कूरेभार क्षेत्र में खाद की किल्लत से किसान परेशान, गुप्तारगंज बाजार में मारामारी से पहले शांति की मिसाल


संवाददाता , योगेश यादव

प्रमुख अंश

कूरेभार थाना क्षेत्र अंतर्गत गुप्तारगंज बाजार व जिले के अन्य हिस्सों में खाद (विशेषकर यूरिया) की भारी कमी के बीच किसान गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। किसान सुबह 5:00 बजे से कतारबद्ध होकर अपने नंबर का इंतज़ार करते हैं। जहां अधिक आवश्यकता वाले किसानों को मात्र एक‑दो बोरियाँ मिलने पर वे संतुष्ट हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों की संयमित सूझबूझ और व्यवस्थित व्यवहार ही वितरण प्रक्रिया को शांतिपूर्ण बनाए रख रही है।

सहकारी केंद्र के खाद विक्रेता, राधेश्याम पांडे का कहना है कि उनके सेंटर पर कुल 600 बोरी खाद उपलब्ध कराई गई थी, जिससे किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है और वितरण शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है।


स्थिति का विस्तृत विवरण

1. कूरेभार में यूरिया खाद की कमी

दैनिक दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, कूरेभार क्षेत्र में यूरिया खाद की भारी कमी देखी गई। सहकारी समिति के सामने सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई, और आपूर्ति केवल 200 बोरी तक सीमित थी। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। किसानों से आधार कार्ड जमा करवाकर और अंगूठा लगवाकर खाद वितरित की गई। किसान अपनी फसलों (धान) के लिए समय पर खाद की आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित न हो जाए।

2. पूरे सुलतानपुर जिले में खाद संकट

लाइव हिंदुस्तान के अनुसार, सुलतानपुर जिले में समग्र तौर पर यूरिया की कमी बनी हुई है। किसान बहुतेरे केंद्रों पर घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी खाद न मिल पाने से निराश होकर वापस लौट रहे हैं या फिर मजबूरी में वे निजी दुकानदारों से महँगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं (करीब 280–300 रुपये प्रति बोरी)।

इस समस्या ने कई समितियों पर किसानों का प्रदर्शन और आक्रोश भी उकसाया है, खासकर डीएपी खाद की कमी के चलते जहाँ किसानों ने काला बाजारी का आरोप लगाया।

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3. राहत की पहलें — निजी और इफ्को स्रोत से आपूर्ति

सरकार और निजी क्षेत्र की ओर से कुछ राहत भरी खबरें भी आई हैं:

  • प्राइवेट सेक्टर से पीसीएफ को 600 एमटी खाद उपलब्ध कराई गई, जिनमें 380 एमटी डीएपी शामिल थे।
  • इफ्को और निजी स्रोतों से 400 एमटी डीएपी 32 सहकारी बिक्री केंद्रों में भेजी गई।

4. निजी दुकानों पर गायब यूरिया, बढ़ी सरकारी केंद्रों पर भीड़

धनपतगंज समेत कई विकासखंडों में निजी दुकानों से यूरिया गायब हो गया। इसके चलते सरकारी गोदामों पर भारी भीड़ उमड़ गई। कीमतों को नियंत्रित रखने के दबाव के कारण दुकानदार खाद नहीं उठा रहे हैं, जिससे किसानों को वितरण केंद्रों तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

5. महँगे दाम और ओवर‑रेटिंग का दबाव

अमर उजाला ने रिपोर्ट किया कि कई निजी दुकानदार सहकारी समितियों की निर्धारित कीमत (जिस समय ~267.50 रुपये प्रति बोरी यूरिया) को नजरअंदाज करते हुए 390–400 रुपये प्रति बोरी लेने लगे हैं। कृषि विभाग ने ओवर‑रेटिंग की शिकायत मिलने पर दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित करने की चेतावनी भी दी है।

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6. राज्य सरकार का बड़ा दावा

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी सरकार ने दावा किया है कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है। क़हारिफ सीज़न के दौरान पर्याप्त खाद (6.04 लाख टन यूरिया, 3.93 लाख टन DAP, 3.02 लाख टन NPK) उपलब्ध है। यूरिया की वास्तविक कीमत 2174 रुपये प्रति बोरी होने पर किसानों को यह मात्र 266.50 रुपये में दी जा रही है। काले बाज़ारी और जमाखोरी पर शून्य‑सहिष्णुता नीति लागू की गई है।


News Time Nation Sultanpur

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News Time Nation Sultanpur” सन्दर्भ में निष्कर्ष

कूरेभार व सुलतानपुर जिले में खाद की किल्लत किसानों के लिए एक गहरी चिंता का विषय बनी हुई है। हालाँकि सरकार की ओर से स्टॉक और वितरण व्यवस्था का दावा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर किसानों को इंतजार, कतारबंदी, महँगे निजी विकल्प और मानसिक तनाव जैसी चुनौतियाँ झेलनी पड़ रही हैं।

हालांकि, निजी दुकानों पर ओवर‑रेटिंग पर कड़ी कार्रवाई, इफ्को व प्राइवेट स्रोत से आपूर्ति बढ़ाना, और सरकारी दावे स्टॉक के संदर्भ में सकारात्मक संकेत हैं। लेकिन समस्या का समाधान तभी स्थायी होगा जब:

  • वितरण तंत्र समय पर और पारदर्शी हो
  • निजी ओवर‑रेटिंग पर नियंत्रण प्रभावी बने
  • किसानों तक खाद बिना मध्यस्थता और बाधा के पहुंचे

इस आर्टिकल का उद्देश्य है किसानों की वास्तविक समस्या को उजागर करना, स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग की गतिविधियाँ रेखांकित करना, और “News Time Nation Sultanpur” ब्रांड के तहत एक विश्वसनीय, समीक्षात्मक और जागरूक रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

Khursheed Khan Raju

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