संवाददाता, शाहबाज़ खान
Rampur: अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में जहां आम जनता अक्सर ठगी का शिकार होकर आर्थिक नुकसान उठाती है, वहीं Rampur पुलिस ने एक सराहनीय कदम उठाकर लोगों के दिलों में भरोसा और विश्वास की एक नई मिसाल कायम की है। साइबर अपराध से जूझ रहे एक पीड़ित को रामपुर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तकरीबन ₹5,46,177/- की धनराशि वापस दिलाकर बड़ी राहत दी है।
घटना का पूरा विवरण
जनपद रामपुर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र के रहने वाले शिकायतकर्ता सत्यभान सिंह निवासी आगापुर ने साइबर क्राइम थाना, Rampur में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि कुछ अज्ञात लोगों ने लाभ का लालच देकर धोखाधड़ी के जरिये उनके बैंक खाते से करीब ₹6,00,000/- की रकम स्थानांतरित करा ली।
इस मामले में पीड़ित व्यक्ति ने तत्काल पुलिस को सूचित किया और थाना साइबर क्राइम टीम ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही शुरू की।
Rampur :पुलिस की कार्यवाही
विद्यासागर मिश्र (पुलिस अधीक्षक, रामपुर),
अतुल कुमार श्रीवास्तव (अपर पुलिस अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी, साइबर अपराध)
के कुशल नेतृत्व में थाना साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए धोखाधड़ी की जांच की। विशेषज्ञों की मदद से पैसों के लेनदेन का डिजिटल ट्रेस निकालकर खातों की निगरानी की गई। इस दौरान टीम को सफलता मिली और पीड़ित की ठगी की रकम में से ₹5,46,177/- की धनराशि वापस करा दी गई।
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पीड़ित का आभार
धोखाधड़ी का शिकार हुए सत्यभान सिंह एडवोकेट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि:
“रामपुर पुलिस और साइबर क्राइम टीम ने जिस तत्परता और गंभीरता से कार्य किया, उसके लिए मैं आभारी हूँ। मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़े स्तर पर वापस पैसे मिल पाएंगे। यह कदम पुलिस के प्रति मेरा विश्वास और मजबूत करता है।”
बरामदगी का विवरण
- कुल ठगी गई धनराशि: ₹6,00,000/-
- वापस कराई गई धनराशि: ₹5,46,177/-
- शेष धनराशि: वापस दिलाने के लिए प्रयास जारी
रामपुर पुलिस की छवि पर सकारात्मक असर
यह कार्यवाही न केवल पीड़ित के लिए राहत का कारण बनी, बल्कि इससे पूरे Rampur जिले में पुलिस प्रशासन की छवि मजबूत हुई है। आम जनता के बीच यह संदेश गया है कि साइबर अपराध जैसी घटनाओं पर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है और तकनीकी साधनों के जरिए अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है।
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साइबर अपराध रोकथाम के लिए पुलिस की अपील
रामपुर पुलिस ने इस मामले के माध्यम से आम जनता को जागरूक करते हुए यह अपील की है कि:
- किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें।
- OTP, बैंक डिटेल या UPI पिन किसी के साथ साझा न करें।
- यदि आपके खाते से कोई संदिग्ध लेनदेन हो तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें या नजदीकी थाने से संपर्क करें।
- सोशल मीडिया या ऑनलाइन लिंक के जरिये आने वाले लालच और स्कीम से बचें।
- साइबर ठगी की सूचना समय रहते देने से ही रकम वापस दिलाने की संभावना बढ़ जाती है।
Rampur साइबर क्राइम पुलिस की इस कार्यवाही ने यह साबित कर दिया है कि अगर पीड़ित समय पर पुलिस से संपर्क करे तो साइबर अपराध की रोकथाम और ठगी गई रकम की बरामदगी संभव है। यह कदम न केवल पीड़ित के लिए बड़ी राहत है बल्कि पूरे जिले के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
साइबर अपराध रोकने में जनता की सतर्कता और पुलिस की तत्परता मिलकर ही अपराधियों के इरादों को नाकाम कर सकती है।
पुलिस की मेहनत और तकनीकी सहयोग
Rampur साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने न केवल तकनीकी साधनों का प्रयोग किया बल्कि बैंकिंग संस्थानों और डिजिटल पेमेंट गेटवे से भी तालमेल बिठाया। इस संयुक्त प्रयास से पैसों का ट्रैक मिल सका और रकम को सुरक्षित वापस कराया गया। यह दिखाता है कि रामपुर पुलिस आधुनिक तकनीक का कुशल इस्तेमाल कर रही है।
आम जनता के लिए सीख
यह घटना इस बात का सबूत है कि साइबर ठग कितने शातिर तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। कभी लालच देकर, तो कभी बैंक अधिकारी बनकर, तो कभी इनाम की स्कीम दिखाकर।
लेकिन रामपुर की यह घटना यह संदेश देती है कि –
👉 धोखाधड़ी होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराना जरूरी है।
👉 जितनी जल्दी रिपोर्ट होगी, उतना ही ज्यादा पैसा वापस मिलने की संभावना रहेगी।
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