News Time Nation Rampur: अमेरिका से रामपुर पहुँचा मुफ़्ती-ए-शहर मेहबूब अली साहब का जनाज़ा, हजारों की भीड़ में उमड़ा जनसैलाब

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| संवाददाता, शाहबाज़ खां |

रामपुर जनपद आज गम और इज़्ज़त के उस माहौल का गवाह बना, जो विरले ही देखने को मिलता है। मुफ़्ती-ए-शहर मेहबूब अली साहब का पार्थिव शरीर जब अमेरिका से रामपुर पहुँचा, तो पूरी नगरी शोक में डूब गई।

News Time Nation Rampur की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, जनाज़े में न केवल हजारों की संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, बल्कि जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी, धार्मिक हस्तियाँ और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।


अमेरिका से आया जनाज़ा, रामपुर में भावनाओं का सैलाब

मुफ़्ती मेहबूब अली साहब, जो अपने धार्मिक ज्ञान, शांति-संदेश और समाज में सौहार्द्र के लिए जाने जाते थे, कुछ समय से अमेरिका में रह रहे थे। वहीं उनका इंतकाल हुआ और उनकी वसीयत के अनुसार उन्हें अपने वतन रामपुर में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया

News Time Nation Rampur को प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैसे ही उनका जनाज़ा अमेरिका से रामपुर पहुँचा, हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन को उमड़ पड़े।


जनाज़े में मौजूद रहे ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक

इस विशेष अवसर पर रामपुर के जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने न केवल जनाज़े की व्यवस्थाओं की निगरानी की, बल्कि शांति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी हर पहलू का निरीक्षण किया।

DM जोगिंदर सिंह ने कहा:

“मुफ़्ती साहब एक महान धार्मिक व्यक्ति थे, उनकी अंतिम यात्रा को शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बनाना हम सभी का दायित्व था।”

SP विद्यासागर मिश्र ने बताया कि:

“शहर के सभी प्रमुख इलाकों में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।”


चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जनाज़े में भारी भीड़ को देखते हुए रामपुर पुलिस ने शहर के कोने-कोने में पुलिस फोर्स की तैनाती की थी।

  • भीड़ प्रबंधन के लिए RAF और PAC के जवानों की तैनाती
  • महिला पुलिस कर्मियों की भी व्यवस्था
  • ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अस्थाई रूट डायवर्जन किया गया
  • ड्रोन कैमरों से निगरानी और CCTV से निगरानी व्यवस्था

News Time Nation Rampur ने देखा कि जनाज़े के हर मार्ग पर पुलिस की चौकसी थी, ताकि श्रद्धांजलि का यह क्षण शांति और व्यवस्था में बाधित न हो।


जनसैलाब: सभी धर्मों, जातियों के लोग पहुंचे अंतिम विदाई में

मुफ़्ती मेहबूब अली साहब की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम दर्शन के लिए न सिर्फ़ मुस्लिम समाज, बल्कि सिख, हिंदू और ईसाई समुदाय के लोग भी उपस्थित रहे।

News Time Nation Rampur की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि:

  • स्थानीय व्यापारी संगठनों ने अस्थायी रूप से दुकानों को बंद कर श्रद्धांजलि अर्पित की
  • शिक्षा संस्थानों ने छात्रों व शिक्षकों को छुट्टी देकर शामिल होने की अनुमति दी
  • मस्जिदों में विशेष दुआ और कुरानख्वानी का आयोजन किया गया

मुफ़्ती मेहबूब अली साहब: एक परिचय

मुफ़्ती-ए-शहर मेहबूब अली साहब केवल एक धार्मिक विद्वान नहीं थे, बल्कि रामपुर की गंगा-जमुनी तहज़ीब के प्रतीक थे।

🕌 धार्मिक योगदान:

  • वर्षों तक रामपुर की मुख्य जामा मस्जिद के इमाम रहे
  • हज़ारों विद्यार्थियों को दीनी तालीम दी
  • शांति और भाईचारे का संदेश देते हुए देश-विदेश में व्याख्यान दिए

🌍 अंतरराष्ट्रीय पहचान:

  • अमेरिका, ब्रिटेन, और मिडिल ईस्ट में कई धार्मिक सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया
  • धार्मिक सहिष्णुता के लिए अमेरिका में विशेष सम्मान प्राप्त किया

News Time Nation Rampur से बातचीत में नागरिकों की भावनाएं

✔ हाजी मुहम्मद सलीम (स्थानीय निवासी):

“मुफ़्ती साहब सिर्फ़ हमारे उस्ताद नहीं, रहनुमा थे। उनका जाना एक युग का अंत है।”

✔ आरती वर्मा (शिक्षिका):

“हम गैर-मुस्लिम होते हुए भी उन्हें सम्मान देते थे। उन्होंने हमेशा प्रेम और एकता की बात की।”

✔ राशिद खान (व्यापारी नेता):

“हमने स्वेच्छा से बाजार बंद रखे ताकि उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।”


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अंतिम यात्रा का मार्ग: प्रशासन की निगरानी में शांति पूर्वक सम्पन्न

News Time Nation Rampur के संवाददाता के अनुसार:

  • जनाज़ा शाहबाज़ खां क्षेत्र से निकलकर मुख्य मार्गों से होता हुआ कब्रिस्तान पहुँचा
  • रास्ते में लोगों ने फूलों की वर्षा की और अल्लाहु अकबर के नारे लगाए
  • बच्चों, बुज़ुर्गों, युवाओं — हर वर्ग की भागीदारी रही

प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना

रामपुर जिला प्रशासन की व्यवस्था की सभी ने प्रशंसा की। खासकर DM और SP की निगरानी में जिस तरह से:

  • भीड़ को व्यवस्थित किया गया
  • सुरक्षा और भावनाओं का संतुलन बना रहा
  • लोगों को असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा गया

वह प्रशासन की संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण बना।

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News Time Nation Rampur का विश्लेषण

रामपुर ने आज यह सिद्ध कर दिया कि जब किसी महान आत्मा की विदाई होती है, तो पूरा समाज एक हो जाता है।

मुफ़्ती मेहबूब अली साहब की अंतिम यात्रा धर्म, राजनीति, जाति और वर्ग से परे एकता और श्रद्धा की मिसाल बन गई।


क्या कहता है यह जनसैलाब?

  • धार्मिक सद्भाव की मिसाल है रामपुर
  • विरासत छोड़ने वाले इंसान को पूरा शहर सलाम करता है
  • प्रशासन और समाज जब साथ हों, तो व्यवस्था भी भावनाओं के साथ चलती है

निष्कर्ष

News Time Nation Rampur इस रिपोर्ट के माध्यम से यह बताना चाहता है कि मुफ़्ती-ए-शहर मेहबूब अली साहब केवल एक शख्स नहीं थे, वे एक सोच, एक संस्कृति, और एक प्रेरणा थे।

उनकी अंतिम यात्रा इस बात की गवाह बनी कि असली सम्मान वह होता है, जो दिलों में जगह बनाकर मिलता है

रामपुर ने उन्हें सम्मान, शांति और श्रद्धा के साथ विदाई दी, और यह यकीन के साथ कहा जा सकता है कि उनके विचार और शिक्षाएं पीढ़ियों तक जीवित रहेंगी।

Khursheed Khan Raju

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