रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में मुस्लिम नेता खुलकर भाजपा के साथ आ रहे हैं। इससे सपा के लिए खतरे की घंटी बज रही है। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और गन्ना विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबर अली खां भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं।
नवेद मियांं और बाबर अली कांग्रेस में हैं, फिर भी भाजपा के साथ हैं। अब राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद उसमान ने भी भाजपा के समर्थन की घोषणा कर दी है। सपा के भी कई लोग भाजपा नेताओं के संपर्क में बताए जा रहे हैं। जो भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
रामपुर की सियासत में आजम खां और नवाब खानदान
रामपुर की सियासत में नवाब खानदान और आजम खां के परिवार का दबदबा रहा है। आजम खां शहर से 10 बार विधायक चुने गए तो लोकसभा सदस्य व राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा भी राज्यसभा सदस्य व शहर विधायक रही हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम दूसरी बार स्वार-टांडा से विधायक हैं।
आजम खां के कारण नवेद मियांं भाजपा का कर रहे समर्थन
नवेद बिलासपुर व स्वार से पांच बार विधायक चुने गए हैं तो प्रदेश सकार में मंत्री भी रहे हैं, जबकि इनके पिता स्वर्गीय जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां पांच बार और मां बेगम नूरबानो दो बार लोकसभा सदस्य रहीं है। दोनों परिवारों में शुरू से ही छत्तीस का आंकड़ा है। आजम खां से अदावत के चलते ही नवेद मियां ने भाजपा के समर्थन का ऐलान किया। उनके साथ ही भाजपा को समर्थन देने वाले बाबर अली खां भी लंबे समय तक गन्ना परिषद के चेयरमैन रहे हैं।
रामपुर नवाब के भाजपा को समर्थन से सपा में मची खलबली
नवेद मियां और बाबर खा ने जून माह में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान भी भाजपा का साथ दिया था, तब भाजपा चुनाव जीत गई थी। अब फिर इनके द्वारा भाजपा को समर्थन दिए जाने से सपा खेमे में खलबली मच गई है। सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने तो इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी पत्र लिख दिया है।