लखनऊ, उत्तर प्रदेश – राजधानी के पॉश इलाकों में से एक सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक महिला का रहस्यमय परिस्थितियों में शव मिलने की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग, फोरेंसिक टीम, और डॉग स्क्वायड मौके पर पहुंच गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) स्वयं मौके पर पहुंचे और News Time Nation Lucknow सहित मीडियाकर्मियों को इस संदर्भ में जानकारी दी।
घटना का स्थान: लखनऊ का सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र
घटना 1 सितंबर 2025 की देर रात की बताई जा रही है, जब क्षेत्रवासियों ने बदबू आने की शिकायत की और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और एक बंद मकान के अंदर महिला का सड़ा-गला शव बरामद किया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही News Time Nation Lucknow की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच: संदेह की दिशा में खोजबीन
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी (DCP South), लखनऊ, ने मीडिया को दिए अपने बयान में बताया:
“महिला की पहचान प्रक्रिया चल रही है। शव 3 से 4 दिन पुराना लग रहा है। घर का मुख्य दरवाजा भीतर से बंद था, कोई जबरन घुसपैठ के निशान नहीं हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि फोरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
News Time Nation Lucknow की ग्राउंड रिपोर्ट
हमारे संवाददाता ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो कुछ अहम बातें सामने आईं:
- घर में रहने वाली महिला अकेली रहती थी।
- आसपास के लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनकी कोई हलचल नहीं दिखी।
- मकान से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।
पड़ोसियों की प्रतिक्रिया:
- विक्रम मिश्रा (पड़ोसी): “हमने दो दिन पहले भी पुलिस को बताया था कि बदबू आ रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
- नाज़िया बेगम (स्थानिय निवासी): “वो महिला किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करती थीं, बस अकेली रहती थीं।”
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शव की स्थिति और मौके की हालत
News Time Nation Lucknow को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार:
- महिला का शव बेड पर पड़ा था।
- शरीर पर कुछ चोटों के निशान भी पाए गए हैं, लेकिन यह पूर्व चोट हैं या मृत्यु से जुड़ी, इसका पता पोस्टमार्टम से लगेगा।
- घर की चीज़ें अपनी जगह पर थीं, लूटपाट के निशान नहीं मिले।
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फोरेंसिक और तकनीकी जांच शुरू
घटना के बाद फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने:
- फिंगरप्रिंट लिए
- घर में मौजूद मोबाइल, दस्तावेजों की जांच की
- सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि महिला के मोबाइल फोन से कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि अंतिम बार किससे संपर्क हुआ था।
पुलिस उपायुक्त का बयान: केस को लेकर गंभीरता
DCP दक्षिणी लखनऊ ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हम इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं। हमारी प्राथमिकता है कि महिला की पहचान कर उसके परिवार से संपर्क किया जाए और इस मौत के पीछे का सच सामने लाया जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि महिला की पहचान होते ही कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है।
लखनऊ में बढ़ते महिला अपराध: आंकड़े क्या कहते हैं?
News Time Nation Lucknow द्वारा पुलिस आंकड़ों के विश्लेषण से यह सामने आया है कि लखनऊ में महिलाओं के प्रति अपराधों में इजाफा हुआ है:
वर्ष | महिला मृत्यु संदिग्ध मामलों की संख्या |
---|---|
2022 | 78 |
2023 | 92 |
2024 | 109 |
2025 (अब तक) | 83 |
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि महिला सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, विशेषकर शहरी और अकेले रहने वाली महिलाओं के लिए।
कानूनी नजरिया: ऐसी घटनाओं में क्या होता है प्रोसेस?
ऐसे मामलों में पुलिस को धारा 174 CrPC के तहत अचानक मृत्यु के केस की रिपोर्ट बनानी होती है और पोस्टमार्टम के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाती है।
यदि मौत में हत्या की आशंका बनती है, तो इसे IPC की धारा 302 (हत्या) या 304B (दहेज हत्या, यदि विवाहित महिला हो) के तहत केस दर्ज किया जाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
News Time Nation Lucknow के फेसबुक पेज पर इस खबर के आते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आईं:
- रोहित यादव: “लखनऊ में अब घर में रहना भी सुरक्षित नहीं रहा।”
- अनामिका मिश्रा: “महिलाओं की सुरक्षा अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, अकेली महिलाएं सबसे असुरक्षित हैं।”
विशेषज्ञ की राय: क्या कहता है मनोविज्ञान?
मनोवैज्ञानिक डॉ. स्वाति श्रीवास्तव कहती हैं:
“शहरों में अकेले रहने वाली महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा बहुत कमजोर होती है। प्रशासन को ऐसे लोगों की जानकारी अपने स्तर पर रखनी चाहिए।”