है।
📅 शिकायतें, लेकिन समाधान नहीं – प्रशासन बना मूकदर्शक
नन्हेंलाल गुप्ता ने इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु 25 जुलाई, 1 अगस्त, 18 अगस्त और 20 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी व थाना दिवस पर प्रार्थना पत्र दिए।
News Time Nation Amethi की पड़ताल में यह सामने आया कि इन तिथियों पर वाकई शिकायतें दी गईं, लेकिन अधिकारियों की ओर से अब तक कोई ठोस कार्यवाई नहीं हुई है।
“हमने थाने, तहसील, समाधान दिवस—हर जगह शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन आंखें बंद करके बैठा है।”
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🔥 एक सप्ताह में रास्ता नहीं खुला तो आत्मदाह
नन्हेंलाल द्वारा सौंपे गए पत्र में कहा गया है:
“यदि एक सप्ताह के अंदर रास्ता नहीं खुलवाया गया, तो हम सपरिवार आत्मदाह करेंगे। इसके लिए संपूर्ण प्रशासन जिम्मेदार होगा।”
यह चेतावनी न केवल अमेठी बल्कि समूचे प्रदेश के प्रशासन के लिए एक चेतावनी जैसी है कि आम जनता अब हताश होकर खतरनाक फैसले लेने को मजबूर है।
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🚓 पुलिस ने लिया हिरासत में – News Time Nation Amethi की पुष्टि
जैसे ही नन्हेंलाल ने यह पत्र जनसुनवाई अधिकारी को सौंपा और बाहर निकले, गौरीगंज कोतवाली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
News Time Nation Amethi को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि:
- पुलिस ने तुरंत नन्हेंलाल से बातचीत की।
- परिवार को आत्मदाह न करने के लिए समझाने का प्रयास किया गया।
- प्रशासन ने मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक भेज दी है।
📸 घटनास्थल की तस्वीरें और माहौल
News Time Nation Amethi की टीम जब कलेक्ट्रेट पहुंची, तो वहां तनावपूर्ण माहौल था। कई लोग इस मामले को लेकर चर्चा करते दिखे। आम जनता में प्रशासन के प्रति नाराजगी स्पष्ट दिखाई दे रही थी।
एक स्थानीय निवासी ने कहा:
“अगर इतनी शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाई न हो, तो जनता कहां जाए? प्रशासन की निष्क्रियता ही ऐसे हालात के लिए जिम्मेदार है।”
📢 सवालों के घेरे में प्रशासन
News Time Nation Amethi का मानना है कि यह घटना एक व्यक्तिगत विवाद मात्र नहीं है, बल्कि यह प्रशासन की निष्क्रियता की बड़ी मिसाल है।
प्रशासन से जुड़े मुख्य प्रश्न:
- क्या संपूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस केवल औपचारिकता हैं?
- कई प्रार्थना पत्रों के बावजूद कोई कार्यवाई क्यों नहीं हुई?
- पीड़ित परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
- आम जनता को न्याय पाने के लिए आत्मदाह की चेतावनी क्यों देनी पड़ रही है?
🧭 आगे की संभावनाएं – News Time Nation Amethi का विश्लेषण
अब जबकि मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है, यह जरूरी है कि:
- रास्ता तुरंत खुलवाया जाए।
- प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
- पीड़ित परिवार की काउंसलिंग कर उन्हें भरोसा दिलाया जाए।
- ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जाए।
🎯 News Time Nation Amethi की राय
यह मामला प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। News Time Nation Amethi का मानना है कि यदि समय रहते मामलों का निस्तारण नहीं किया जाएगा तो जनता का विश्वास प्रशासन से पूरी तरह उठ जाएगा।
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रभावी जनसुनवाई तंत्र और संवेदनशील प्रशासन की कितनी आवश्यकता है।
🔍 News Time Nation Amethi की अपील
हम प्रशासन, समाज और पाठकों से अपील करते हैं कि:
- प्रशासन संवेदनशील बने और ऐसे मामलों में त्वरित कार्यवाई सुनिश्चित करे।
- आमजन ऐसे गंभीर कदम उठाने से पहले सभी कानूनी विकल्प अपनाएं।
- समाज को ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
📌 निष्कर्ष
News Time Nation Amethi की इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि जब प्रशासनिक व्यवस्था लचर होती है, तो आम आदमी अपनी आवाज उठाने के लिए आत्मघाती कदम तक सोचने लगता है। नन्हेंलाल गुप्ता का मामला एक चेतावनी है कि अब समय आ गया है कि प्रशासन अपने कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता दिखाए।