| संवाददाता, मो.आज़म |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के पदाधिकारियों ने आज अयोध्या कलेक्टरेट कार्यालय के निकट ईदगाह से लेकर सदर तहसील स्थित तिकोणिया पार्क तक एक धरना-प्रदर्शन और पैदल मार्च का आयोजन किया। इसका उद्देश्य वोटर अधिकार, वोटर सूची में कटौती, और वोट चोरी जैसे संवैधानिक मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना था। मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की, जिसमें “वोट चोर, गद्दी छोड़” प्रमुख था।
प्रदर्शन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
– जिला सचिव अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि इस विरोध का एक प्रमुख कारण बिहार में चल रही Voter Adhikar Yatra (वोटर अधिकार यात्रा) का समापन होना था, जिनके माध्यम से लगभग 65 लाख मतदाताओं का नाम काटे जाने की बात सामने आई है। यह कदम वोटर अधिकारों का सीधा आक्रमण माना जा रहा है।
– उन्होंने आरोप लगाया कि 130वाँ संविधान संशोधन विधेयक पारित होने से पहले ये संवैधानिक व्यवस्था कमजोर करने की नीयत से सामने आ रहा है। इसमें यह प्रस्ताव शामिल है कि यदि किसी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या मंत्री को 100 दिन तक जेल हो, तो उन्हें अपने पद से हटना पड़ेगा।
– तिवारी ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं—चाहे वे किसी भी पार्टी से संबद्ध हों—को बीचे में छूट मिलती है, लेकिन विपक्ष पर झूठे आरोप लगाकर उनका रूतबा कम किया जाता है।
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प्रदर्शन की रूपरेखा
- स्थान: ईदगाह → सतह—तिकोनिया पार्क तक पैदल मार्च।
- प्रमुख मौखिक अपील: “वोट चोर, गद्दी छोड़!”
- ज्ञापन: मार्च के अंत में उपस्थित अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया।
- सहमति और विरोध: यह विरोध केंद्र में व्याप्त लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ था।
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समकालीन राजनीतिक संदर्भ: बिहार में वोटर अधिकार यात्रा
– Rahul Gandhi द्वारा “Voter Adhikar Yatra”, जिसका समापन आज बिहार के पटना में हुआ, यह यात्रा विशेष रूप से Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ थी ।
– इस यात्रा ने “वोट चोरी” मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, और इसमें “Vote Chor Gaddi Chhodd” जैसे नारे लगे ।
– इसी मुद्दे को लेकर CPI, CPI(M) और CPI(ML) जैसी पार्टियों ने भी विरोध-प्रदर्शन किए—66 लाख नाम काटे जाने, मूल नागरिकों के साथ अन्याय जैसे आरोप लगते रहे ।
इस प्रकार, अयोध्या में आज का मार्च इस राष्ट्रीय राजनीतिक आंदोलन के एक लोकल संस्करण के रूप में देखा गया, जहाँ पार्टी ने “वोटर अधिकारों” और “लोकतांत्रिक गड़बड़ी” के मुद्दों को जोरशोर से उठाया।
News Time Nation AYODHYA का विश्लेषण
- यह मार्च लोकतांत्रिक चेतना को जगाने का एक प्रयास था, विशेषकर जब महत्वपूर्ण संवैधानिक और चुनावी मुद्दे केंद्र में हों।
- वोटर अधिकार यात्रा, SIR प्रक्रिया, और संविधान संशोधन जैसे राष्ट्रीय मुद्दे अब स्थानीय स्तर पर जनता के बीच जागरूकता फैला रहे हैं।
- अयोध्या में हुए इस विरोध ने यह संदेश दिया कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सभी दल निगरानी रखें और जनभावना को दबा नहीं सकते।