
संवाददाता , दया शंकर पाण्डेय
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रतापगढ़ में आगमन न केवल विकास की नई योजनाओं की सौगात लेकर आया, बल्कि आगामी राजनीतिक रणनीति की झलक भी दिखा गया। जहां एक ओर सरकार ने स्मार्ट सिटी और भव्य स्टेडियम जैसी परियोजनाओं का ऐलान किया, वहीं भीड़ की संख्या को लेकर विपक्ष को तंज कसने का मौका भी मिल गया।
विकास की सौगात: ₹570 करोड़ की परियोजनाएं, 186 करोड़ की आधारशिला
प्रतापगढ़ की धरती आज विकास की नई परिभाषा की साक्षी बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुल 570 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा की, जिनमें से 186 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इनमें सबसे प्रमुख हैं:
- भव्य स्टेडियम का निर्माण, जिससे जिले के युवाओं को खेलों में अवसर मिलेगा।
- स्मार्ट सिटी परियोजना, जिसके तहत शहरी सुविधाओं को डिजिटल और आधुनिक बनाया जाएगा।
- बुनियादी ढांचा विकास, जिसमें सड़कों, सीवरेज, पानी और स्वच्छता की व्यवस्था को उन्नत किया जाएगा।
CM योगी ने कहा:
“प्रतापगढ़ को आधुनिकता और परंपरा का संगम बनाना है। हमारा लक्ष्य हर गांव, हर घर तक विकास की किरण पहुँचाना है।”
जनसभा में भीड़ पर उठा विवाद: विरोधियों के लिए बना मुद्दा
जहां मुख्यमंत्री का दौरा प्रशासन और भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया, वहीं भीड़ की संख्या पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए। सूत्रों के अनुसार:
- लगभग 10,000 सरकारी कर्मचारी (पुलिस, होमगार्ड, आंगनबाड़ी, आदि) कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे।
- आम जनता की उपस्थिति लगभग 10,000 रही।
- कुल भीड़ लगभग 20,000 रही, जबकि भाजपा ने एक लाख की भीड़ का लक्ष्य रखा था।
विपक्षी दलों ने तंज कसते हुए कहा कि “भाजपा अपने दम पर भीड़ नहीं जुटा सकी, DM-SP की मेहरबानी से सभा सफल दिखी।”
इसपर बीजेपी नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि:
“विकास ही हमारी भीड़ है, काम ही हमारी पहचान है। जो भी इस प्रदेश की तस्वीर बदलना चाहता है, वह हमारे साथ है।”
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प्रतापगढ़ की पहचान और सीएम योगी का भाषण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में प्रतापगढ़ की ऐतिहासिक और औषधीय पहचान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
- “आंवला प्रतापगढ़ की पहचान है, और इसे विश्व ब्रांड बनाना हमारा लक्ष्य है।”
- “गुंडों और माफियाओं की अब खैर नहीं, माफिया को संरक्षण देने वालों का भी नामोनिशान मिटा दिया जाएगा।”
- “2027 का चुनाव विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर होगा, न कि भीड़ पर।”
राजनीतिक सन्देश: केवल दो विधायक, मगर बड़ा इरादा
फिलहाल प्रतापगढ़ जिले में भाजपा के पास केवल 2 विधायक हैं (भाजपा व अपना दल गठबंधन के)। इसके बावजूद योगी आदित्यनाथ और भाजपा शीर्ष नेतृत्व यहां लगातार सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि:
“प्रतापगढ़ हमारा प्राथमिक क्षेत्र है। आने वाले चुनावों में हम यहां बड़ा उलटफेर करेंगे।”
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कार्यक्रम में प्रशासन की बड़ी भागीदारी
कार्यक्रम की सफलता में जिला प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, महिला समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विद्यालयों के छात्र और सरकारी तंत्र की बड़ी भूमिका रही। कई सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी कार्यक्रम स्थल पर लगी थी, जिससे कुछ हलकों में यह भी आलोचना हुई कि “जनता की जगह सरकारी भीड़ जुटाई गई।”
हालांकि प्रशासन ने इसे “आवश्यक व्यवस्थात्मक भागीदारी” बताया।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
News Time Nation Pratapgarh की टीम ने कई आम नागरिकों से बात की। उनके विचार मिले-जुले रहे:
- रमेश कुमार (किसान): “स्मार्ट सिटी का ऐलान सुनकर अच्छा लगा, मगर पहले से चल रही योजनाएं भी अधूरी हैं।”
- सुनीता देवी (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता): “हमें जबरन बुलाया गया, मगर मुख्यमंत्री जी का भाषण प्रेरणादायक था।”
- इरफान (छात्र): “स्टेडियम बनने से हम जैसे युवाओं को खेल में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।”
प्रतापगढ़ का भविष्य: स्मार्ट सिटी और खेल हब
अगर घोषणाएं जमीन पर उतरती हैं तो प्रतापगढ़ आने वाले वर्षों में एक शहरी और खेल हब के रूप में विकसित हो सकता है:
- खेल स्टेडियम से खेल प्रतिभाओं को नया मंच मिलेगा।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से बिजली, पानी, ट्रैफिक, सुरक्षा, सफाई आदि में क्रांति आएगी।
- स्थानीय उत्पाद जैसे आंवला, अमरूद, शहद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।
निष्कर्ष: सियासत बनाम विकास
News Time Nation Pratapgarh की यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि योगी आदित्यनाथ का दौरा केवल योजनाओं के शिलान्यास तक सीमित नहीं था, यह एक राजनीतिक संदेश भी था कि भाजपा 2027 के लिए अभी से ज़मीन तैयार कर रही है।
भीड़ भले अपेक्षा से कम रही हो, मगर योजनाएं अगर अमल में लाई जाती हैं तो यही “काम की भीड़” भाजपा को भविष्य में समर्थन दिला सकती है।