
| संवाददाता, मो.आज़म |
अयोध्या, जो अब तक केवल अपनी आध्यात्मिक पहचान और राम मंदिर निर्माण के लिए जाना जाता था, अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि अयोध्या को भारत का पहला पूरी तरह से प्राकृतिक खेती करने वाला जिला बनाया जाए। इस योजना के तहत, जिले के हर किसान के पास कम से कम एक देशी गाय होगी, और उनकी पूरी खेती गोमूत्र और गोबर आधारित जैविक प्रणाली पर आधारित होगी।
इस विशेष रिपोर्ट में News Time Nation Ayodhya आपको बताएगा कि कैसे अयोध्या एक आदर्श जैविक कृषि मॉडल के रूप में उभर रहा है और इससे जुड़ी योजनाएं किस दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
गौ सेवा आयोग की अयोध्या यात्रा
हाल ही में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों के साथ अयोध्या पहुंचे। उन्होंने जिले के उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री के विज़न को जमीनी स्तर पर लागू करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि:
- हर किसान को कम से कम एक गाय पालना होगा।
- खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का पूर्णतः बहिष्कार किया जाएगा।
- गोमूत्र और गोबर से ही खाद और कीटनाशक तैयार किए जाएंगे।
News Time Nation Ayodhya के अनुसार, योजना के मुख्य उद्देश्य:
- स्वस्थ और केमिकल-फ्री भोजन तैयार करना।
- देशी गायों की संख्या में वृद्धि करना।
- किसानों की आय को बढ़ाना, साथ ही पशुधन को संपत्ति के रूप में स्थापित करना।
- अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध भोजन प्रदान करना।
- किसानों में जैविक खेती के प्रति विश्वास जगाना।
नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में बनेगी अत्याधुनिक लैब
इस मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार 26 करोड़ रुपये की लागत से नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला बना रही है।
इस लैब में:
- अन्न, फल और सब्जियों की शुद्धता की जांच की जाएगी।
- जैविक उत्पादों की गुणवत्ता और प्रमाणन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
- किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी मदद भी दी जाएगी।
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आंकड़े: गाय और किसान
- उत्तर प्रदेश में कुल 2 करोड़ 86 लाख किसान हैं।
- जबकि गौवंश की संख्या केवल 1 करोड़ 90 लाख है।
- इसका मतलब है कि अगर हर किसान को एक गाय देनी है, तो हमें 1 करोड़ से अधिक नई गायों की आवश्यकता होगी।
यही वजह है कि अब सरकार देशी नस्ल की गायों का संरक्षण और संवर्धन तेजी से कर रही है।
“गाय पालने वाला ही समृद्ध कहलाएगा”
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा:
“गाय पालने वाला ही समृद्ध कहलाएगा और गाय के बिना किसान दरिद्र माना जाएगा। यह केवल भावनात्मक बात नहीं है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
इसका मुख्य उद्देश्य है किसानों को यह समझाना कि गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि एक संपूर्ण अर्थव्यवस्था का केंद्र हो सकती है।
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अयोध्या: श्रद्धा से खेती तक
अयोध्या एक धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी है। हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से रासायन मुक्त और प्राकृतिक भोजन मिले, यही सरकार की प्राथमिकता है।
इस उद्देश्य से:
- धार्मिक स्थलों के आस-पास प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- अन्नक्षेत्र (लंगर और प्रसाद) में केवल जैविक उत्पादों के उपयोग की सिफारिश की गई है।
- स्थानीय किसानों को इन क्षेत्रों से सीधे जोड़ा जा रहा है।
प्राकृतिक खेती के लाभ
News Time Nation Ayodhya टीम ने स्थानीय किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से बात की। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से:
- मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
- जल की खपत घटती है।
- उत्पादन की लागत कम होती है।
- उपभोक्ताओं को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलता है।
आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
आज के समय में किसान रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर बहुत पैसा खर्च करता है। इससे उसे घाटा होता है। लेकिन अगर वही किसान गाय से मिलने वाले गोबर और गोमूत्र से खाद और कीटनाशक तैयार करता है, तो उसकी लागत शून्य हो जाती है।
News Time Nation Ayodhya के अनुसार, प्रदेश सरकार जल्द ही इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने की दिशा में भी काम करेगी।
गाय आधारित उत्पादों की मांग बढ़ी
आज के समय में बाजार में:
- गोमूत्र आधारित कीटनाशक,
- गोबर से बने जैविक खाद,
- देशी गाय का दूध,
- दही, घी और पनीर की मांग लगातार बढ़ रही है।
यही कारण है कि सरकार अब गाय आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती से बढ़ावा दे रही है।
प्राकृतिक खेती: भविष्य की ओर एक कदम
News Time Nation Ayodhya की यह विशेष रिपोर्ट इस दिशा में आई एक नई शुरुआत को दर्शाती है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – “गौ आधारित भारत” की ओर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह सपना अब केवल एक विचार नहीं रह गया है, बल्कि इसे नीतियों और कार्यों के रूप में लागू किया जा रहा है। अयोध्या इसका पहला मॉडल बनेगा।
निष्कर्ष
अयोध्या का यह बदलाव आने वाले समय में न केवल किसानों की किस्मत बदलेगा, बल्कि एक नई हरित क्रांति की शुरुआत करेगा – वह भी रासायन मुक्त, देसी और पूर्णतः भारतीय सोच पर आधारित।
News Time Nation Ayodhya इस ऐतिहासिक परिवर्तन को लगातार कवर करता रहेगा और आपको हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा।