| संवाददाता, अली जावेद |
1. कार्यक्रम की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
कोंच (जालौन) में डीवीसी एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम “समर्थ उत्तर प्रदेश‑विकसित उत्तर प्रदेश @2047” राज्य के दीर्घकालीन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण सुनहरा अवसर था। इस आयोजन की अध्यक्षता मण्डलायुक्त झांसी / नोडल अधिकारी विमल कुमार दुबे ने की। साथ ही मौजूद थे सेवानिवृत्त आईएएस विजय सिंह निरंजन, आईपीएस हीरा लाल, प्रो. डॉ. रामप्रकाश (वैज्ञानिक–कृषि विभाग), जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार।
उद्देश्य:
यह पहल प्रधानमंत्री के “विकसित भारत @2047” और मुख्यमंत्री के “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” की प्रेरणा पर आधारित है, जिसका लक्ष्य अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति को आधार बनाकर 12 प्रमुख क्षेत्रों जैसे कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि में रणनीतिक विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करना है।
2. सहभागिता: नागरिकों ने साझा किए महत्वपूर्ण विचार
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षकों और किसान शामिल हुए और उन्होंने अपने सुझाव दिए:
- छात्रों ने शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार संबंधी सुझाव रखे।
- शिक्षकों ने स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं, सुशासन और स्थानीय निकायों की सक्रिय भूमिका पर बल देने की बात की।
- किसानों ने फसल विविधीकरण, जल संरक्षण और कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- युवाओं और अन्य प्रतिभागियों ने तकनीक-आधारित पुलिसिंग, सुरक्षित वातावरण और पारदर्शी प्रशासन पर चर्चा की।
सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और प्रो. डॉ. रामप्रकाश ने सभी सुझावों को गंभीरता से सुनने का आश्वासन दिया और कहा कि इन्हें विज़न डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा।
3. एक्सपर्ट्स की भूमिका और संकल्प
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने नागरिकों से अपील की:
- “हर परिवार से कम से कम एक सुझाव चाहिए”—यह अभियान सिर्फ एक वर्ग तक सीमित नहीं है।
- सुझाव पोर्टल, सूचना सेतु ऐप या QR कोड के माध्यम से साझा किए जा सकते हैं।
- अभियान 5 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।
इस पहल से पता चलता है कि स्थानिक से लेकर राज्य स्तर तक भागीदारी को सुनिश्चित करना सरकार की प्रमुख रणनीति है।
4. ग्रामीण सुधार: कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना
कृषि की चुनौतियां भी विचाराधीन रहीं—मृदा की उर्वरता में कमी, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी व बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याएं सामने आईं।
इनके समाधान के लिए सुझाव थे:
- सिंचाई में निवेश बढ़ाना
- फसल विविधीकरण
- कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना
- कृषि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार पर जोर देना
इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं, जैसे PMKSY, PMFBY, e-NAM, आदि काफी सहायक हैं—जो क्रियान्वित होते रहे हैं।
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5. राज्य का विकास रोडमैप: तीन थीम, बारह क्षेत्र
विकसित उत्तर प्रदेश @2047 का रोडमैप तीन थीम पर आधारित है: अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति, और जोर वाला 12 क्षेत्र जैसे: कृषि, उद्योग, आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, आवास, समाज कल्याण आदि।
यह योजना आत्मनिर्भरता, सतत विकास और व्यापक भागीदारी को सुनिश्चित करती है।
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6. News Time Nation Jalaun का विश्लेषण
यह कार्यक्रम नीतिगत निर्माण में नागरिक सहभागिता, स्थानीय से लेकर राज्य तक संवाद, और दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण की दिशा में एक मॉडल पहल है।
यह न केवल योजना बनाने की प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बनाता है, बल्कि यह स्थानीय अनुभवों को राष्ट्रीय विज़न से जोड़ने का माध्यम भी है।
8. निष्कर्ष
“समर्थ उत्तर प्रदेश‑विकसित उत्तर प्रदेश @2047” कार्यक्रम स्पष्ट करता है कि विकास केवल योजनाओं का नहीं, बल्कि जनता की आवाज से आकार लेने वाला अभियान है।
अमेठी से लेकर कोंच तक, यह पहल विकास के लिए नागरिकों को “सेतु” बना रही है—और यह विकास तभी साकार होगा जब हम सब मिलकर इसे आधार दें।