
संवाददाता , योगेश यादव
राष्ट्रीय खेल दिवस—जिसे हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाया जाता है—इस वर्ष सुल्तानपुर में एक शानदार आयोजन के साथ मनाया गया। पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल निदेशालय एवं हॉकी संघ सुल्तानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम ने हॉकी प्रेमियों के दिलों को उत्साह से भर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत: सजीव टूर्नामेंट का आयोजन
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रारंभ में आयोजित हॉकी प्रतियोगिता ने माहौल को जीवंत कर दिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक विनोद सिंह, विशिष्ट अतिथि भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायण सिंह और सीडीओ अंकुर कौशिक ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर, उन्हें खेल भावना और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की शपथ दिलाई।
मेजर ध्यानचंद को नमन व प्रेरक वक्तव्य
भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायण सिंह ने खासकर मेजर ध्यानचंद को नमन करते हुए कहा:
“सीमित संसाधनों के बावजूद मेजर ध्यानचंद ने अद्वितीय कौशल और अटूट लगन से भारत का मान बढ़ाया; वे सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे।”
आगे उन्होंने युवाओं से अपेक्षा जताई कि वे इस प्रेरणा को आत्मसात कर देश के लिए कुछ कर दिखाएं।
खिलाड़ियों और कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग
कार्यक्रम में शामिल थे:
- क्रीड़ा अधिकारी राजेश सोनकर
- सचिन तारीख
- वसीम
- वॉलीबॉल संघ के मुनेंद्र मिश्रा
- ओलंपिक संघ के सचिव पंकज दूबे
- क़रीब दरजनों खिलाड़ी और खेल पदाधिकारी
इन सभी ने मिलकर कार्यक्रम को स्वर और संरचना प्रदान की।
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हॉकी का जादू और युवा ऊर्जा
पंत स्टेडियम में आयोजित हॉकी मैचों ने सभी उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया:
- युवा खिलाड़ियों की चमक और जोश अद्वितीय था।
- प्रत्येक मैच में देखने लायक कौशल, त्वरित पासिंग और गोल की सुविधा थीं।
- खेल भावना और अनुशासन स्पष्ट रूप से नजर आया।
News Time Nation Sultanpur की टीम ने देखा कि पार्टिसिपेशन केवल ज़ारी नहीं—उन्होंने खेल कथित एक वैश्विक भाषा की तरह समझा और उसे मैदान पर उतारा।
राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व
नेशनल स्पोर्ट्स डे हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है—यह दिन इंगित करता है हॉकी के उस जादूगर की जयंती जिसकी वजह से भारत ने हॉकी में विश्व पटल पर कब्ज़ा किया। मेजर ध्यानचंद की 1905 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया गया था।
इस दिन विद्यालयों, कॉलेजों, स्टेडियम और अन्य संस्थाओं में विविध प्रतियोगिताएं, सम्मान समारोह और खेलों को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम संचालित होते हैं।
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मेजर ध्यानचंद का परिचय: हॉकी का जादूगर
मेजर ध्यानचंद (29 अगस्त 1905 – 3 दिसंबर 1979) भारतीय हॉकी के महानतम खिलाड़ी रहे, जिन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलिंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका खेल कौशल और दृढ़ता आज तक खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी जयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का उद्देश्य यही श्रद्धांजलि और खेल संस्कृति को आगे बढ़ाना है।
स्थानीय आयोजनों का प्रभाव
सुल्तानपुर में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक खेल आयोजन था, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसने युवाओं में खेल की समझ और सम्मान को सुदृढ़ किया।
News Time Nation Sultanpur का मानना है कि इस तरह के आयोजन भविष्य में कई खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे—जो न सिर्फ जिला या राज्य स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर नाम रोशन करेंगे।
निष्कर्ष
News Time Nation Sultanpur की यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि राष्ट्रीय खेल दिवस का जश्न केवल एक औपचारिकता नहीं है—यह युवाओं को प्रेरणा देने, राष्ट्रीय खेल संस्कृति को जीवित रखने और मेजर ध्यानचंद जैसे प्रतीकों की विरासत को आगे बढ़ाने का अवसर है।
पंत स्टेडियम में यह आयोजन वह प्रेरणास्त्रोत बना जो आने वाले सालों में अनेक प्रतिभाओं को मार्गदर्शन देगा।